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मुठभेड़ में मारा गया एक करोड़ का इनामी सेंट्रल कमेटी मेंबर सुधाकर, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र का था वांटेड

  बीजापुर.  छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबल को फिर बड़ी कामयाबी मिली है. नेशनल पार्क इलाके में जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में नक्...

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 बीजापुर. छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबल को फिर बड़ी कामयाबी मिली है. नेशनल पार्क इलाके में जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में नक्सली लीडर सेंट्रल कमेटी के मेंबर नरसिम्हाचलम उर्फ गौतम उर्फ सुधाकर मारा गया है. वह छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र का वांटेड था. सुधाकर पर तीनों राज्यों को मिलाकर एक करोड़ का इनाम था. इसकी पुष्टि डीआईजी कमललोचन कश्यप ने की है.




सूत्रों के अनुसार मुठभेढ़ अब भी जारी है. जंगल में कुछ और बड़े नक्सली नेताओं के फंसे होने की संभावना है. इस आपरेशन में नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों की डीआरजी की संयुक्त टीम शामिल है. माड़ क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में जवानों ने सुबह से ही नक्सलियों की घेराबंदी शुरू कर दी थी, जिसके बाद मुठभेड़ में यह बड़ी सफलता मिली. जवान लगातार इलाके की सर्चिंग कर रहे हैं. मारे गए नक्सलियों की संख्या भी बढ़ सकती है. मौके से एक ऑटोमेटिक राइफल बरामद किया गया है.

नक्सलियों के शिक्षा विभाग का इंचार्ज था सुधाकर

मुठभेढ़ में ढेर सुधाकर नक्सलियों के शिक्षा विभाग का इंचार्ज था. वह आंधप्रदेश के चिंतापालुदी ग्राम का रहने वाला था और बीते तीन दशकों से नक्सल गतिविधियों में सक्रिय था.

मुठभेढ़ में मारा गया सेंट्रल कमेटी मेंबर सुधाकर

जानकारी के अनुसार, DRG, कोबरा और STF के जवान लगातार नक्सलवाद के खिलाफ सर्चिंग ऑपरेशन कर माओवादियों का खात्मा कर रहे हैं. दोनों ओर से रुक-रुक कर फायरिंग जारी है. वहीं मुठभेड़ को लेकर पुलिस अधिकारियों की SP कार्यालय में बैठक जारी है. पुलिस डीआईजी कमलोचन कश्यप, डीआईजी सीआरपीएफ समेत अन्य पुलिस के अधिकारी मुठभेड़ पर नजर बनाए हुए हैं. बता दें कि पिछले छह महीनों में सुरक्षाबलों के जवान तीन सेंट्रल कमेटी मेंबर और नक्सली चीफ बसवराजु को ढेर कर चुके हैं.

बस्तर IG ने आत्मसमर्पण का दिया था मौका

बीते दिनों 29 मई को बस्तर आईजी ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने का आखिरी मौका देते हुए बड़ा बयान दिया था. IG ने साफ शब्दों में कहा था कि चाहे सोनू हो, हिडमा हो, सुजाता हो या रामचंद्र रेड्डी या कोई भी डिविजन कमेटी मेंबर या बड़े कैडर का लीडर, अगर अपनी जान बचाना चाहता है, तो अब भी वक्त है…हिंसा छोड़ें, हथियार डालें और शासन की पुनर्वास नीति का लाभ लें. नहीं, तो उनका अंत अब निकट है. 

बस्तर IG ने यह भी दावा किया था कि कई सीनियर माओवादी संगठन छोड़ना चाहते हैं और हम लगातार उनसे संपर्क में हैं. आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में सीनियर नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संभावना है. आईजी ने बताया था कि 2024 और 2025 के 16 महीनों में 1400 से ज्यादा माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं.