जून महीना: तेरह निलंबित, शासन-प्रशासन के कामकाज में कसावट लाने की कोशिश, गैर- जिम्मेदार, अधिकारियों- कर्मचारियों को सबक सिखाने का प्रयास छत्...
जून महीना: तेरह निलंबित, शासन-प्रशासन के कामकाज में कसावट लाने की कोशिश, गैर- जिम्मेदार, अधिकारियों- कर्मचारियों को सबक सिखाने का प्रयास
छत्तीसगढ़.
राज्य में सुशासन लाने की बात की जा रही है, शासन प्रशासन को तत्पर बनाने और क़सावट लाकर आम लोगों की समस्याओं के निराकरण की बात की जा रही है. ऐसे में लापरवाह और अनिमितता के दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी जरूरी है. एक तरफ सुशासन अभियान चल रहा था तो वहीं दूसरी तरफ मई- जून महीने में लापरवाही और अनियमितता के दोषी जिम्मेदार अधिकारियों पर तड़ा -तड़ कार्रवाई की गई है. इससे उम्मीद की जानी चाहिए कि छत्तीसगढ़ में लापरवाह और आम लोगों से गैर -जिम्मेदाराना व्यवहार करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को सबक मिलेगा. इस महीने के दौरान कार्रवाई में 13 से अधिक अधिकारी कर्मचारी निलंबित कर दिए गए हैं .
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी एल.पी. पटेल निलंबित
छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग ने अनुशासनहीनता और अमर्यादित आचरण को गंभीरता से लेते हुए सारंगढ़-बिलाईगढ़ के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्री एल.पी. पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा मार्च 2025 में आयोजित हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी परीक्षाओं के दौरान जिले में कलेक्टर द्वारा गठित उड़नदस्ता दल में श्री पटेल ने बिना अनुमोदन के बदलाव कर दिए थे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को धमकाने, अभद्र भाषा के प्रयोग और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने जैसे कृत्य किए। उनके इस आचरण पर कलेक्टर, सारंगढ़-बिलाईगढ़ द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसका उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया।
श्री पटेल का यह व्यवहार छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 का उल्लंघन माना गया है। शासन ने उन्हें निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय कार्यालय, संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग बिलासपुर नियत किया है। जिला शिक्षा अधिकारी, रायगढ़ को सारंगढ़-बिलाईगढ़ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
डौण्डी के विकासखंड शिक्षा अधिकारी जयसिंह भारद्वाज निलंबित,युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में गंभीर अनियमितता बरतने के मामले में संभागायुक्त ने की कार्रवाई
शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में गंभीर अनियमितता बरतने के मामले को लेकर संभागायुक्त दुर्ग ने बालोद जिले के डौण्डी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, जयसिंह भारद्वाज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई जिला स्तरीय युक्तियुक्तकरण समिति, बालोद की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है, जिसमें शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी डौण्डी द्वारा गंभीर अनियमितताएं बरतने का मामला पकड़ में आया है।
प्रथम दृष्टया जांच में पाया गया कि खण्ड शिक्षा अधिकारी डौण्डी द्वारा कई शिक्षकों को गलत तरीके से अतिशेष की श्रेणी में डाला गया है, जबकि नियमों के अनुसार ऐसा नहीं होना चाहिए था। श्रीमती रीता गरेवाल, जो अभी परिवीक्षा अवधि में हैं, उन्हें गलत तरीके से अतिशेष माना गया। इसी तरह श्री नूतन कुमार साहू को भी ऐसे ही हालात में अतिशेष गिना गया, जबकि स्कूल में गणित विषय का एक ही शिक्षक पदस्थ है। पूर्व माध्यमिक शाला साल्हे, धुरवाटोला और पूत्तरवाही में भी विषय और शिक्षक चयन में गंभीर त्रुटियां पाई गईं। इन सभी मामलों में श्री भारद्वाज की ओर से गंभीर लापरवाही और प्रशासनिक स्वेच्छाचारिता बरती गई।
मनेन्द्रगढ़ बीईओ सुरेन्द्र जायसवाल निलंबित,शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में गंभीर अनियमितताओं का आरोप
*कमिश्नर सरगुजा संभाग ने की कार्रवाई
सरगुजा संभाग के आयुक्त ने मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी मनेन्द्रगढ़ सुरेन्द्र प्रसाद जायसवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई राज्य शासन के निर्देशानुसार शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के दौरान बरती गई अनियमितताओं के चलते की गई है। जारी आदेश के अनुसार, श्री जायसवाल पर शिक्षकों की वरिष्ठता सूची में हेरफेर करने, विषयों की गलत जानकारी देने और चक्रिय नियमों का पालन न करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
आदेश में तीन प्रमुख अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है जिस में माध्यमिक शाला लेदरी में वरिष्ठता क्रम में आगे होने के बावजूद श्रीमती गुंजन शर्मा को अतिशेष घोषित किया गया। इसी तरह प्राथमिक शाला चिमटीमार में नियुक्ति तिथि के आधार पर श्रीमती अर्णिमा जायसवाल को अतिशेष माना जाना चाहिए था, किंतु इसके विपरीत श्रीमती संध्या सिंह को अतिशेष सूची में रखा गया। माध्यमिक शाला साल्ही में शिक्षक श्री सूर्यकांत जोशी के विषय की गलत जानकारी दी गई और विषय चक्र का पालन नहीं किया गया।
आयुक्त सरगुजा ने इसे कर्तव्य में लापरवाही और स्वैच्छाचारिता मानते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 और (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत निलम्बन की कार्रवाई की है।
*महासमुंद के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी निधीश कुमार कोष्टी निलंबित,लापरवाही और अनियमितता के मामले में शासन ने की कार्रवाई
छत्तीसगढ़ शासन ने शासकीय कार्य में अनियमितता, तय दर से अधिक मूल्य पर मदिरा विक्रय, स्टॉक में गंभीर कमी और बिक्री राशि में लाखों रुपये की गड़बड़ी के मद्देनज़र महासमुंद जिले के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी श्री निधीश कुमार कोष्टी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत की गई है। निलंबन अवधि में श्री कोष्टी का मुख्यालय आबकारी आयुक्त कार्यालय, नवा रायपुर अटल नगर में निर्धारित किया गया है।
गौरतलब है कि 29 मई 2025 को आबकारी विभाग मुख्यालय रायपुर के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा महासमुंद जिले के घोड़ारी स्थित कम्पोजिट मदिरा दुकान का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण से पूर्व एक छद्म ग्राहक को 500-500 रूपए की कुल 4 नोट यानि कुल 2000 रूपए देकर मदिरा खरीदने भेजा गया। निर्धारित मूल्य 1760 रूपए के स्थान पर विक्रयकर्ता द्वारा 2000 रूपए में मदिरा बेचा गया। पूछताछ में विक्रयकर्ता ने अधिक मूल्य पर विक्रय की बात स्वीकार की। स्टॉक के भौतिक सत्यापन में 1886 नग देशी मदिरा मसाला की कमी और एक लाख 88 हजार रूपए की आर्थिक गड़बड़ी पाई गई। वहीं, बिक्री राशि की तुलना में नगदी में 3 लाख 8 हजार रूपए और विदेशी मदिरा में एक लाख 99 हजार रूपए की कमी पकड़ में आई। इस प्रकार कुल 6 लाख 96 हजार रूपए की वित्तीय अनियमितता का मामला पकड़ में आया। उपरोक्त अनियमितताओं को देखते हुए राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी महासमुंद को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने की कार्रवाई की गई है।
आबकारी आयुक्त ने बताया कि इससे पूर्व में 3 मई 2025 को राज्य स्तरीय उड़नदस्ता द्वारा बागबहरा (महासमुंद) में उड़ीसा निर्मित और केवल उड़ीसा में वैध 351.17 बल्क लीटर अवैध मदिरा जब्त की गई थी, जिसमें तीन प्रकरण दर्ज हुए और फरार आरोपी के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धाराओं 34(2) और 59(क) के तहत कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है, प्रदेश में शासकीय जिम्मेदारियों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महासमुंद में की गई इस कार्रवाई,को सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण बताया गया है।
*खण्ड शिक्षा अधिकारी जगदलपुर निलंबित
*युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में लापरवाही का मामला
बस्तर जिले में चल रही युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरतने पर खण्ड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) जगदलपुर मानसिंह भारद्वाज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई कमिश्नर बस्तर संभाग श्री डोमन सिंह के अनुमोदन पर प्रभारी कलेक्टर श्री प्रतीक जैन द्वारा की गई है।
जारी आदेश के अनुसार, श्री भारद्वाज ने युक्तियुक्तकरण हेतु विकासखंड जगदलपुर से जिला स्तरीय समिति को कई स्तरों पर त्रुटिपूर्ण और भ्रामक जानकारी प्रस्तुत की। जैसे नगरनार के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कनिष्ठ शिक्षक को वरिष्ठ और वरिष्ठ शिक्षक को कनिष्ठ दिखाया गया। इसके अतिरिक्त, विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (हिन्दी माध्यम), सेजेस, जगदलपुर की संवर्ग संबंधी जानकारी में भी गलत विवरण प्रस्तुत किया गया, जहां ई संवर्ग की शाला को टी एवं ई दोनों संवर्ग में रिक्त पदों सहित दर्शाया गया
