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सीजीएमएससी द्वारा जारी किया ई टेंडर 6 माह बीतने के बाद भी टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं, अब नए सिस्टम से पुनः टेंडर निकाला जा रहा

  रायपुर.पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज परिसर में बनने वाले 700 बिस्तरों वाले नए एकीकृत अस्पताल भवन का टेंडर 6 माह बाद भी पूरा नहीं...

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 रायपुर.पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज परिसर में बनने वाले 700 बिस्तरों वाले नए एकीकृत अस्पताल भवन का टेंडर 6 माह बाद भी पूरा नहीं हुआ है. सीजीएमएससी द्वारा पुराने टेंडर को रद्द कर अब नए सिस्टम से टेंडर निकाला जा रहा है. दिसंबर में पहली बार टेंडर जारी हुआ था और जनवरी मध्य में खुलना था. 231 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस नए अस्पताल में स्त्री रोग और शिशु रोग के इलाज की पूरी और अत्याधुनिक सुविधाएं रहेंगी.

पिछले कुछ सालों में प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉ. अम्बेडकर अस्पताल में मरीजों का दबाव बढ़ा है. इसके चलते विभिन्न विभागों के लिए वार्ड कम पड़ने लगे हैं. हाल के वर्षों में कुछ विभागों का विस्तार भी किया गया लेकिन वह भी मरीजों की संख्या के कारण नाकाफी साबित हो रहे हैं. इसे देखते हुए राज्य शासन ने मेडिकल कॉलेज परिसर में ही नया एकीकृत अस्पताल भवन का निर्माण करने का निर्णय लिया है.  भवन 700 बिस्तरों वाला होगा. अस्पताल के निर्माण का जिम्मा शासन ने सीजीएमएससी को सौंपा है. सीजीएमएससी ने दिसंबर 24 में ई टेंडर जारी किया था लेकिन 6 माह बीतने के बाद भी टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब नए सिस्टम से पुनः टेंडर निकाला जा रहा है. गौरतलब है कि अस्पताल भवन की ड्राइंग डिजाइन दिल्ली के आर्किटेक्ट प्रेम चौधरी एसोसिएट्स द्वारा की गई है. अस्पताल भवन का निर्माण 231 करोड़ की लागत से किया जाएगा. इसके लिए बजट में राशि का प्रावधान भी किया गया था.

नए भवन में क्या-क्या

700 बिस्तरों वाले नए एकीकृत अस्पताल भवन में स्त्री रोग एवं शिशु रोग विभाग शिफ्ट होंगे. ग्राउंड फ्लोर में स्त्री रोग और शिशु रोग की ओपीडी तथा प्रथम तल पर ऑपरेशन थियेटर होंगे. इसके अलावा सायकेट्री, स्किन, ईएनटी को भी इसी भवन में समायोजित करने की योजना है. नए भवन बनने से अम्बेडकर अस्पताल के पुराने भवन में मरीजों का दबाव कम होगा और मरीजों को भर्ती करने में बेड की समस्या भी नहीं होगी. वर्तमान में अम्बेडकर अस्पताल में मरीजों का दबाव काफी बढ़ गया है. सीजन में मरीजों को भर्ती होने के लिए बेड नहीं मिलते. सारे वार्ड फुल रहते हैं. हालत यह रहती है कि कई मरीज को आपात चिकित्सा वार्डों में भर्ती करना पड़ता है. इसे देखते हुए लंबे समय से नए अस्पताल भवन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी.

नया अस्पताल भवन भी पुराने हॉस्टल भवन को तोड़कर बनाया जाएगा

मेडिकल कॉलेज परिसर के पीछे स्थित दो पुराने हॉस्टल भवन वाली जगह पर नया अस्पताल भवन का निर्माण किया जाएगा. पुराने हॉस्टल भवन को अब तक तोड़ा भी नहीं गया है. पुराना और जर्जर होने के कारण मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा नया गर्ल्स एवं ब्वायज हॉस्टल बनाया गया है. बताते हैं कि हॉस्टल भवन को तोड़ने का काम टेंडर लेने वाली एजेंसी करेगी. इसलिए उसे अभी तक तोड़ा नहीं गया है.