कवर्धा,असल बात कवर्धा, बाढ़ जैसी आपदा से बचाव के लिए सबसे पहली प्राथमिकता यह है कि सभी को तैरना आना चाहिए। यह न केवल एक कला है, बल्कि जीवन र...
कवर्धा,असल बात
कवर्धा, बाढ़ जैसी आपदा से बचाव के लिए सबसे पहली प्राथमिकता यह है कि सभी को तैरना आना चाहिए। यह न केवल एक कला है, बल्कि जीवन रक्षा का सबसे सरल और सशक्त उपाय भी है। यह बात जिला कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने आज स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय अंग्रेजी माध्यम, कवर्धा में आयोजित एक दिवसीय आपदा प्रबंधन कार्यशाला में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही।
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि कवर्धा में राष्ट्रीय स्तर के तैराकी प्रतियोगिता के लिए अत्याधुनिक स्वीमिंग पूल की सुविधा उपलब्ध है, जिसका उपयोग बच्चों को करना चाहिए। उन्होंने जब विद्यार्थियों से पूछा कि कितने बच्चों को तैरना नहीं आता, तो बड़ी संख्या में बच्चों ने हाथ उठाया। इस पर उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण बच्चों के आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं, और ये जीवन भर काम आते हैं। उन्होंने आपदा से बचने के लिए सिखाए गए सभी उपायों को उपयोगी और कारगर बताया।
यह एक दिवसीय कार्यशाला राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें ओडिशा के कटक से विशेष रूप से आई एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़, आंधी, तूफान, बिजली गिरने जैसी आपात परिस्थितियों से बचाव के व्यावहारिक उपाय बताए। विद्यार्थियों को सभागार में प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन के माध्यम से जीवन रक्षक विधियों से अवगत कराया गया। एनडीआरएफ टीम में शामिल इंपेक्टर श्री आर.के. यादव ने बताया कि बाढ़ जैसी आपदाओं में सबसे जरूरी है घबराने की बजाय सोच-समझकर सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ना। पास में कोई मजबूत वस्तु हो तो उसका सहारा लें, और बिजली के खंभों व गिरे पेड़ों से दूरी बनाए रखें। घर में बोतल, बाल्टी, ट्यूब जैसी वस्तुएं आपात स्थिति में सहायक हो सकती हैं।
श्री विवेक पांडेय ने कहा कि बिजली गिरने की स्थिति में खुले मैदान, पेड़ों के नीचे खड़े होना खतरनाक है। ऐसी स्थिति में सुरक्षित भवन या वाहन में शरण लेना सबसे बेहतर उपाय होता है। भूकंप की स्थिति में लिफ्ट का उपयोग न करें, किसी मजबूत कोने में जाकर सिर व गर्दन को ढक लें। कार्यक्रम में एसडीएम श्री रावटे, जिला बाढ़ आपदा प्रबंधन के नोडल अधिकारी एवं डिप्टी कलेक्टर श्री बी.आर. देवगन ने भी विद्यार्थियों को व्यावहारिक जानकारियां देते हुए प्राकृतिक आपदा से निपटने के उपायों को विस्तार से समझाया। विद्यालय के प्राचार्य श्री आर.एल. बारले ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे प्रशिक्षण विद्यार्थियों को न केवल जागरूक बनाते हैं बल्कि उन्हें सामाजिक रूप से उत्तरदायी भी बनाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे कार्यशाला में सीखे गए प्रत्येक पहलू को व्यवहार में लाएं। प्रशिक्षण सह कार्यशाला में विद्यालय के सभी कक्षाओं के विद्यार्थी और शिक्षक उपस्थित थे।
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