रायपुर . असल बात news. प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामीण योजना में दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत डूमरडीह, उमरपोटी एवं घुघषीडीह को...
रायपुर .
असल बात news.
प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामीण योजना में दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत डूमरडीह, उमरपोटी एवं घुघषीडीह को शामिल किया गया है. इन आदर्श ग्रामों के विकास के लिए पिछले तीन वर्षों के दौरान कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है. इसकी वजह से इन ग्राम पंचायत में इस योजना के तहत विकास के काम शुरू नहीं हो सका है. सदस्य ललित चंद्राकर के द्वारा पूछे गए प्रश्न पर यह जानकारी सामने आई है.
सदस्य ललित चंद्राकर ने आज विधानसभा में सवाल किया था कि दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम पंचायत प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत शामिल हैं तथा वर्ष 1 जनवरी 2023 से 20 जून 2022 तक योजना के तहत विकास कार्य के लिए किन-किन ग्रामों को कौन-कौन से कार्य हेतु कितनी राशि प्रदान की गई है तथा इसमें से कितनी राशि में की गई और कितनी राशि लंबित है. उन्होंने यह भी पूछा कि इस योजना में शामिल कौन-कौन से ग्रामों को विकास कार्य के लिए आज पर्यंत तक राशि जारी नहीं की गई है.
इसका जवाब देते हुए विभागीय मंत्री श्री रामविचार नेताम के द्वारा लिखित उत्तर में बताया गया है कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्रामीण योजना में शामिल ग्राम डूमरडीह, उमरपोटी एवं घुघसीडीह को 1 जनवरी 2023 से 20 जून 2025 तक भारत सरकार से प्राप्त नहीं होने कारण कोई भी राशि, प्रदान नहीं की गई है. प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में न्यूनतम 500 कुल आबादी तथा 40% अनुसूचित जाति आबादी वाले ग्रामों का भारत सरकार के द्वारा चयन किया जाता है.
सदस्य श्री चंद्राकर के द्वारा यहीं दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में संचालित हो रहे उद्योगों के अपशिष्टों के डंपिंग के संबंध में भी प्रश्न उठाया गया. उन्होंने प्रश्न किया कि दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में संचालित हो रहे उद्योगों से निकल रहे अवशेषों को डम्प करने या निकासी के लिए क्या-क्या प्रावधान किया गया है? अपशिष्ट पदार्थों को डम्प करने हेतु भूमि का चयन किस आधार पर एवं किस नियम के तहत किया जाता है दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में डंपिंग हेतु भूमि का कहां-कहां चयन किया गया है ?
इन प्रश्नों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने लिखित उत्तर में बताया कि दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से जल एवं वायु सम्मति प्राप्त संचालित उद्योगों से उद्योग की प्रकृति के अनुसार ठोस अपशिष्ट के रूप में निकलने वाले राखड़ को लाभकारी प्रयोग जैसे फ्लाई ऐश आदि निर्माण इकाइयों को प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है तथा रोलिंग मिल,इंडक्शन फर्निश आदि इकाइयों से निकलने वाले स्क्रैप कटिंग मिल स्क्रैप का पुनर्चक्रण किया जाता है अथवा अन्य इकाइयों को विक्रय किया जाता है एवं स्लेग को मेटल रिकवरी के पश्चात परिसर के भीतर सड़क निर्माण भुभराव में उपयोग किया जाता है. उल्लिखित क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों के परिसर से बाहर डम्प करने योग्य अन्य अवशिष्ट उत्पन्न नहीं होता है. उद्योगों द्वारा अपशिष्ट पदार्थों को डंप करने हेतु स्थल चिन्हित नहीं किया गया है.