इसके अलावा वरिष्ठता निर्धारण, स्वीकृत एवं रिक्त पदों की सूचना में भी अनेक विसंगतियाँ पाई गईं। श्री भारद्वाज की यह कार्यप्रणाली न केवल राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के विपरीत है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 तथा सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील नियम 1966 का भी उल्लंघन है। इन गंभीर त्रुटियों के आधार पर उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर किया गया है।
*बीईओ एम.डी. दीवान निलंबित,अतिशेष शिक्षकों की वरीयता सूची तैयार करने में लापरवाही का मामला
*आयुक्त बिलासपुर संभाग बिलासपुर ने की कार्रवाई
स्कूल शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण संबंधी निर्देशों के पालन में लापरवाही बरतने पर विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) बम्हनीडीह, जिला जांजगीर-चांपा एम.डी. दीवान को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की यह कार्रवाई आयुक्त बिलासपुर संभाग बिलासपुर द्वारा की गई है।
शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार, जांजगीर-चांपा जिले के बम्हनीडीह विकासखण्ड में पदस्थ अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन कर वरीयता सूची तैयार की जानी थी। जिला शिक्षा अधिकारी, जांजगीर-चांपा द्वारा कलेक्टर को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें उल्लेख किया गया कि विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा तैयार की गई वरीयता सूची में अनियमितताएं पाई गईं हैं। सूची की त्रुटियों को काउंसलिंग के पूर्व ठीक कर प्रक्रिया तो पूर्ण कर ली गई, लेकिन वरीयता सूची तैयार करने में बरती गई लापरवाही को गंभीर मानते हुए कलेक्टर, जांजगीर-चांपा द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव दिया गया था। इसी के आधार पर बिलासपुर संभागायुक्त ने बीईओ दीवान को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने का आदेश जारी किया है।
*स्मार्ट आंगनबाड़ी निर्माण कार्य में लापरवाही पर जैनम कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एफआईआर दर्ज
नारायणपुर जिले में बीएसपी सीएसआर योजना अंतर्गत 12 स्मार्ट आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण कार्य में निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने तथा शासकीय धन राशि के दुरूपयोग के मामले में जिला प्रशासन ने जैनम कंस्ट्रक्शन, बाजारपारा गीदम, जिला दंतेवाड़ा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है। स्मार्ट आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण के लिए जैनम कंस्ट्रक्शन, बाजारपारा गीदम, जिला दंतेवाड़ा को प्रत्येक केन्द्र के लिए 15 लाख रुपये की दर से कुल एक करोड़ 80 लाख रुपये की मंजूरी दी गई थी।
निर्माण कार्य के लिए संबंधित फर्म को एक करोड़ 39 लाख रुपये की राशि अग्रिम रूप से प्रदाय की गई थी। परंतु, कार्य की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें प्राप्त होने पर कलेक्टर नारायणपुर प्रतिष्ठा ममगाईं के निर्देशानुसार जांच समिति गठित की गई। समिति द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में निर्माण कार्य में गंभीर अनियमितताएं तथा शासकीय धनराशि के दुरुपयोग की पुष्टि हुई। जैनम कंस्ट्रक्शन द्वारा निर्माण कार्य में निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया गया तथा शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया है। उक्त तथ्यों के आधार पर जैनम कंस्ट्रक्शन, बाजारपारा गीदम, जिला दंतेवाड़ा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली गई है। कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं ने कहा है कि शासकीय योजनाओं में लापरवाही और भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि स्मार्ट आंगनबाड़ी के निर्माण के लिए कुल एक करोड़ 80 लाख रूपए की प्रशासकय स्वीकृति प्राप्त हुई थी। उक्त कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी, जिसमें सबसे कम दर प्रस्तुत करने पर जैनम कंस्ट्रक्शन, बाजारपारा गीदम, जिला दंतेवाड़ा को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया।
*कर चोरी करने वाले व्यवसायियों के विरूद्ध स्टेट जीएसटी की बड़ी कार्यवाही
मेसर्स अरिहंत स्टील नारायणपुर जिला नारायणपुर के व्यवसाय स्थल पर स्टेट जीएसटी विभाग जगदलपुर द्वारा 31 मई को जांच की कार्यवाही की गई है। जब मौके पर जांच टीम पहुंची तो, देखा कि उनके व्यवसाय स्थल पर व्यवसाय से संबंधित कोई भी लेखा पुस्तक या सॉफ्टवेयर जैसे कि टैली का संधारण नहीं पाया गया, जबकि जीएसटी के प्रावधानों के अनुरूप व्यवसाय स्थल पर समस्त लेखा पुस्तकें रखा जाना अनिवार्य है। व्यवसायी ने बताया कि समस्त बिल, कर सलाहकार द्वारा जारी किया जाता है। इस कारण कर अपवंचन की संभावना और भी प्रबल हो गई। आगे जांच में पाया गया कि वर्ष 2021-22 से वर्ष 2024-25 तक कुल टर्न ओव्हर लगभग 16 करोड़ रुपये से अधिक किन्तु उस पर कर का नगद भुगतान मात्र 43 हजार रुपये का वर्तमान अवधि तक किया गया है।
साथ ही साथ जब ई-वे बिल की जांच की गई तो पता चला कि वर्ष 2021-22 से वर्ष 2024-25 तक माल की खरीदी 8.21 करोड़ रुपये की गई किंतु माल की सप्लाई के लिए कोई ई-वे बिल जारी नही किया गया। जिससे यह पता चलता है कि माल का विक्रय आम उपभोक्ता को किया गया है किन्तु बिल को अन्य व्यवसायियों को बेचकर बोगस इनपुट टैक्स का लाभ दिया गया है, जिससे कि केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकार को कर राजस्व की अत्यधिक हानि हुई है। जांच के दौरान व्यवसायी के द्वारा अपनी गलती / त्रुटि स्वीकार करते हुए स्वैच्छिक रूप से 10
लाख रुपये का कर भुगतान करने की मंशा जाहिर की, किंतु जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने व्यवसाय स्थल पर उपलब्ध स्टॉक की मात्रा (अनुमानित कीमत 90 लाख रुपये ) के समर्थन में व्यवसायी से लेखा पुस्तकें एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने की मांग की। व्यवसायी की ओर से कोई भी जानकारी एवं दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। व्यवसायी द्वारा अपने परिचित कुछ मीडियाकर्मियों एवं व्यवसायियों को एकत्रित कर जांच टीम पर दबाव डालने का प्रयास किया गया। व्यवसायी के असहयोगात्मक रवैये एवं कर अपवंचन की विस्तृत जांच हेतु स्थानीय पुलिस की उपस्थिति में आगामी कार्यवाही तक व्यवसाय स्थल सील बंद किया गया है।
*कर चोरी करने वाले व्यवसायियों के विरूद्ध स्टेट जीएसटी की बड़ी कार्यवाही
मेसर्स बंसल ट्रेडिंग कार्पोरेशन, अंबिकापुर के व्यवसाय स्थल पर स्टेट जीएसटी विभाग अंबिकापुर द्वारा 29 मई को जांच की कार्यवाही की गई है। भारत सरकार द्वारा संचालित जीएसटी पोर्टल के अनुसार इनका रिस्क स्कोर 10 आ रहा था, जिसका आशय होता है कि फर्म कर अपवंचन में संलिप्त है। जब मौके पर जांच टीम पहुंची तो, देखा कि उनके व्यवसाय स्थल पर व्यवसाय से संबंधित कोई भी लेखा पुस्तक या कोई भी सॉफ्टवेयर जैसे कि टैली का संधारण नहीं पाया गया, जिससे कर अपवंचन की संभावना और भी प्रबल हो गई। आगे जांच में पाया गया कि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2024-25 तक कुल टर्न ओव्हर लगभग रू. 158 करोड़ से अधिक है किंतु उस पर कर का नगद भुगतान शून्य किया गया है।
साथ ही साथ जब ई-वे बिल की जांच की गई तो पता चला कि वर्ष 2023-24 में माल की खरीदी 29.50 करोड़ की गई किंतु माल की सप्लाई मात्र रू. 50 लाख की ही की गई, जिससे यह पता चलता है कि माल का विक्रय आम उपभोक्ता को किया गया है किंतु बिल को अन्य व्यवसायियों को बेचकर बोगस इनपुट टैक्स का लाभ दिया गया है, जिससे कि केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार को कर राजस्व की अत्यधिक हानि हुई है। जांच के दौरान व्यवसायी के द्वारा अपनी गलती / त्रुटि स्वीकार करते हुए स्वैच्छिक रूप से रू. 40.00 लाख कर भुगतान करने की मंशा जाहिर की किंतु जीएसटी विभाग के अधिकारियों नें व्यवसायी से लेखा पुस्तक एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने की मांग की। व्यवसायी की ओर से अभी तक कोई भी जानकारी एवं दस्तावेज प्रस्तुत नही किया गया है।
इसके साथ-साथ दिनांक 30.05.2025 एवं दिनांक 31.05.2025 को मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स, अंबिकापुर के व्यवसाय स्थल पर स्टेट जीएसटी विभाग अंबिकापुर द्वारा जांच की कार्यवाही की गई है। इनके यहां जांच में पाया गया कि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2024-25 तक कुल टर्न ओव्हर लगभग रू. 96 करोड़ से अधिक है किंतु उस पर कर का नगद भुगतान नगण्य किया गया है। साथ ही साथ जब ई-वे बिल की जांच की गई तो ज्ञात हुआ कि वर्ष 2023-24 में माल की खरीदी 11 करोड़ की गई किंतु माल की सप्लाई मात्र रू. 7 करोड़ की ही की गई है।
