Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


छत्तीसगढ़ सरकार के युक्तियुक्तकरण से जैतपुरी और सारंगपुरकला प्राथमिक विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की हुई नियुक्ति, जिले के सभी स्कूल में शिक्षक की हुई नियुक्ति, अब कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं

कवर्धा,असल बात        कवर्धा । छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई युक्तियुक्तकरण नीति का असर कबीरधाम जिले में स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। जिले...

Also Read

कवर्धा,असल बात


       कवर्धा । छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई युक्तियुक्तकरण नीति का असर कबीरधाम जिले में स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। जिले के शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों में अब शिक्षकों की नियमित नियुक्ति हो चुकी है, जिससे दूरस्थ ग्रामीण अंचलों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। युक्तियुक्तकरण नीति से जिले के कवर्धा विकासखंड के जैतपुरी और बोड़ला विकासखंड के सारंगपुरकला जैसे प्राथमिक स्कूलों, जो पहले शिक्षकविहीन थे, अब नियमित शिक्षक उपलब्ध हो गए है। पहले इन विद्यालयों में शालासंलग्नीकरण के माध्यम से शिक्षक की व्यवस्था की गई थी, लेकिन अब युक्तियुक्तकरण के बाद वहां स्थायी शिक्षकों की पदस्थापना की जा चुकी है।

     जिला शिक्षा अधिकारी श्री वाय डी साहू ने बताया कि कबीरधाम जिले में 02 प्राथमिक शालाएं शिक्षकविहीन एवं 111 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय तथा 07 पूर्व माध्यमिक शाला और 05 हाईस्कूल एकल शिक्षकीय था। युक्तियुक्तकरण से इन स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था कर दी गई है। जिले में प्राथमिक शालाओं में 202 एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में 31 शिक्षक और हाई/हायर सेकेंडरी स्कूल में 43 व्याख्याता अतिशेष थे। जिसका युक्तियुक्तकरण के बाद शिक्षकों की समानांतर रूप से व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने बताया कि हमारे जिले में 02 प्राथमिक शालाओं का समायोजन किया गया है। इससे विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता के साथ ही एक ही परिसर में विद्यालय होने से आधारभूत संरचना मजबूत होगी और स्थापना व्यय में भी कमी आएगी।

    कबीरधाम जिले में 1609 स्कूलों में से 1607 स्कूल यथावत संचालित रहेगी। सिर्फ उन्हीं 2 स्कूलों का समायोजन किया गया है, जिनमें छात्रों की संख्या बहुत कम थी और पास में बेहतर विकल्प मौजूद थे। एक ही परिसर में स्थित विद्यालयों को समाहित किया गया है। इसके साथ ही अतिरिक्त शिक्षकों का समायोजन कर एकल शिक्षकीय और शिक्षक विहीन विद्यालयों में पदस्थापना की गई है। युक्तियुक्तकरण से लगभग 90 प्रतिशत बच्चों को तीन बार प्रवेश प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी और बच्चों की पढ़ाई में गुणवत्ता के साथ ही निरंतरता भी बनी रहेगी। बच्चों के ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी। अच्छी बिल्डिंग, लैब, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही जगह देना आसान होगा।

असल बात,न्यूज