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कविताओं के रंग – विश्व कविता दिवस पर सृजनात्मक अभिव्यक्ति का उत्सव

  भिलाई. असल बात news.  स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, भिलाई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा कविताओं के रंग कार्यक्रम का आयोजन ...

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भिलाई.

असल बात news. 

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, भिलाई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा कविताओं के रंग कार्यक्रम का आयोजन विश्व कविता दिवस के उपलक्ष्य में किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने अपनी मौलिक कविताएँ साझा कर अपनी भावनाओं और विचारों को अभिव्यक्ति दी।

श्री शंकराचार्य शिक्षण परिसर, हुडको के निदेशक डॉ. दीपक शर्मा व डॉ. मोनिशा शर्मा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल साहित्यिक सृजनात्मकता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि विद्यार्थियों के विचारों और संवेदनाओं को भी एक नई उड़ान देते हैं।

कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि कविता विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम होती है तथा कविता से रचनात्मक क्षमता का सवंहन होता है तथा उन्होंने अपनी “कविता” शीर्षक की कविता साझा की। माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शमा ए. बैग ने "पूर्णता" और "हाँ, मैं कविता हूँ" शीर्षक से अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं। अंग्रेज़ी विभाग के स.प्रा. श्री हितेश कुमार सोनवानी ने "एक नई शुरुआत" विषय पर अपनी कविता साझा की।

सृजनात्मक अभिव्यक्ति में विद्यार्थियों की भागीदारी अत्यंत उत्साहजनक रही। सागर मिश्रा बीबीए चतुर्थ सेमेस्टर, जीडीआरसीएसटी  महाविद्यालय ने "आँखें", वैशाली तिवारी एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, द्वितीय सेमेस्टर, स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय ने "परीक्षा", त्रयंबिका एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, द्वितीय सेमेस्टर, स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय ने "मेरा पहला प्यार - किताब", चेतना एमएससी  माइक्रोबायोलॉजी, द्वितीय सेमेस्टर, स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय ने "आज की नारी" तथा वर्षा मांडवी एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, द्वितीय सेमेस्टर, स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय ने “चेसिंग द स्टार्स” विषय पर अपनी कविताएँ साझा कीं।

इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को अपने लेखन कौशल को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर मिला, जिससे उनकी अभिव्यक्ति की शक्ति को नया आयाम प्राप्त हुआ।