छत्तीसगढ़. असल बात न्यूज़. दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल, ब्रासीलिया ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स संसदीय फोरम में हिस्सा लेने के बा...
छत्तीसगढ़.
असल बात न्यूज़.
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल, ब्रासीलिया ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स संसदीय फोरम में हिस्सा लेने के बाद आज छत्तीसगढ़ लौट रहे हैं. ताजा परिवेश में भारत देश के लिए यह संसदीय फोरम काफी महत्वपूर्ण रहा है जिसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में देश से उच्च स्तरीय संसदीय दल ने हिस्सा लिया.छत्तीसगढ़ से दुर्ग के सांसद विजय बघेल को इस फोरम में हिस्सा लेने का अवसर मिला. इस अंतरराष्ट्रीय फोरम में शामिल होकर यहां लौट रहे सांसद विजय बघेल का उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं के द्वारा यहां माना विमानतल पर जोरदार स्वागत करने की तैयारियां की गई है.
भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला ने किया. प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश, राज्यसभा सांसद श्री सुरेंद्र सिंह नगर, लोकसभा सांसद श्री विजय बघेल, लोकसभा सांसद श्री विवेक ठाकुर, लोकसभा सांसद डॉ. शबरी बैरेड्डी, लोकसभा महासचिव श्री उत्तपल कुमार सिंह, राज्यसभा महासचिव श्री पी.सी. मोदी, तथा लोकसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित थे. इस ब्रिक्स संसदीय फोरम में 10 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. जिसमें ब्राजील,रूस,चीन, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, मिश्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया जैसे सदस्य देश के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. जो जानकारी है उसके अनुसार यहां फोरम में भारत के द्वारा विभिन्न मुद्दों पर प्रस्तुत दृष्टिकोण को सभी देशों के द्वारा चलाया गया है और उसे सर्व सम्मति से अंतिम संयुक्त घोषणा पत्र में शामिल किया गया है. आतंकवाद के विरुद्ध भारत के दृढ़ और स्पष्ट नीति को गंभीरता से स्वीकार किया गया. भारत ने सभी प्रकार के आतंकी हमलो की कठोर निंदा की है.
फोरम में भारत की ओर से बहुपक्षीय शांति और सुरक्षा ढांचे में सुधार पर विचार प्रस्तुत किया गया। इस मंच का मुख्य विषय ‘अधिक समावेशी और टिकाऊ वैश्विक शासन के निर्माण में ब्रिक्स संसदों की भूमिका’था।संयुक्त घोषणा में भारत के पहलगाम में हुये हालिया आतंकी हमले की कठोर शब्दों में निंदा की गई, और यह सहमति बनी कि सभी ब्रिक्स देशों की संसदें आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर कार्य करेंगी. श्री बिड़ला ने आतंकवादी संगठनों को मिलने वाली आर्थिक मदद को रोकने, खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान, आधुनिक तकनीकों के दुरुपयोग को रोकने तथा जांच और न्यायिक प्रक्रियाओं में सहयोग जैसे पहलुओं पर साझा प्रयास करने पे जोर दिया.