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हत्या के आरोप में आरोपी को पारिस्थितिजन्य साक्षयों के आधार पर आजीवन कारावास की सजा

दुर्ग,भिलाई. असल बात न्यूज़. यहां न्यायालय ने वैशालीनगर भिलाई के एक चर्चित हत्याकांड में आरोपी को दोषसिद्ध होने पर आजीवन कारावास की सजा सुना...

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दुर्ग,भिलाई.

असल बात न्यूज़.

यहां न्यायालय ने वैशालीनगर भिलाई के एक चर्चित हत्याकांड में आरोपी को दोषसिद्ध होने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश दुर्ग पी एस मरकाम के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है. न्यायालय ने आरोपी के विरुद्ध प्रकरण में कोई प्रत्यक्षदर्शी साक्षय नहीं पाया,लेकिन परिस्थितियों के आधार पर उसके विरुद्ध दोष सिद्ध पाया गया.आरोपी गिरफ्तारी के बाद से लगातार न्यायिक हिरासत में निरुद्ध है. घटना मई 2021 की है जिसमें न्यायालय ने लगभग चार वर्षो के भीतर निर्णय दे दिया है.

प्रकरण वैशाली नगर थाना क्षेत्र भिलाई का है.साक्षयों के बयानों से यह बात के सामने आई है कि आरोपी राकेश चौबे  और मृतक शब्बीर अहमद पूर्व से दोस्त थे और दोनों साथ बैठकर खाते पीते भी थे.दोनों में पूर्व से कोई रंजिश नहीं थी.अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रार्थी उत्पल टांक उस दिन दोपहर में आरोपी राहुल चौबे के घर गया था.आरोपी ने ही उसे फोन कर अपने घर बुलाया था उसके कुछ देर बाद वह उसके घर पंहुचा.प्रार्थी उसके घर पहुंचा तो वहां मृतक शब्बीर अहमद लहूलुहान हालत में पड़ा था और उसके सिर पर कुल्हाड़ी लगी थी.घायल को पहले बी एम शाह हॉस्पिटल और उसके बाद शंकराचार्य अस्पताल ले गया जहां उसकी मृत्यु हो गई.

न्यायालय ने प्रकरण में विचारण के दौरान कोई प्रत्यक्षदर्शी साक्षय नहीं पाया.न्यायालय में माना कि प्रकरण का एक साक्षी,प्रार्थी के बुलाने पर उसके घर गया और वहां शब्बीर अहमद को लहूलुहान हालत में देखा. उस समय उनके घर में और कोई नहीं था.प्रतिपरीक्षण में भी यह तथ्य स्पष्ट हो गया है.न्यायालय के द्वारा परिस्थितियों को देखते हुए भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की धारा 109 के तहत यह माना गया कि आरोपी ने ही घटना के समय शब्बीर अहमद की हत्या के आशय से उसके सर पर धारदार गैती से प्राण घातक चोटे पहुंचाई गई जिसके करण शब्बीर की बाद में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. उस समय उन दोनों के अलावा घर में और कोई नहीं था.

 

प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार यादव ने पैरवी की.