जांच के दौरान व्यवसायी के द्वारा अपनी गलती / त्रुटि स्वीकार करते हुए स्वैच्छिक रूप से रू. 17.55 लाख कर भुगतान कर दिया गया है। उक्त व्यवसायी पर स्टेट जीएसटी विभाग द्वारा पूर्व में कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
*दुर्ग जिले में शिक्षकों की पोस्टिंग में असंतुलन से प्रभावित हो रहा ग्रामीण अंचल के स्कूलों का परीक्षा परिणाम
*युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था होगी बेहतर
जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग ने शिक्षा विभाग को प्रेषित अपनी रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि जिले के ग्रामीण अंचलों के शासकीय हाई स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी तथा शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों की अधिकता के कारण शैक्षिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यही कारण है कि ग्रामीण अंचल के स्कूलों का परीक्षा परिणाम औसत से भी कम है। शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के लिए युक्तियुक्तकरण जरूरी है। ग्रामीण अंचल के विद्यालयों में शिक्षकों की आवश्यकता के अनुरूप पदस्थापना करने से बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी और रिजल्ट में सुधार होगा।
जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने रिपोर्ट में उल्लेखित किया है कि विकासखंड धमधा अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल मुरमुदा में स्वीकृत 6 पदों के विरुद्ध मात्र 3 व्याख्याता कार्यरत हैं, जबकि कक्षा दसवीं की छात्र संख्या 63 है। शिक्षक अभाव के कारण यहाँ का वार्षिक परीक्षा परिणाम मात्र 47.62 प्रतिशत रहा। इसी प्रकार शासकीय हाई स्कूल सिलितरा और शासकीय हाई स्कूल बिरेझर में भी स्थिति अत्यंत दयनीय है। दोनों विद्यालयों में स्वीकृत 6-6 पदों के विरुद्ध एक भी व्याख्याता पदस्थ नहीं है। क्रमशः 81 एवं 63 छात्रों की दर्ज संख्या वाले इन विद्यालयों में परीक्षा परिणाम क्रमशः 36.59 प्रतिशत एवं 35.00 प्रतिशत ही रहा है।
वहीं दूसरी ओर, शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में छात्रों की अपेक्षा शिक्षकों की संख्या आवश्यकता से कहीं अधिक है। उदाहरणस्वरूप, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला केम्प-1 मिलाई में 225 छात्रों के लिए स्वीकृत 7 पदों के विरुद्ध 17 शिक्षक कार्यरत हैं, जो कि दर्ज संख्या के मान से 10 शिक्षक अधिक हैं। इसी प्रकार नेहरू शासकीय प्राथमिक शाला दुर्ग में 113 छात्रों के लिए स्वीकृत 4 पदों की तुलना में 11 शिक्षक पदस्थ हैं, जो कि 7 शिक्षक अतिरिक्त हैं। जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग ने ग्रामीण विद्यालयों में शिक्षकों की शीघ्र पदस्थापना की आवश्यकता जताई है, ताकि परीक्षा परिणाम में सुधार लाया जा सके और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो सके।
*राजस्व अभिलेखों में जिस अधिकारी के लॉगिन से त्रुटिपूर्ण प्रविष्ठि होगी, उस पर होगी कड़ी कार्रवाई : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
*रायगढ़ में सुशासन तिहार के तहत योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक सम्पन्न
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि राजस्व अभिलेखों में त्रुटि के लिए संबंधित अधिकारी या कर्मचारी जिम्मेदार माने जाएंगे। यदि किसी अधिकारी के लॉगिन से गलत प्रविष्टि हुई है, तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने रायगढ़ में सुशासन तिहार के अंतर्गत आयोजित समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लोगों की ज़मीन, खेती, या अन्य दस्तावेजों में त्रुटि की वजह से जनता का प्रशासन पर से भरोसा न टूटे, इसके लिए जरूरी है कि राजस्व प्रणाली को जवाबदेह बनाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि त्रुटि सुधार कार्य पर राजस्व अधिकारी विशेष निगरानी रखें।
