मुंबई। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव से पहले शिवसेना (यूबीटी)-मनसे गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, बेस्ट एम्प्लॉइज कोऑपरेटिव क्रे...
मुंबई। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव से पहले शिवसेना (यूबीटी)-मनसे गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, बेस्ट एम्प्लॉइज कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड के चुनाव में शिवसेना (यूबीटी)-मनसे पैनल ने सभी 21 सीटें गंवा दी हैं. बुधवार को घोषित परिणामों में यह संख्या 100 थी.चुनाव में न तो सत्तारूढ़ दल और न ही शिवसेना (यूबीटी)-मनसे गठबंधन पैनल को बहुमत मिला, बल्कि बेस्ट वर्कर्स यूनियन के एक तीसरे पैनल ने कुल 21 में से 14 सीटें जीतकर शानदार जीत हासिल की.
पिछले कुछ दिनों में विधायक प्रसाद लाड और प्रवीण दरेकर के नेतृत्व वाले पैनल और शिवसेना (यूबीटी) तथा मनसे यूनियन नेताओं के प्रतिद्वंद्वी पैनल गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था.बेस्ट वर्कर्स यूनियन पैनल, जिसे ‘शशांक राव पैनल’ कहा जाता है, ने 14 सीटें जीतीं और ये विजेता अब सोसाइटी बोर्ड की अध्यक्षता करेंगे. लाड और दरेकर के नेतृत्व वाले पैनल ने सात सीटें जीतीं, जबकि सेना (यूबीटी) और मनसे एक भी सीट नहीं जीत सके.
राजनीतिक सूत्रों ने कहा कि यह बीएमसी चुनावों का पूर्वाभास था, जहाँ सत्तारूढ़ दल गठबंधन को सेना (यूबीटी) और मनसे से इसी तरह के विरोध का सामना करना पड़ सकता है.
सेना (यूबीटी) के वरिष्ठ यूनियन नेता सुहास सामंत ने कहा कि वे नतीजों से हैरान हैं. उन्होंने आरोप लगाया, “हमारी पार्टी के 12,000 कर्मचारी समर्थन कर रहे हैं, फिर भी हम हार गए. यह नोट के बदले वोट की संभावना को दर्शाता है, और इतने सालों से कर्मचारी कल्याण के लिए काम करने के मेरे प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला. इस बार रुझान अलग था.”
विधायक प्रसाद लाड और प्रवीण दरेकर के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी पैनल ने इसका खंडन किया,
जिन्होंने कहा कि बेस्ट के कर्मचारी पिछले कई सालों से सहकारी समिति में भ्रष्टाचार से अवगत थे और उन्होंने “बदलाव के लिए मतदान किया था.”राव ने कहा, “हमें लाड और दारेकर के नेतृत्व वाले पैनल के सदस्यों के साथ मिलकर काम करने में खुशी हो रही है. वे भी बोर्ड का हिस्सा होंगे.” उन्होंने आगे कहा कि उनका संघ पिछले कई वर्षों से बेस्ट कर्मचारियों के अधिकारों के लिए लड़ रहा है. राव ने लगभग एक दशक पहले अपने पिता दिवंगत वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेता शरद राव से संघ की ज़िम्मेदारी संभाली थी.