भिलाई। असल बात news. वैज्ञानिक समझ को विकसित करना आगे बढ़ने की चाबी है। और विज्ञान प्रदर्शिनी विज्ञान की दुनिया को वास्तविकता में जानने...
भिलाई।
असल बात news.
वैज्ञानिक समझ को विकसित करना आगे बढ़ने की चाबी है। और विज्ञान प्रदर्शिनी विज्ञान की दुनिया को वास्तविकता में जानने और समझने का बेहतर जरिया। यह बात भिलाई इस्पात संयंत्र के जीएम (ईएम एंड प्रोजेक्ट) ए.वी. मनोज ने कही। वे गुरुवार को सेंट थॉमस कॉलेज में आयोजित विज्ञान प्रदर्शिनी ‘साइंसिया’ में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। आगे उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले स्कूल और क़लेज के विद्यार्थियों को विज्ञान के व्यवहारिकता को समझने कोशिश करनी चाहिए। भले ही उन्हें पुरस्कार मिले या न मिले।
गौरतलब है कि सेंट थॉमस कॉलेज में नेशनल साइंस डे के अवसर पर इंटर स्कूल और इंटर कॉलेज विज्ञान प्रदर्शिनी और पावर पांइंट प्रजेंटेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। कॉलेज लेवल पर पीपीटी प्रजेटेंशन प्रतियोगिता में पहले स्थान पर के. खुशी तिवारी, दिग्विजय कॉलेज, राजनांदगांव रही। दूसरे स्थान पर उमंग साहू और अरमान मित्तल, आर. एस आर. कॉलेज से। जबकि तीसरे स्थान पर शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के वाय. जयेन्द्र और गजाधर साहू रहे। कॉलेज लेवल पीपीटी और मॉडल प्रजेंटेशन में पहले स्थान पर तेजस्वी सार्वा और अभिलाष चन्द्राकर, एमएससी बॉटनी, सेंट थॉमस कॉलेज एवं शासकीय कॉलेज निकुम के सुमन साहू, दीप्ति, ढालेन्द्र व नीतू रहे। वहीं तीसरे स्थान पर लिमन सोनवानी व अविनाश कौर, बीएससी फाइनल, सेंट थॉमस कॉलेज के रहे।
इस अवसर पर कॉलेज के प्रशासक डॉ. पी.एस. वर्गीस ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि एक अच्छी तरह से कुशलता प्राप्त व्यक्ति ही बेहतर समाज का गठन कर सकता है। आज के दौर में अपने आसपास बिखरे ज्ञान और सूचनाओं को समाज की भलाई के लिए वैज्ञानिक सोच के साथ उपयोग करना सबसे बड़ी चुनौती है। ताकि विद्यार्थी एक अच्छे नागरिक के रूप में समाज में स्थापित हो। वहीं प्राचार्य डॉ. एम. जी. रोईमोन ने सभी प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए शुभकामनाएं दी। जबकि डीन डॉ. देबजानी मुखर्जी ने अकादमिक ज्ञान के विकास के साथ-साथ विद्यार्थी के समग्र विकास पर बल दिया जिसमें व्यक्तित्व विकास, भावनात्मक विकास, समाजिक और तकनीकी कौशल का विकास शामिल है। यही आज शिक्षा की जरूरत है। इस अवसर उप प्राचार्य डॉ. जेम्स मैथ्यू, कार्यक्रम संयोजिका डॉ. चंदा वर्मा, डॉ. ज्योति बख्शी, डॉ. अरविंद साहू सहित प्राध्यापकगण और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।