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1882 में हुई थी टीबी की बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया की खोज

 टीबी (TB) दुनिया की सबसे खतरनाक संक्रामक बीमारी है और यह एक बड़ी वैश्विक समस्या बनी हुई है. यह स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक स्थिती को भी कमज...

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 टीबी (TB) दुनिया की सबसे खतरनाक संक्रामक बीमारी है और यह एक बड़ी वैश्विक समस्या बनी हुई है. यह स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक स्थिती को भी कमजोर करती है. टीबी को खत्म करने के लिए हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस (World TB Day) मनाया जाता है. टीबी से पीड़ित व्यक्ति के खांसने, छींकने या थूकने से हवा में मौजूद छोटे-छोटे कणों के ज़रिए टीबी फैलती है. अच्छी खबर यह है कि टीबी को रोका जा सकता है और इसका इलाज किया जा सकता है.

विश्व टीबी दिवस 2025 की थीम


विश्व टीबी दिवस (World TB Day) 2025 की थीम है “हाँ! हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं: प्रतिबद्ध, निवेश, परिणाम.” यह थीम टीबी की रोकथाम, निदान, उपचार और देखभाल के लिए निरंतर प्रयास, वित्तीय सहायता और सफल कार्यों की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है.



इतिहास


विश्व टीबी दिवस (World TB Day) का इतिहास बहुत पुराना है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, “टीबी” शब्द का पहली बार इस्तेमाल जोहान शॉनलेन ने 1834 में किया था, लेकिन माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया से होने वाली यह बीमारी लाखों सालों से चली आ रही है. पहले टीबी को अलग-अलग नामों से जाना जाता था. यूनानियों ने इसे “फ़थिसिस” कहा, इब्रानियों ने “शैचेफ़ेथ” और रोमनों ने “टैब्स” बताया था.


24 मार्च, 1882 को एक बड़ी खोज हुई, जब डॉ. रॉबर्ट कोच ने टीबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया की खोज किया गया. इस खोज का जश्न मनाने के लिए आज के दिन को विश्व टीबी दिवस (World TB Day) के रुप में मनाया जाता है. यह दिन टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके प्रसार को रोकने के लिए कार्रवाई को प्रोत्साहित करने में मदद करता है.