भिलाई . असल बात news. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई में कला विभाग द्वारा बेसिक कंप्यूटर स्किल्स इन रिसर्च विषय...
भिलाई .
असल बात news.
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई में कला विभाग द्वारा बेसिक कंप्यूटर स्किल्स इन रिसर्च विषय पर हैंड्स ऑन ट्रेंनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की संयोजिका डॉ सावित्री शर्मा, प्रोफेसर, शिक्षा विभाग एवं प्रभारी कला विभाग ने उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य सीखने की क्षमता को बढ़ाना, सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देना, आलोचनात्मक सोच तथा समस्या समाधान को प्रोत्साहित करना एवं संप्रत्यय निर्माण को बढ़ावा देना है।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा एवं डॉ मोनिशा शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि ऐसे व्यावहारिक कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में कौशल विकास, आत्मविश्वास का निर्माण करने एवं उन्हें भविष्य की चुनौतियों को तैयार करने में मिल का पत्थर साबित होंगे।
यह सक्रिय भागीदारी विषय वस्तु के साथ गहरी समझ और जुड़ाव को बढ़ावा देने मे सहायक है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को व्यवहारिक गतिविधियों के प्रयोग और अन्वेषण करते समय आलोचनात्मक ढंग से सोचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इसके माध्यम से वह परिस्थितियों का विश्लेषण कर समाधान ढूंढना सीखते हैं एवं अपने टीमवर्क कौशल को भी विकसित करते है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम सत्र में डॉ शमा बैग ,विभागअध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी द्वारा ए पी ए स्टाईल फॉर साइटेशन एंड रेफरेंसिंग पर विस्तार पूर्वक प्रस्तुतीकरण दिया गया।
द्वितीय सत्र में श्रीमती रुपाली खर्चें, विभागअध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस द्वारा गूगल फॉर्म विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसके पश्चात प्रैक्टिकल सत्र में विद्यार्थियों द्वारा स्वयं ए पी ए स्टाईल एवं गूगल फॉर्म का निर्माण किया गया।
कार्यक्रम के द्वितीय दिवस सहायक प्राध्यापक संतोषी चक्रवर्ती ने एमएस वर्ड ,गूगल डॉक्स एवं सहायक प्राध्यापक श्रीलता , कंप्यूटर साइंस विभाग ने एम एस एक्सेल गूगल शीट विषय पर अपना प्रस्तुतिकरण दिया।
योगिता लोखंडे, सहायक प्राध्यापक ,माइक्रोबायोलॉजी ने एम एस एक्सेल गूगल शीट विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया।सत्र के अंत में विद्यार्थियों ने अनेक प्रश्न पूछे एवं अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों का विशेष योगदान रहा।



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