Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


मंदिर सबके लिए वैसे ही खुला हो जैसी कल्पना वीर सावरकर ने पतित पावन मंदिर के लिए की थी - डाॅ. पुणेंदु सक्सेना

  रायपुर। मंदिरों ने हमेशा से संस्कार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सेवा के काम किए हैं, वह सभी कार्य चलता रहे इसकी चिंता हो। मंदिर सबके लिए...

Also Read

 रायपुर। मंदिरों ने हमेशा से संस्कार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सेवा के काम किए हैं, वह सभी कार्य चलता रहे इसकी चिंता हो। मंदिर सबके लिए वैसे ही खुला हो जैसी कल्पना वीर सावरकर ने पतित पावन मंदिर के लिए की थी। हिंदू समाज में गुरुओं की महत्ता अनंत है। गुरु गद्दियों और गुरु भाइयों को भी समग्र सनातन हिंदू जीवन पद्धति को कमजोर करने वाले या सामूहिक पहचान को कमजोर करने वाले विमर्शों से दूरी बनाना चाहिए। यह बातें बूढ़ापारा स्थित आउडोर स्टेडियम में संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) समापन कार्यक्रम में संघचालक डाॅ. पुर्णेंदु सक्सेना ने कहीं।



डाॅ. सक्सेना ने कहा कि आज भारत एक मजबूत देश के रूप में विश्व में अपना स्थान लेने के लिए अग्रसर हो रहा है। युग परिवर्तन की इस बेला में यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन अवसरों का लाभ उठा पाए जो आने वाले हैं और अपने आप को उन दायित्व के लिए तैयार करें जो हमें उठाने पड़ेंगे, तभी भारत विश्व गुरु बन सकते हैं।

हिंदू समाज जाग गया है

डॉ. सक्सेना ने कहा कि समाज में जो परिवर्तन आ रहे हैं उसका मूल कारण है कि हिंदू समाज जाग गया है। देश अपने पैरों पर खड़ा हो रहा है, अंदरुनी देश विरोधी शत्रु बेनकाब हो रहे हैं। हिंदू समाज के जागने से हिंदुओं के धार्मिक संस्थान आकर्षण के केंद्र होंगे, कुटुंब परिवार में उत्सव पर्व मनाने की बातें होंगी, सभी जातियां अपने इष्ट कुल देवताओं के सम्मान में आगे आएंगी, ग्राम में समाज उत्थान, मंदिर, गुरु गद्दियां, गौशालाएं, तीर्थ सभी बढ़ेंगे। सामूहिक गतिविधियां जैसे श्रीमद भागवत, रामायण कथाएं, धार्मिक यात्राएं इन सभी से भक्ति बढ़ेंगे। यह सभी गतिविधियां समाज मे हो, पर जो गलतियां पूर्व में हुई वह अब ना हो इसलिए आज हिंदू समाज सर्वस्पर्शी एवं सर्वव्यापी बने इसका प्रयास होना चाहिए।

समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन आ रहा है

डाॅ. सक्सेना ने कहा कि आज समाज में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आ रहा है कि अंदरूनी देश विरोधी शत्रु बेनकाब हो रहे हैं। ऐसे लोग अब अर्बन नक्सल या टुकड़े-टुकड़े गैंग के नाम से पहचाने जा रहे हैं। परंतु इनके सही स्वरूप को समझना अभी भी बहुत बाकी है। ये कम्युनिस्ट आज पूरे देश में वर्ग-संघर्ष, परिवार में लड़ाई पैदा करना, अगाड़ी जाति- पिछड़ी जाति, एक भाषा-दूसरी भाषा, लोकल- बाहरी, उद्योगपति-गांव वाले आदि, यह किसी को जीताना नहीं चाहते, यह सिर्फ लड़ाना चाहते हैं इसलिए आप सभी ऐसे विमर्श के प्रति चैकन्ने रहे जो आपको किसी से लड़ा रहा हो। आज के युग में नए देश, युद्ध से नहीं बनते, आंतरिक फुट से बनवाए जाते हैं। बदलते जनसंख्या अनुपात इसको बल देते हैं।

जीवन बेहतर हो रहा है : जागेश्वर यादव

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री जागेश्वर यादव ने कहा कि आज सौभाग्य का दिन है। उन्होंने कहा कि बिरहोर जनजाति के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य में जुड़े है। माताओं में कुपोषण की कमी हो रही है और शिशुमृत्यु दर में भी कमी आ रही है। रहना-बसना बेहतर हुआ है और जीवन बेहतर हो रहा है। विशेष रूप से पहाड़ी कोरवा जनजाति समाज, जो अपने धर्म को छोड़कर ईसाई बन गए थे उनके घर वापसी के लिए कार्य किया। बिरहोर जनजाति समाज से बाल-विवाह, नशाबंदी, छुआछूत आदि विषयों का उन्मूलन करने के लिए कार्य किया।

आउडोर स्टेडिम में आज संघ शिक्षा वर्ग में छत्तीसगढ़ प्रांत के सभी 34 जिलों से कुल 578 शिक्षार्थियों ने 15 दिन अपने घर से दूर रहकर संगठन व समाज के लिए कार्य करने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। छत्रपति शिवाजी आउटडोर स्टेडियम बूढ़ापारा, रायपुर में आयोजित समापन कार्यक्रम में भीषण गर्मी के बीच संघ के स्वयंसेवकों ने 45 मिनट बिना रुके गणसमता, पदविन्यास, निःयुद्ध, दंड-संचालन, दंडयुद्ध, खेल, योगासन, सामूहिक समता की शारीरिक प्रात्यक्षिक प्रस्तुत किए।