भिलाई. असल बात news. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई में महिला सेल के द्वारा पुरूषों की “जिम्मेदारी महिलाओं के प्रत...
भिलाई.
असल बात news.
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई में महिला सेल के द्वारा पुरूषों की “जिम्मेदारी महिलाओं के प्रति अपराध रोकने के लिए व्यक्तिगत और सामाजिक दृष्टिकोण” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्राची बहन प्रजापति ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय भिलाई, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. श्रीमती आभा शशि कुमार, भूतपूर्व परामर्शदाता भिलाई इस्पात संयंत्र सेल पुलिस परिवार परामर्शदाता दुर्ग एवं सीमा सशस्त्र बल, छ.ग. पुलिस प्रशिक्षण एवं पुर्नवास, सर्टिफाइड कैरियर एवं पेटेटिंग कोच, राष्ट्रीय कैरियर सेवाएँ एवं पृथा बहन प्रजापति ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय भिलाई, उपस्थित हुई।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम प्रभारी डॉ. मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित ने बताया महिलाओं के प्रति अपराधों में दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है इसे रोकने में पुरूषों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। पुरूषों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी, समाज में महिलाओं के लिए समाज में सुरक्षित और समान वातावरण करने के लिए काम करना होगा यह पुरूषों की नहीं अपितु पूरे समाज की जिम्मेदारी बनती है जब पुरूष और महिला मिलकर काम करेंगें तभी अपराध मुक्त समाज की ओर बढ़ सकते है।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने कार्यक्रम आयोजन हेतु महिला सेल को बधाई दी। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने विद्यार्थियों को उद्बोधित करते हुए कहा महिलाये सशक्त संतुलित व संपूर्ण होती है। अगर नारी में नारी के गुण है तो यह उत्तम है पर अगर उसमें पुरूषों के गुण भी आ जाये तो वह सर्वोत्तम हो जाती है उन्होने कहा लड़कियों को पढ़ाये, आत्मनिर्भर बनाये व आत्मसुरक्षा के गुण सिखाये, साथ ही अपने लड़कों को समझायें लड़कियों के प्रति अच्छा दृष्टिकोण रखें जब हमारे घर परिवार में लड़कियाँ सुरक्षित, पुरूष संस्कारवान होंगे तो समाज स्वयं महिला अपराध से मुक्त हो जायेगा।
अपने आतिथ्य उद्बोधन में प्राची बहन ने कहा आज समाज में नकारात्मकता की भावना व्याप्त है स्वर्ग से भी सुंदर धरती नरक से भी बदतर हो गयी है हमने अपने दूषित विचारों से पृथ्वी में गंदगी फैला दी है हम ऐसा कार्य करे की जब हम दुनिया से जाये तो लोग हमारी कमी महसूस करें। लोगों पर अपनी छाप छोड़े, हमारा जीवन मच्छर व चिंटी के समान नहीं की मरने के बाद लोग झाड़ू लगाकर साफ कर दें कि गंदगी से मुक्ति मिल गई। आप स्वयं अपने में विचार करें जब हम दुनिया से जायेगें तो लोग हमारे बारे में क्या बात कर रहे होगें, हम जो सुनना चाहते है, वही हमें बनना है। समाज के प्रति दायित्वों की पूर्ति अगर हम नहीं करेंगें तो समाज भी हमारे लिये खड़ा नहीं होगा।
अपने उद्बोधन में डॉ. आभा शशि कुमार ने पुरूषों की जिम्मेदारी महिलाओं के प्रति अपराध रोकने के लिये व्यक्तिगत और सामाजिक दृष्टिकोण विषय पर प्रकाश डालते हुये कहा हमने महिलाओं को ब्यूटी ऑब्जेक्ट बना दिया है पर वो पूरी तरह सब्जेक्ट है उन्होंने महाविद्यालय के महिला सेल की सराहना करते हुये कहा आप विद्यार्थियों को जागरूक कर रहे है यह समाज के लिये बहुत बड़ा योगदान है। आज हम धन के पीछे भाग रहे है, आज महिलायें भी अर्थोपार्जन कर रही है। झगड़े बढ़ रहे है कारण महिलाओं का धन कमाना नहीं अपितु पुरूषों की सोच का न बदलना है आज महिलायें कार्य स्थल या घर में हिंसा की शिकार हो रही है इसमें नब्बे प्रतिशत महिला अपराध घर में ही होता है आज महिलायें भावात्मक रूप से कमजोर होती है आत्महत्या करने वालों में 72.2 प्रतिशत महिलायें होती है कारण भावात्मक और दमनात्मक प्रकृति हैं डॉ. आभा शशि कुमार ने महिलाओं के अधिकारों की जानकारी दी व बताया प्रत्येक महिला को स्वतंत्रतापूर्वक जीवन जीने का हक है अगर कोई पीछा करता है, गलत ढंग से टच करता है काम करने की जगह में प्रताड़ित करता है तो वह पुलिस में शिकायत कर सकती है। मारपीट करना ही हिंसा नहीं है अपितु पति बार-बार कहता है तुम्हें छोड़ दूंगा, घर से निकाल दूंगा अगर लड़की हुई तो दूसरी शादी कर लूंगा यह भी हिंसा है उन्होंने महिलाओं व वरिष्ठ नागरिकों के लिये निशुल्क विधिक सहायता की जानकारी दी, प्रत्येक लड़कियों को अभिव्यक्ति एप डाउनलोड करने कहा जिससे आवयश्कता पड़ने पर पिन करने से पुलिस को लोकेशन पता चल जायेगा जिससे समय पर आपको सहायता मिल सकेगी उन्होंने 112, 1098 हेल्पलाईन की भी जानकारी छात्रों को दी।
कार्यक्रम में मंच संचालन एवं धन्यवाद संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी ने दिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक व छात्र-छात्रायें शामिल हुये।