new dilli : एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने व्यापार अनिश्चितता और अमेरिका के हाई टैरिफ को लेकर चिंताओं के बीच वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत...
new dilli : एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने व्यापार अनिश्चितता और अमेरिका के हाई टैरिफ को लेकर चिंताओं के बीच वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को घटा दिया है। पहले एडीबी का अनुमान 6.7 प्रतिशत था जिसे घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है। रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2026-27 के लिए ग्रोथ रेट 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। कच्चे तेल की कीमतों में नरमी की शुरुआती अपेक्षाओं से भी वित्त वर्ष 2025-26 और वित्त वर्ष 2026-27 में आर्थिक गतिविधियों को समर्थन मिल सकता है।
संशोधन क्यों किया गया?
जुलाई के एशियाई डेवलपमेंट आउटलुक के अनुसार- यह संशोधन मुख्य रूप से अमेरिकी शुल्क और उससे जुड़ी नीतिगत अनिश्चितता के प्रभाव के कारण किया गया है। कम वैश्विक वृद्धि के प्रभावों और भारतीय निर्यात पर अतिरिक्त अमेरिकी शुल्क के प्रत्यक्ष प्रभाव के अलावा बढ़ी हुई नीतिगत अनिश्चितता निवेश प्रवाह को प्रभावित कर सकती है।
इसमें कहा गया कि इसके बावजूद आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं और ग्रामीण मांग में सुधार से घरेलू खपत में जोरदार वृद्धि होने की उम्मीद है। सेवा और कृषि क्षेत्र के वृद्धि के प्रमुख चालक होने की उम्मीद है तथा सामान्य से अधिक मानसूनी वर्षा के पूर्वानुमान से कृषि क्षेत्र को समर्थन मिलेगा।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च का अनुमान
इस बीच, इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया। यह रेटिंग एजेंसी के दिसंबर के 6.6 प्रतिशत के अनुमान से कम है। इसके मुख्य अर्थशास्त्री एवं सार्वजनिक वित्त प्रमुख देवेंद्र कुमार पंत ने कहा-प्रमुख प्रतिकूल परिस्थितियों में अमेरिका के सभी देशों पर एकतरफा शुल्क वृद्धि से अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य और अपेक्षा से कमजोर निवेश वातावरण शामिल हैं। वहीं अनुकूल परिस्थितियों में मौद्रिक सहजता, अपेक्षा से अधिक तेजी से मुद्रास्फीति में गिरावट और 2025 में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान शामिल है। भारतीय अर्थव्यवस्था 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।
आर्थिक समीक्षा में अनुमान
आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि अनुमान को पहले के 6.7 प्रतिशत के स्तर से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है।