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जमीन पर हक पाने कार्यालयों के चक्कर लगाते थका परिवार, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के बाद दी आत्मदाह की चेतावनी…

  गरियाबंद। गलत तरीके से दंबगों द्वारा हथियाए गए 7 एकड़ पुश्तैनी जमीन को पाने डेढ़ लाख से ज्यादा रिश्वत दिया, फिर भी बंदोबस्त सुधार में 2 स...

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 गरियाबंद। गलत तरीके से दंबगों द्वारा हथियाए गए 7 एकड़ पुश्तैनी जमीन को पाने डेढ़ लाख से ज्यादा रिश्वत दिया, फिर भी बंदोबस्त सुधार में 2 साल लग गए. अब कार्यालय के चक्कर लगाते थक चुका परिवार 14 जुलाई से कलेक्टोरेट में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेगा, इसके बाद भी अगर काम नहीं हुआ तो सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी है.

बात हो रही है अमलीपदर तहसील के ग्राम खरीपथरा निवासी 48 वर्षीय मुरहा नागेश की. जिन्होंने कलेक्टर और एसपी को दिए ज्ञापन में 14 जुलाई को परिवार सहित अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने और उसके बाद भी सुनवाई नहीं होने पर सामूहिक आत्मदाह करने तक की चेतावनी दी है.


मुरहा ने बताया कि पूर्वजों से काश्त करते आ रहे कृषि भूमि को ग्राम के कुछ दबंगों ने राजस्व विभाग वाले से मिलीभगत कर अपने नाम करवा लिया था. अभिलेख त्रुटि के कारण रिकार्ड में मौजूद लगभग 7 एकड़ कृषि भूमि दूसरे स्थान पर दिखता है. गांव के दबंगों ने उसे बेदखल कर दिया है, जिससे उसका अपने पत्नी और तीन बेटों के साथ अब गुजर-बसर कर पाना दूभर हो गया है.

आगे लिखा है कि अपना हक पाने तहसील से लेकर कलेक्टोरेट तक चक्कर लगा कर थक चुका हूं. 14 अगस्त से कलेक्टर कार्यालय के सामने पूरा परिवार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे. मीडिया से कहा कि अगर फिर भी नहीं सुनवाई हुई तो वापस घर नहीं आएंगे, बल्कि उसी सरकारी परिसर में आत्मदाह कर लेंगे.


कर्ज लेकर दिया रिश्वत फिर भी

पीड़ित मुरहा ने बताया कि 2 साल पहले जब बंदोबस्त सुधार के लिए आवेदन किया तब से तहसील में 3 तहसीलदार बदल गए. तब तक 1 लाख, 60 हजार, फिर 20 हजार करके तीन बार में लगभग 2 लाख का रिश्वत लिया जा चुका है. कुछ दिन पहले ही अमलीपदर तहसील ने मुरहा के पक्ष में फैसला सुनाया. तीन दिन राहत मिली, लेकिन उभय पक्ष ने तहसील के आदेश को एसडीएम न्यायालय में चुनौती दे ही दै. एसडीएम दफ्तर ने मुरहा के कृषि कार्य पर रोक लगा दी है.

एसडीएम कार्यालय में होगी सुनवाई


मामले में तहसीलदार सुशील भोई का कहना है कि तहसील स्तर पर दर्ज बंदोबस्त त्रुटि सुधार प्रकरण में, परीक्षण और पर्याप्त कारणों के आधार पर मुरहा के पक्ष में फैसला दिया गया था. उभय पक्ष ने फैसले के विरुद्ध स्थगन आदेश ले आया है. मुरहा के प्रकरण की सुनवाई अब एसडीएम दफ्तर में होगी.