नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी Nvidia Corp. को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है। ट्रंप क...
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी Nvidia Corp. को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है। ट्रंप का कहना है कि वह इस कंपनी को तोड़ने की फिराक में थे। उनका मानना था कि ऐसा करके आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में यूज होने वाले चिप्स के बाजार में कॉम्पिटिशन बढ़ाया जा सकता है। लेकिन बाद में साथियों के समझाने पर उन्होंने अपनी योजना बदल दी। एनवीडिया 4 ट्रिलियन डॉलर का मार्केट कैप हासिल करने वाली दुनिया की पहली कंपनी है। इसकी स्थापना 1993 में ताइवानी मूल के जेंसन हुआंग ने की थी।
ट्रंप ने वॉशिंगटन में एक एआई समिट में यह बात कही। उन्होंने कहा, "मैंने सोचा था कि मैं इस कंपनी को तोड़ दूंगा।" लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि यह इतना आसान नहीं है। उनके साथियों ने उन्हें बताया कि Nvidia का दबदबा इतना ज्यादा है कि उसे टक्कर देने में दूसरी कंपनियों को कई साल लग जाएंगे। ट्रंप ने आगे कहा, "मुझे लगा कि हम जाकर इसे थोड़ा तोड़ सकते हैं, थोड़ी प्रतिस्पर्धा ला सकते हैं। लेकिन मुझे पता चला कि यह इतना आसान नहीं है।" Nvidia ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस मौके पर Nvidia के CEO जेंसन हुआंग की तारीफ की। हुआंग खुद उस कार्यक्रम में मौजूद थे। हुआंग ने कुछ दिन पहले व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। पिछले हफ्ते, Nvidia को चीन को अपने H20 AI चिप्स बेचने की अनुमति मिल गई। यह अनुमति चीन के साथ हुए एक व्यापार समझौते के तहत मिली है। पहले ट्रंप प्रशासन ने इन चिप्स की बिक्री पर रोक लगा दी थी।
नविद्या हाल ही में 4 ट्रिलियन डॉलर का मार्केट कैप हासिल करने वाली दुनिया की पहली कंपनी बनी है। एआई हार्डवेयर की डिमांड में तेजी से कंपनी को बहुत फायदा हुआ है। पिछले साल अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने Nvidia के खिलाफ जांच की थी। यह जांच कंपनी के संभावित एंटीकॉम्पिटिटिव व्यवहार के सबूत खोजने के लिए की गई थी। बुधवार को ट्रंप ने AI एक्शन प्लान का अनावरण किया। इसका मकसद इंडस्ट्री पर रेगुलेटरी बोझ को कम करना है।