बैठक में मुख्यमंत्री ने लात नाला सिंचाई परियोजना के लंबे समय से अधूरे होने पर नाराजगी जताते हुए इसे शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही अटल सिंचाई योजना के तहत लंबित सभी परियोजनाओं को प्राथमिकता से पूर्ण करने को कहा। गोमर्डा अभ्यारण्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 26 गांवों में भूमि रजिस्ट्री पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों से ग्रामीण क्षेत्रों का नियमित दौरा करने को कहा ताकि छोटी समस्याओं का तत्काल समाधान हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब जिले छोटे हो गए हैं, ऐसे में अधिकारी समय निकालकर अधिक से अधिक गांवों में पहुंचें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसानों को खाद-बीज उठाने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। डीएपी की संभावित कमी को देखते हुए वैकल्पिक उपायों पर किसानों को जानकारी दी जाए। उन्होंने फसल चक्र परिवर्तन के लिए भी किसानों को प्रेरित करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने मानसून पूर्व तैयारियों की चर्चा करते हुए सर्पदंश से निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एंटीवेनम दवाएं रखने के निर्देश दिए। रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में डेंगू व पीलिया जैसी बीमारियों को रोकने के लिए नगर निगम एवं प्रशासन को सजग रहने कहा। मुख्यमंत्री ने मैदानी जिलों में अवैध शराब की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने ओडिशा से लगते सीमावर्ती इलाकों में शराब की अवैध आवाजाही रोकने विशेष निगरानी की आवश्यकता बताई।
*बीईओ एम.डी. दीवान निलंबित,अतिशेष शिक्षकों की वरीयता सूची तैयार करने में लापरवाही का मामला
स्कूल शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण संबंधी निर्देशों के पालन में लापरवाही बरतने पर विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) बम्हनीडीह, जिला जांजगीर-चांपा एम.डी. दीवान को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की यह कार्रवाई आयुक्त बिलासपुर संभाग बिलासपुर द्वारा की गई है।
शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार, जांजगीर-चांपा जिले के बम्हनीडीह विकासखण्ड में पदस्थ अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन कर वरीयता सूची तैयार की जानी थी। जिला शिक्षा अधिकारी, जांजगीर-चांपा द्वारा कलेक्टर को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें उल्लेख किया गया कि विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा तैयार की गई वरीयता सूची में अनियमितताएं पाई गईं हैं। सूची की त्रुटियों को काउंसलिंग के पूर्व ठीक कर प्रक्रिया तो पूर्ण कर ली गई, लेकिन वरीयता सूची तैयार करने में बरती गई लापरवाही को गंभीर मानते हुए कलेक्टर, जांजगीर-चांपा द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव दिया गया था। इसी के आधार पर बिलासपुर संभागायुक्त ने बीईओ दीवान को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने का आदेश जारी किया है।
*विभागीय कार्यों में उदासीनता पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी निलंबित
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने विभागीय कार्यों में रूचि नहीं लेने के कारण दुर्ग जिले के भिंभौरी नगर पंचायत के प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री श्रीनिवास द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विभागीय क्षेत्रीय संयुक्त संचालक कार्यालय, दुर्ग से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है।
निलंबन अवधि में श्री श्रीनिवास द्विवेदी का मुख्यालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के क्षेत्रीय संयुक्त संचालक कार्यालय, दुर्ग नियत किया गया है। नियमानुसार उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
*वनाधिकार और अतिक्रमण के मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वनाधिकार पट्टों की समीक्षा राजस्व, आदिवासी विकास और वन विभाग संयुक्त रूप से करें और केवल पात्र हितग्राहियों को ही पट्टा प्रदान किया जाए। उन्होंने अवैध पट्टा धारकों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही सीमावर्ती जिलों में अवैध रूप से निवास कर रहे लोगों की पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश के परिपालन में आबकारी विभाग में बड़ी कार्रवाई
*तीन आबकारी सर्किल के प्रभारी अधिकारी निलंबित
*6 वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी*l
