छत्तीसगढ़. असल बात न्यूज़. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को सरल सहज और आम जनता का जनप्रतिनिधि माना जाता है और कहा जाता है कि...
छत्तीसगढ़.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को सरल सहज और आम जनता का जनप्रतिनिधि माना जाता है और कहा जाता है कि वे जल्दी आक्रोशित नहीं होते, लेकिन खबर आ रही है कि कलेक्टर कान्फ्रेंस में उन्होंने, राज्य के अधिकारियों के कतिपय व्यवहार पर नाराजगी जलाई है,आम जनता और स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर जताई सख्त नाराजगी जाहिर की है. मुख्यमंत्री श्री साय अभी कलेक्टर कान्फ्रेंस ले रहे हैं. और उनकी यह नाराजगी इसी की बैठक में सामने आई है. खबर में यह भी बताया जा रहा है कि उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए यहां तक कह दिया है कि अधिकारियों से भाषा का संयम चुका तो कलेक्टर के द्वारा तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए और यहां कार्रवाई करने में चूक होने की जानकारी मिली तो वह सीधे कार्रवाई करेंगे.
मुख्यमंत्री श्री साय की अध्यक्षता में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है. इसमें राज्य के मुख्य सचिव, विभागीय सचिवों सहित सभी संभागायुक्त और कलेक्टर उपस्थित हैं. शुरुआती खबर के अनुसार इस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री साय का तेवर काफी सख्त नजर आया है. उन्होंने कलेक्टर्स के साथ अधिकारियों को सख्त शब्दों में चेतावनी दी है.जानकारी के अनुसार उन्होंने, अधिकारियों को भाषा के संयम को लेकर दी विशेष चेतावनी दी है और कहा है कि कहीं भी किसी अधिकारी से आम जनता से बच्चों के दौरान उनकी समस्याओं को सुनने के दौरान भाषा का संयम चूका तो उसके खिलाफत कल कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसा करने में किसी कलेक्टर से गलती हुई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इनसे ऐसी गलती हुई तो वे स्वयं कार्यवाही करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे.सभी फलैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि बीते 9 महीने में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता है
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े.
मुख्यमंत्री श्री साय ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों और जन समस्याओं के बारे में भी चिंता जताई है तथा अधिकारी को निर्देशित किया है कि जनप्रतिनिधियों के द्वारा उठाई गई जन समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित और प्रभावी कदम उठाएं.
*ब्रेकिंग
*राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के कड़े तेवर
*सारंगढ़ ,बस्तर, खैरागढ़ में राजस्व मामलों की धीमी गति पर मुख्यमंत्री ने जतायी नाराजगी
*कलेक्टर को राजस्व मामलों को तेज गति से निपटाने के दिये निर्देश
*मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व सम्बंधित सभी कार्य समय-सीमा पर पूरे हों
*अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी ली
*अविवादित नामांतरण के केस को समय सीमा पर पूरा करें, 70 प्रतिशत से कम निराकरण वाले जिले ज्यादा फोकस करें
*विवादित विभाजन के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हो*
*सीमांकन जनता से जुड़ा विषय है जो आदेश है उसका सीमांकन हो जाये। नागरिक छोटे छोटे त्रुटि के लिए भटकते रहते हैं। जल्द से जल्द निराकरण हो इसका ख्याल रखें*
*डायवर्शन में जिलों का प्रदर्शन अच्छा है, समय सीमा में निराकरण करने से सरकार की छवि बनती है। आपके अधीनस्थ समय और कोर्ट पहुँचे इसका ध्यान रखें*
*कमिश्नर भी मोनिटरिंग करते रहें
*news update.
*मुख्यमंत्री ने जर्जर स्कूलों पर दिए सख्त निर्देश
*स्कूलों की गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा
*सम्बंधित ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई करें
*गुणवत्ताहीन निर्माण की जांचकर सम्बंधित पर एफआईआर करें
*गुणवत्ता से समझौता करने वालों की जेल में जगह होगी
*गुणवत्ताविहीन कार्य होने पर रिकवरी भी की जाएगी
*कलेक्टर अपने ज़िले में भ्रमण कर स्कूलों का निरीक्षण करें
*स्कूल-हॉस्टल की व्यवस्था ठीक करें
*पीएम श्री योजना में खैरागढ़ और सारंगढ़ में निर्माण कार्य प्रारंभ न होने पर असंतोष जताया*