रायपुर. असल बात news. राष्ट्रीय प्रौद्योग...
रायपुर.
असल बात news.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में संस्थान परिसर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ एन.वी. रमना राव, डीन (स्टूडेंट वेलफेयर) डॉ मनोज चोपकर, ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ समीर बाजपेयी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में फैकल्टी मेंबर्स, संस्थान के कर्मचारी, परिवारजन एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम के समन्वयक डीन (स्टूडेंट वेलफेयर) डॉ मनोज चोपकर, ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस विभाग की योगा फैकल्टी डॉ मंजू शुक्ला और श्री सूरज निषाद रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के लाइव योग सत्र के प्रसारण के साथ हुआ, जिसका सभी उपस्थित जनों ने उत्साहपूर्वक प्रसारण देखा । इसके पश्चात संस्थान में कॉमन योगा प्रोटोकॉल के तहत विभिन्न योगासन और प्राणायाम का अभ्यास किया गया, जिसमें सभी विद्यार्थियों, फैकल्टी सदस्यों और उनके परिजनों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्राणायाम सत्र के उपरांत मुख्य अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर योग फैकल्टी डॉ मंजू शुक्ला ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य" की भावना को साकार करने का माध्यम है। उन्होंने बताया कि नियमित योग अभ्यास व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में संतुलन लाता है और जीवन को सकारात्मक दिशा देता है।
इसके बाद इंटर एन आई टी प्रतियोगिता जीत कर आए संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा अत्यंत आकर्षक योग आसनों, साथ ही शुधि क्रिया में शित्क्रम और वस्त्र्धोती का प्रदर्शन किया गया, जिसमें उन्होंने विभिन्न आसनों और संतुलनकारी मुद्राओं के माध्यम से योग की सौंदर्यता को प्रस्तुत किया। डीन (स्टूडेंट वेलफेयर) डॉ. मनोज चोपकर ने कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग देने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और निदेशक महोदय को उनके प्रोत्साहन के लिए विशेष धन्यवाद दिया। उन्होंने आयोजन समिति की टीम को उनके परिश्रम और समर्पण के लिए सराहना दी।
अपने प्रेरणादायक संबोधन में निदेशक डॉ. एन.वी. रमना राव ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि सभी प्रतिभागी इस आयोजन में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि योग आत्मा और प्रकृति को जोड़ने की प्रक्रिया है, और यही इस वर्ष की थीम का उद्देश्य भी है। उन्होंने सभी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि योग मानसिक संतुलन और शांति के लिए अत्यंत आवश्यक है। छात्रों के जीवन में यह विशेष भूमिका निभाता है - यह बल, धैर्य और स्थिरता प्रदान करता है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे योग और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, क्योंकि मेडिटेशन और योग मानसिक और शारीरिक संतुलन का सबसे बड़ा साधन है।
इस अवसर पर संस्थान के योग विद्यार्थियों का सम्मान भी किया गया। अंत में ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस के विभागाध्यक्ष डॉ समीर बाजपेयी ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन किया।