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10 सूत्रीय मांगों को लेकर नवा रायपुर के धरना स्थल पर जुटेंगे प्रदेशभर के 16,000 कर्मचारी

  रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के हजारों कर्मचारी आज विधानसभा घेराव की तैयारी में हैं। 10 सूत्रीय मांगों, जिसमें ...

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 रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के हजारों कर्मचारी आज विधानसभा घेराव की तैयारी में हैं। 10 सूत्रीय मांगों, जिसमें नियमितीकरण, ग्रेड पे, मेडिकल अवकाश, और पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना जैसी प्रमुख मांगें शामिल हैं, को लेकर यह आंदोलन चल रहा है।


10 जूलाई से लगातार जारी है प्रदर्शन


बता दें कि NHM कर्मचारियों का यह प्रदर्शन 10 जूलाई से लगातार जारी है। इससे पहले बीते 10 जुलाई को सभी विधायकों और 11 जुलाई को भाजपा जिला अध्यक्षों को ज्ञापन सौंपा गया। वहीं, 12 से 15 जुलाई तक काली पट्टी लगाकर कार्य किया गया। बुधवार 16 जुलाई को प्रदेश के सभी 33 जिला मुख्यालयों में एनएचएम कर्मियों ने ताली और थाली बजाकर जिला मुख्यालयों पर रैली निकाली और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा। अब आज 17 जुलाई को राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय प्रदर्शन होगा, जिसमें करीब 16,000 कर्मचारी नवा रायपुर के धरना स्थल पर जुटेंगे और वहां से विधानसभा घेराव के लिए मार्च करेंगे।


सरकार पर आरोप – “भूल गई वादे, कर रही कोरोना योद्धाओं का अपमान”


NHM संविदा कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि कोविड काल में हमें कोरोना वॉरियर्स कहकर ताली और थाली बजवाई गई, लेकिन आज वही कर्मचारी अपनी मांगों के लिए सड़कों पर हैं और अपने लिए खुद ताली और थाली बजाने पर मजबूर हैं। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।


20 वर्षों से लंबित मांगें, सौंपे 100 से अधिक ज्ञापन


छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से कार्यरत हजारों कर्मचारियों को अब तक नियमित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि “मोदी की गारंटी” में इन समस्याओं के समाधान का वादा किया गया था, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर सेवा देने वाले कर्मचारी आज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। संगठन का कहना है कि अब तक 100 से अधिक बार ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं, लेकिन सरकार की चुप्पी ने कर्मचारियों को एक बार फिर सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है।


प्रमुख मांगे (10 सूत्रीय)


  1. नियमितीकरण
  2. समान कार्य-समान वेतन
  3. ग्रेड पे निर्धारण
  4. मेडिकल बीमा
  5. अनुकंपा नियुक्ति
  6. 27% वेतन वृद्धि
  7. सेवा सुरक्षा
  8. सामाजिक सुरक्षा लाभ
  9. पदोन्नति नीति
  10. भविष्य निधि योजना में शामिल करना

संघ की अपील की है कि सरकार तत्काल उनकी मांगों पर संज्ञान ले और वार्ता के माध्यम से समाधान निकाले। यदि हमारी बातें फिर भी अनसुनी की गईं, तो हम अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे।