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प्रदेश के 30 हजार परिवारों के हक में मुख्यमंत्री ने लिया बड़ा फैसला

असल बात न्युज  प्रदेश के 30 हजार परिवारों के हक में मुख्यमंत्री ने लिया बड़ा फैसला दलहन, तिलहन तथा गेहूँ पर मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क...

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असल बात न्युज 

प्रदेश के 30 हजार परिवारों के हक में मुख्यमंत्री ने लिया बड़ा फैसला

दलहन, तिलहन तथा गेहूँ पर मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क से छूट की घोषणा पर आम जनता सहित उद्योग जगत के लोगों ने किया मुख्यमंत्री का आत्मीय अभिनंदन

यह फैसला प्रदेश के 30 हजार परिवारों का संरक्षण करेगा :विष्णु देव साय






छ.ग. शासन कृषि विभाग ने अधिसूचना द्वारा प्रदेश के बाहर से प्रसंस्करण / विनिर्माण हेतु लाये गये दलहन, तिलहन एवं गेहूँ पर 1 प्रतिशत मंडी शुल्क एवं 0.5 प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क निर्धारित किया गया था। छ.ग. प्रदेश के मंडी समितियों में पंजीकृत मिल- दाल मिल-399, तिलहन मिल- 26 एवं फ्लोरमिल 25 है।

प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों द्वारा प्रदेश के बाहर से प्रसंस्करण / विनिर्माण हेतु लाये गये दलहन, तिलहन एवं गेहूँ पर मंडी शुल्क से छूट दिये जाने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय को किये गये आग्रह पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय के निर्देश पर राज्य शासन ने दिनांक 17.12.2024 को अधिसूचना जारी कर प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों को प्रदेश के बाहर से प्रसस्करण / विनिर्माण के लिए लाये गये दलहन, तिलहन एवं गेहूँ पर दिनांक 13.03.2024 से 31.03.2026 तक मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क से पूर्णतः छूट प्रदान कर दी है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के इस फैसले का अभिनंदन करते हुए आमजनों व उद्योग जगत के लोगों ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आत्मीय अभिनंदन कर उन्हें धन्यवाद प्रेषित किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वित्तीय चुनौतियां होने के बावजूद प्रदेश की आम जनता के हक में उनकी सरकार ने यह फैसला किया है इस फैसले से प्रदेश के 30 हजार परिवारों का संरक्षण होगा व आम जनता को भी कम कीमत पर यह रोजमर्रा की वस्तुएं मिलती रहेंगी। 

मुख्यमंत्री साय ने कहा प्रदेश में दलहन, तिलहन एवं गेहूँ का उत्पादन मांग के अनुरूप कम है, जिससे प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्‌लोर मिलों को अपने मिलों के संचालन के लिए अन्य प्रदेशों से दलहन, तिलहन एवं गेहूँ का आयात करना पड़ता है। मंडी शुल्क से छूट दिये जाने पर प्रदेश की दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलें, अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर पायेंगे और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर दाले, तेल, आटा तथा मैदा प्राप्त होगा, जिससे घरेलू व्यय में बचत होगी और उपभोक्ता इस बचत से अपनी जीवनशैली में सुधार हेतु अन्य आवश्यक सामाग्रियां क्रय करने में सक्षम हो सकेगा। साथ ही इन दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों से लगभग 30 हजार परिवारों को रोजगार प्राप्त होता है,जिनका सीधा संरक्षण ये फैसला करता रहेगा।इस दौरान विशेष रूप से इस विषय पर लगातार प्रयासरत भाजपा नेता अमित चिमनानी ,चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ,रायपुर दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीत गोयल ,सचिव श्याम सुंदर गोयल हरिमल सचदेव,फ्लोर मिल एसोसिएशन के प्रदेश सचिव रमेश अग्रवाल,कोषाध्यक्ष धरम अग्रवाल,समीर अग्रवाल मौजूद रहे।