Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


जलजनित मौसमी बिमारियों से बचाव के लिए प्रारंभिक तैयारी हेतु बैठक आयोजित की गई

असल बात न्यूज  जलजनित मौसमी बिमारियों से बचाव के लिए प्रारंभिक तैयारी हेतु बैठक आयोजित की गई भिलाईनगर। आयुक्त नगर पालिक निगम भिलाई की अध्यक्...

Also Read

असल बात न्यूज 

जलजनित मौसमी बिमारियों से बचाव के लिए प्रारंभिक तैयारी हेतु बैठक आयोजित की गई


भिलाईनगर। आयुक्त नगर पालिक निगम भिलाई की अध्यक्षता में जिला मलेरिया विभाग, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, शहरी परिवार कल्याण विभाग की एक दिवसीय जल जनित बिमारियों जैसे- उल्टी, दस्त, डायरिया, पीलिया एवं मच्छर जनित रोगो जैसे- डेंगू/मलेरिया से बचाव/रोकथाम के लिए जन समुदाय में व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु संयुक्त बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. सी.बी.एस. बंजारे, शहरी खण्ड चिकित्सा अधिकारी डाॅ. पीयाम सिंह, सलाहकार तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम डाॅ. सोनल सिंह, प्रभारी सहायक मलेरिया अधिकारी सुरेन्द्र बंजारे, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक संजीव दुबे, प्रबंधक नगर स्वास्थ्य सेवा बीएसपी रमेश गुप्ता, वरिष्ठ स्वच्छता निरीक्षक के. के. सिंह, निगम के सभी सेक्टर सुपरवाईजर, एरिया काॅडिनेटर पुष्पा मिश्रा, टोमिन साहू, के एल कुमारी, सभी मितानीन प्रशिक्षक उपस्थित रहे।  

आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय ने बताया मच्छर अपने जीवनकाल की प्रारंभिक तीन अवस्थाएं अण्डा, लार्वा एवं प्यूपा पानी में रहकर ही पूरा करते है। मच्छर के व्यस्क अवस्था में पहुंचने के पूर्व ही प्रारंभिक जीवनकाल में मच्छर लार्वा स्त्रोतों को समाप्त कर देना ही रोगो के नियंत्रण के लिए अति महत्वपूर्ण उपाय है। महामारी नियंत्रण के लिए मैदानी स्वास्थ्य अमलों को किसी भी महामारी के लिए सतर्क रहने के लिए निर्देश दिए गए है। मितानीन एवं महिला आरोग्य समिति के सदस्यो से समन्वय स्थापित कर सतत निगरानी रखे और प्रभावित मरीज की सूचना मिलते ही अतिशीध्र आवश्यक प्रतिबंधक कार्यवाही की जाए। भ्रमण के दौरान देखने में आता है कि प्लास्टिक, कुरकुरे, चिप्स आदि के पैकेट नालियों में बिखरे पड़े रहते है। जिससे नालियाॅ जाम हो जाती है, जिससे पानी का निकासी नहीं हो पाता। ऐसे दुकानो के पास अनिवार्यतः डस्टबिन रखवाए, जो नहीं मानते उन पर चालानी कार्यवाही करें। उन्होने स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली को निर्देशित किए कि बड़े दुकानदारों जो इस प्रकार की सामग्री बेचते है। उनके खिलाफ न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया जाए। 

डेंगू के लक्षण - अचानक तेज बुखार, तेज सिर दर्ज, मांसपेशियों तथा जोड़ो में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जी मिथलाना, आंतरिक रक्त स्त्राव, त्वजा में चकत्ते, नाक, मुॅह, मसूड़ों से खून आना, उल्टियाॅ होना। इससे बचने के उपाय- घर एवं आस-पास पानी जमा न होने दें, पानी जमा होने वाले स्त्रोतों को नष्ट करें। जमा हुए पानी में जला हुआ मोबिल आईल अथवा मिटटी तेल का छिड़काव अवश्य करें। कीटनाशक दवा का छिड़काव घरों के भीतर अवश्य करवायें। मच्छर से बचने घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली लगायें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, टायर व पुराने बर्तन का पानी फेंक दें। कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें व धूप में सूखाकर प्रयोग करें। नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन टायरों में पानी जमा न होने दें।

शहरी प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि किसी प्रकार की लक्षण दिखे तो सीधे शासकीय चिकित्सालय में संपर्क करें। अन्य मेडिकल स्टोर से दवा लेकर न खाएं। डाॅक्टर से ही ईलाज कराकर ही दवा लें। शासकीय लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल कंट्रोल रूम की तरह काम करेगा। बिमारी का पता लगने पश्चात तत्काल सुपेला अस्पताल में संपर्क करें।