*बलौदाबाजार, महासमुंद और राजनांदगांव जिले में अवैध शराब पर रोक लगाने में विफल रहने वाले अधिकारियों पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के स्पष्ट और कड़े निर्देश के परिपालन में आबकारी विभाग ने अवैध शराब के परिवहन, संग्रहण और कारोबार पर रोक लगाने में लापरवाही और उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य स्तरीय उड़नदस्ते के औचक निरीक्षण में बलौदाबाजार, महासमुंद और राजनांदगांव जिले में अवैध शराब का मामला पकड़ में आने पर तीन सर्किल अधिकारियों को निलंबित करने के साथ ही आबकारी विभाग के 6 वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब-तलब किया गया है।
आबकारी आयुक्त से प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने के मामले में लापरवाही और उदासीनता बरतने के मामले में बलौदाबाजार जिले के वृत्त प्रभारी श्रीमती मोतिन बंजारे को निलंबित करने के साथ ही जिला आबकारी अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह, सहायक आबकारी अधिकारी एवं मंडल प्रभारी श्री जलेस सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राज्य स्तरीय उड़नदस्ते ने बलौदाबाजार जिले के ग्राम बनसांकरा में अप्रैल माह में की गई छापामार कार्रवाई में मध्यप्रदेश राज्य की 104 पेटी विदेशी मदिरा जब्त की गई थी। इस मामले में उक्त अधिकारियों को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए यह कार्रवाई की गई है।
इसी प्रकार 3 मई 2025 को महासमुंद जिले के बागबाहरा में 14 पेटी देशी शराब, 8 पेटी गोवा, 14 पेटी उड़ीसा राज्य की बीयर एवं 13 नग विदेशी मदिरा के जब्ती के मामले में वृत्त बागबाहरा के प्रभारी मुकेश कुमार वर्मा को निलंबित कर दिया गया है, जबकि वहां पर जिला आबकारी अधिकारी श्री निधिश कोष्ठी एवं मंडल प्रभारी श्री उत्तम बुद्ध भारद्वाज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
राजनांदगांव जिले के आबकारी वृत्त डोंगरगढ़ स्थित ग्राम करवारी लतमर्रा मार्ग के एक फार्म हाउस में पुलिस द्वारा की गई छापामार कार्रवाई में 432 पेटी विभिन्न ब्रांड की विदेशी शराब और भारी मात्रा में खाली बोतल, ढक्कन, लेबल एवं 4 हजार नग होलोग्राम जब्त किया गया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए वृत्त डोंगरगढ़ के प्रभारी अनिल कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है, जबकि राजनांदगांव के तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त श्री यदुनंदन राठौर एवं मंडल प्रभारी श्री संदीप सहारे को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य में शराब के अवैध परिवहन, संग्रहण एवं कारोबार पर कड़ाई से रोक लगाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए थे। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट रूप से कहा था कि आबकारी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में सख्ती से इस पर प्रतिबंध लगाएं और इसमें संलिप्त लोगों के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई करें। इस मामले में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि राज्य स्तरीय उड़नदस्ता द्वारा जिलों में अवैध शराब का मामला पकड़ में आने पर संबंधित अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी। उक्त तीनों वृत्तों के प्रभारी अधिकारियों का निलंबन और विभाग के 6 वरिष्ठ अधिकारियों को जारी नोटिस इसी का परिणाम है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि राज्य में अवैध शराब के कारोबार को किसी भी कीमत पर पनपने नहीं दिया जाएगा और इस दिशा में ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जाएगी। आबकारी सचिव श्री मुकेश बंसल एवं आबकारी आयुक्त श्री श्याम धावडे ने सभी जिला एवं मंडल अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अवैध मदिरा के निर्माण, परिवहन एवं बिक्री की किसी भी सूचना पर तत्काल और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी की लापरवाही पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
*शिक्षा विभाग के अधिकारियों का तबादला: मुख्यमंत्री श्री साय की सख़्त चेतावनी के बाद पहली कार्रवाई, शिक्षा व्यवस्था में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
*महासमुंद में बोर्ड परीक्षा परिणामों पर सख़्त रुख: मुख्यमंत्री ने जताई थी नाराजगी
