Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


इस फिल्म में रायपुर छत्तीसगढ़ से हैं एक्ट्रेस Tamannaah Bhatia, 29 नवंबर को रिलीज हुई सिकंदर का मुकद्दर

  नीरज पांडे के निर्देशन में बनी डकैती थ्रिलर फिल्म ‘सिकंदर का मुकद्दर’ (Sikandar Ka Muqaddar) हाल ही में 29 नवंबर को रिलीज हुई है. जिसमें ए...

Also Read

 नीरज पांडे के निर्देशन में बनी डकैती थ्रिलर फिल्म ‘सिकंदर का मुकद्दर’ (Sikandar Ka Muqaddar) हाल ही में 29 नवंबर को रिलीज हुई है. जिसमें एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) ने कामिनी सिंह का किरदार निभाया है. इस फिल्म में एक्ट्रेस ने ग्राउंडेड परफॉर्मेंस से दर्शकों का दिल जीत लिया है. खास बात तो ये है कि इस फिल्म में तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) ने अपना पता रायपुर (छत्तीसगढ़) बताया है.

तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) के इस डायलॉग से छत्तीसगढ़ के दर्शकों में भी खुशी की लहर है. इस फिल्म के जरिए छत्तीसगढ़ के साथ साथ रायपुर की पहचान और बढ़ रही है. हाल ही में रायपुर में भी फिल्म सिटी बनाने की मंजूरी मिल गई है. आने वाले समय में छत्तीसगढ़ की पहचान देश दुनिया में और भी बढ़ेगी. 

बता दें कि इस फिल्म का निर्माण फ्राइडे स्टोरीटेलर्स के बैनर तले शीतल भाटिया (Sheetal Bhatia) ने किया है. इसे 29 नवंबर 2024 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज किया गया था. इस फिल्म की कहानी 60 करोड़ के हीरों से जुड़ी डकैती के इर्द-गिर्द घूमती है. जिसमें तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) का किरदार प्रमुख संदिग्धों में से एक होता है.

क्या है फिल्म की कहानी

मुंबई में एक आभूषण प्रदर्शनी में 50-60 करोड़ रुपए के हीरे की चोरी हो जाती है, जिसमें मंगेश देसाई, कामिनी सिंह और सिकंदर शर्मा मुख्य संदिग्ध हैं. जांच अधिकारी जसविंदर सिंह जांच का नेतृत्व करते हैं, उन्हें दृढ़ विश्वास है कि शर्मा ही अपराधी है, लेकिन इसे साबित करने के लिए ठोस सबूत नहीं मिल पाते हैं. सबूतों के अभाव में बरी होने के बावजूद, सिकंदर का जीवन बिखर जाता है. वह अपनी नौकरी खो देता है, सामाजिक बहिष्कार का सामना करता है, और अपने भविष्य के पुनर्निर्माण के लिए संघर्ष करता है. इन चुनौतियों के बीच, वह कामिनी सिंह से शादी करता है, जो एक अकेली माँ है. 15 साल बाद, सिकंदर और जसविंदर दोनों ही अनसुलझे मामले से परेशान हैं. सिकंदर को दोषी साबित करने के लिए जसविंदर का जुनून उसे शराब और व्यक्तिगत नुकसान के गर्त में ले जाता है.

जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, यह स्पष्ट होता जाता है कि सिकंदर वास्तव में इस चोरी में शामिल था, प्रिया की मदद से, जिसने चोरी किए गए हीरे को सालों तक बोनसाई पॉट में छिपाकर रखा था. क्लाइमेक्स से पता चलता है कि सिकंदर हीरे को वापस पाने के लिए एक लंबा खेल खेल रहा था, जबकि वह कामिनी सहित सभी से अपनी असली पहचान छिपा रहा था. एक तनावपूर्ण टकराव में, जसविंदर आखिरकार सिकंदर को पकड़ लेता है, जिससे एक नाटकीय टकराव होता है, जहाँ लंबे समय से छिपे रहस्यों का खुलासा होता है. जबकि सिकंदर हीरे को वापस पाने और जसविंदर को मात देने में कामयाब हो जाता है, लेकिन आखिरकार उसे रंगे हाथों पकड़ लिया जाता है. अंत एक क्लिफहैंगर्स जैसा है, जो उनके भाग्य और क्या वास्तव में न्याय किया गया था, इस बारे में सवाल छोड़ता है.