"जलवायु-स्मार्ट कृषि और कृषि उद्यमिता: एक सतत और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर"-डॉ. किशोर कुमार कृष्णानी भिलाई. असल बात news. स्वाम...
"जलवायु-स्मार्ट कृषि और कृषि उद्यमिता: एक सतत और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर"-डॉ. किशोर कुमार कृष्णानी
भिलाई.
असल बात news.
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई द्वारा आयोजित एवं एआईसीटीई द्वारा प्रायोजित अटल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम “कृषि प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रसंस्करण में तकनीकी नवाचार” में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ प्रो.संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक), भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, रांची झारखंड ने व्याख्यान दिया।
डॉ. कृष्णानी ने “कृषि प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रसंस्करण में कृषि उद्यमिता ऊष्मायन और विकास” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कृषि केवल उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्टार्टअप्स, इनोवेशन हब्स और उद्यमिता के लिए नई संभावनाएँ प्रस्तुत कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एग्रीप्रेन्योरशिप इन्क्यूबेशन सेंटर, बिज़नेस मॉडल्स, वित्तीय सहयोग और मेंटरशिप कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में रोजगार सृजन तथा आत्मनिर्भरता के सशक्त साधन हैं।
उन्होंने “कृषि-बाज़ार क्रांति में जलवायु-स्मार्ट नवाचार” विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए कृषि क्षेत्र में स्मार्ट तकनीकों, डिजिटलीकरण, ब्लॉकचेन आधारित ट्रेसेबिलिटी, स्मार्ट सप्लाई चेन और ई-मार्केट प्लेटफॉर्म्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जलवायु-स्मार्ट कृषि नवाचार किसानों की आय बढ़ाने, उत्पादन को स्थायी बनाने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत को सशक्त बनाने में सहायक होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य की कृषि में सतत विकास, नवाचार और वैश्विक सहयोग प्रमुख भूमिका निभाएँगे। उनका व्याख्यान प्रतिभागियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी और ज्ञानवर्धक रहा।
डॉ. कृष्णानी ने उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि किस प्रकार टेक्नोलॉजी–ड्रिवन स्टार्टअप्स, एग्री–इननोवेशन हब्स और पब्लिक–प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल्स कृषि क्षेत्र को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि वे नवाचार आधारित अनुसंधान और उद्यमिता को अपनाकर एग्री–फूड सेक्टर में परिवर्तनकारी भूमिका निभाएँ।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि –“डॉ. कृष्णानी का व्याख्यान प्रतिभागियों को स्टार्टअप इकोसिस्टम और एग्रीप्रेन्योरशिप मॉडल्स की वास्तविक समझ प्रदान करता है। इस प्रकार के सत्र शोध और उद्यमिता को जोड़कर नई दिशा प्रदान करते हैं।” “डॉ. कृष्णानी जैसे विद्वान प्रतिभागियों को वैश्विक दृष्टिकोण और नवाचार की दिशा में प्रेरित करते हैं। उनके व्याख्यान ने सभी को कृषि–बाज़ार और एग्रीप्रेन्योरशिप के बदलते स्वरूप की स्पष्ट समझ दी।”
डॉ. मोनिषा शर्मा एवं डॉ. दीपक शर्मा, निदेशक, श्री शंकराचार्य एजुकेशनल कैंपस, हुडको, ने कहा कि “जलवायु–स्मार्ट कृषि और एग्रीप्रेन्योरशिप विकास ग्रामीण भारत के लिए आर्थिक सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और नवाचार का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इस प्रकार के सत्र संस्थान की शैक्षणिक दृष्टि और शोध को नई दिशा देते हैं।”


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