Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


खरीदी केंद्र से धान की बोरियां गायब मामले में अब सहकारिता विभाग लीपापोती में जुटता नजर आ रहा

  गरियाबंद. खरीदी केंद्र से धान की बोरियां गायब मामले में अब सहकारिता विभाग लीपापोती में जुटता नजर आ रहा है. इस पूरे मामले के खुलासे के 18 द...

Also Read

 गरियाबंद. खरीदी केंद्र से धान की बोरियां गायब मामले में अब सहकारिता विभाग लीपापोती में जुटता नजर आ रहा है. इस पूरे मामले के खुलासे के 18 दिन बाद शोर्टेज में कमी आई है, लेकिन अब भी 10300 मिट्रिक टन का उठाव अधर में लटका हुआ है. जिले के 90 में से 40 से ज्यादा खरीदी केंद्र में 16000 बोरा धान गायब होने का खुलासा पिछले दिनों हुआ था. इसकी कीमत लगभग 2 करोड़ से ज्यादा थी. मामला सामने आने के बाद कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने सहकारिता विभाग और सहारकी बैंक के नोडल को जांच रिपोर्ट सौंपने कहा था. कलेक्टर ने यह भी कहा था कि वाकई कोई अनियमितता नहीं हुआ है या बोरे गायब नहीं हुए तो सप्ताह भर के भीतर शोर्टेज को निरंक करने का टास्क भी दे दिया था.

 

लेकिन इस बीच सहकारिता विभाग ने गायब बोरे को लेकर अपनी रिपोर्ट में कई दलील देकर सफाई देने की कोशिश करते रहे, खामियों पर पर्दा डलाने तरह-तरह की दलील देते रहे लेकिन कोई सफाई काम न आई.

कलेक्टर ने मामले में खरीदी व्यवस्था की निगरानी का जिम्मा संभाल रहे सहकारी बैंक को ही कमजोर कड़ी होना पाया. 9 अप्रैल को कलेक्टर खाद्य शाखा से नागरिक आपूर्ति एवम उपभोक्ता संरक्षण के सचिव को जारी पत्र में कहा गया कि सहकारी बैंक अथवा नोडल अफसर अपनी जिम्मेदारी निर्वाहन नहीं कर सके. शासन के निर्देश के हवाले उन्हे सभी खरीदी केंद्रों में जीरो शोर्टेज करने कहा गया पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. खरीदी केंद्रो में खरीदी की तयारी,भौतिक सत्यापन,बारदाना व्यवस्था,भंडारण एवम सुरक्षा व्यवस्था में पर्याप्त रुची नहीं ली गई, कई केंद्रों में बिना डेनेज के स्टेक निर्माण किया गया जिससे बारिश में भीगने से धान की गुणवता प्रभावित हुआ है.

 पत्र में लिखा गया है कि सहकारी बैंक को मार्कफेड द्वारा निगरानी हेतु 5 रुपया प्रति क्विंटल के दर से दी जाने वाले प्रतिपूर्ति राशि को रोकने की कार्यवाही की जाएगी. इस पत्र की पुष्टि करते हुए जिला खाद्य अधिकारी सुधीर गुरु ने बताया कि जिले में 48.61 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है, प्रतिपूर्ति राशि 2करोड़ से ज्यादा होती है जिसका भुगतान रोकने को कार्यवाही के लिए पत्र लिखा गया है.

सहकारिता विभाग ने साधी चुप्पी,फोन नहीं उठा रहे सहायक पंजीयक

मामले के खुलासे के बाद से सहकारिता विभाग बचाव के मुद्रा में है. पिछले 18 दिनो में गायब धान बोरे की  संख्या 16700 से घट कर 2600 आ गई है.17 खरीदी केंद्रो में शोरटेज 0 बता दिया गया है. 57 केंद्र में उठाव 99.5 प्रतिशत तक पहुंच गया है. लेकिन 13 केंद्र ऐसे भी जहां गायब धान बोरे को ऑन रिकार्ड भरपाई करने में विभाग के पसीने छूट गया है.रिपोर्ट के मुताबिक अब भी 10300 मिट्रिक टन धान का उठाव शेष है. खरीदी के अंत में किए गए काले पीले को वाइट करने विभाग ने सीपेज बोरा यानी अतरिक्त बोरा की मांग रखा है जिसकी अब तक मंजूरी नहीं मिली है. मामले में बात करने सहकारीता के सहायक पंजीयक उषा ध्रुव को कोल किया पर वे मोबाइल रिसीव नहीं किया.