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की जीरो टॉलरेंस नीति और परिणाम आधारित कार्यशैली का असर अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने आज महासमुंद जिले में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी का स्थानांतरण करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा व्यवस्था में लापरवाही, निष्क्रियता और खराब प्रदर्शन अब किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार महासमुंद जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी प्राचार्य श्री एम.आर. सावंत को उनके पद से हटाकर कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा विभाग, जगदलपुर में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है। उनके स्थान पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी नवागढ़ (जांजगीर-चांपा) के पद पर कार्यरत प्राचार्य श्री विजय कुमार लहरे को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी महासमुंद नियुक्त किया गया है। वहीं श्री भूपेंद्र कुमार कौशिक को जांजगीर चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड का विकासखंड शिक्षा अधिकारी नियुक्त किया गया है।
यह निर्णय उस समीक्षा बैठक के बाद सामने आया है, जिसमें मुख्यमंत्री श्री साय ने महासमुंद जिले की बोर्ड परीक्षा में खराब परिणामों पर गहरी नाराजगी व्यक्त की थी। सुशासन तिहार के तीसरे चरण में महासमुंद में आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पष्ट कहा था कि शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए सुधार लाने का निर्देश दिया था। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की गई यह कार्रवाई दर्शाती है कि मुख्यमंत्री श्री साय की सरकार परिणाम आधारित कार्यशैली में विश्वास रखती है और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए हर आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
*कार्यों में लापरवाही और धीमी प्रगति पर राज्य शासन की कड़ी कार्रवाई
*कुम्हारी नगर पालिका के सीएमओ तत्काल प्रभाव से निलंबित
*उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कुम्हारी नगर पालिका कार्यालय के औचक निरीक्षण में पायी थी अव्यवस्था और अनुशासनहीनता, अपूर्ण दस्तावेजों, रिकॉर्ड संधारण और कार्यों में लापरवाही पर सीएमओ को लगाई थी फटकार
*प्रधानमंत्री आवास योजना और अमृत मिशन के कार्यों में धीमी प्रगति पर जताई थी असंतुष्टि, सुशासन तिहार में आवेदनों के निराकरण की धीमी प्रगति से भी थे नाखुश
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव द्वारा नगर पालिका कार्यालय के औचक निरीक्षण के दौरान अपूर्ण दस्तावेज, रिकॉर्ड संधारण, कार्यों में लापरवाही और धीमी प्रगति पाए जाने के बाद आज राज्य शासन ने कुम्हारी नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी को निलंबित कर दिया है। उप मुख्यमंत्री श्री साव के औचक निरीक्षण के बाद नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सीएमओ श्री नेतराम चन्द्राकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के कुम्हारी नगर पालिका कार्यालय के औचक निरीक्षण के दौरान अधिकांश अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति पंजी एवं निष्ठा एप में उपस्थिति नहीं पायी गयी। नगर पालिका लेखा के निरीक्षण में कैशबुक पंजी एवं लेखा पंजी अपूर्ण पाया गया। निकाय में पेयजल संकट की स्थिति, अमृत मिशन और अटल परिसर के निर्माण की प्रगति अत्यंत धीमी पायी गई। निकाय में राजस्व वसूली, प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य निर्माण कार्यो के साथ ही सुशासन तिहार में आवेदनों के निराकरण की प्रगति भी अत्यधिक धीमी पायी गई। उप मुख्यमंत्री श्री साव द्वारा औचक निरीक्षण और कार्यों की समीक्षा में सीएमओ श्री नेतराम चन्द्राकर संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाये। इस दौरान उनकी भाषा-शैली भी अशोभनीय थी।
राज्य शासन ने कुम्हारी नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री नेतराम चन्द्राकर के इस कृत्य को गंभीर कदाचार मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय संयुक्त संचालक, क्षेत्रीय कार्यालय दुर्ग नियत किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने 9 मई को कुम्हारी नगर पालिका कार्यालय के औचक निरीक्षण में गंभीर अव्यवस्था और अनुशासनहीनता पायी थी। उन्होंने अपूर्ण दस्तावेजों, रिकॉर्ड संधारण और कार्यों में लापरवाही पर सीएमओ को फटकार लगाई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और अमृत मिशन के कार्यों में धीमी प्रगति पर असंतुष्टि जताई थी। श्री साव वहां सुशासन तिहार में आवेदनों के निराकरण की धीमी प्रगति से भी नाखुश थे। उन्होंने अनुपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए थे।