Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


एक्शन में अमेरिका, भारत की छह कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, क्या है

  नई दिल्ली: अमेरिका ने भारत की छह कंपनियों पर पाबंदी लगा दी है। इन कंपनियों पर ईरान से पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स खरीदने का आरोप...

Also Read

 नई दिल्ली: अमेरिका ने भारत की छह कंपनियों पर पाबंदी लगा दी है। इन कंपनियों पर ईरान से पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स खरीदने का आरोप है। अमेरिका के विदेशी विभाग ने दुनियाभर की 20 कंपनियों पर पाबंदी लगाई है। अमेरिका ने ईरान के ऑयल ट्रेड पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसी सिलसिले में इन कंपनियों पर कार्रवाई की गई है। भारत की जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें अलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड, जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड, रमणीकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी, परसिसटेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड और कंचन पॉलीमर्स शामिल हैं। अमेरिका का आरोप है कि इन भारतीय कंपनियों को अच्छी तरह पता था कि वे ईरान के तेल व्यापार पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रही हैं। अमेरिका ईरान पर दबाव बनाना चाहता है ताकि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को बंद कर दे। पाबंदी के तहत इन कंपनियों की अमेरिका में या अमेरिकी लोगों के नियंत्रण वाली एसेट को फ्रीज कर दिया जाएगा। प्रतिबंधित कंपनियों में अगर किसी कंपनी की 50% या उससे ज्यादा हिस्सेदारी है तो वह कंपनी भी ब्लॉक हो जाएगी।



क्या है आरोप?


भारत की अलकेमिकल सॉल्यूशंस पर आरोप है कि उसने जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच 84 मिलियन डॉलर से ज्यादा के ईरानी पेट्रोकेमिकल आयात किए। इसी तरह ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड पर जुलाई 2024 से जनवरी 2025 के बीच ईरान से 51 मिलियन डॉलर से ज्यादा का मेथनॉल और दूसरे पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट खरीदे। जूपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड ने इस दौरान लगभग 49 मिलियन डॉलर का ईरानी सामान खरीदा।


रमणीकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी पर 22 मिलियन डॉलर से ज्यादा का मेथनॉल और टोलुइन खरीदने का आरोप है। अमेरिका का आरोप है कि परसिसटेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड ने अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच लगभग 14 मिलियन डॉलर का मेथनॉल आयात किया। इसी तरह कंचन पॉलीमर्स पर 1.3 मिलियन डॉलर से ज्यादा के ईरानी पॉलीथीन उत्पाद खरीदने का आरोप है। विदेश विभाग का कहना है कि इन पाबंदियों का मकसद कंपनियों को सजा देना नहीं है, बल्कि उनके व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाना है।"