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दुर्ग जिले की राजनीतिक ताकत, एक जिले से मिली दो उम्मीदवारों को टिकट

छत्तीसगढ़ . असल बात न्यूज़ .     00  विशेष संवाददाता       लोकसभा चुनाव/ एक्सक्लूसिव रिपोर्ट    दुर्ग जिले का अपना राजनीतिक रुतबा रहा है.अभी...

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छत्तीसगढ़ .

असल बात न्यूज़ .

    00  विशेष संवाददाता   

 लोकसभा चुनाव/ एक्सक्लूसिव रिपोर्ट 

 दुर्ग जिले का अपना राजनीतिक रुतबा रहा है.अभी इस जिले से भले ही कोई मंत्री नहीं है और अगले पांच वर्षों  में भी यहां से किसी के मंत्री बनने की संभावना ना के बराबर है लेकिन इस जिले की राजनीतिक ताकत बार-बार दिखती रही है.राजनीतिक घटनाक्रम में ऐसा शायद ही कभी हुआ होगा कि एक जिले से एक ही समय में दो उम्मीदवारों को टिकट मिली हो. लेकिन दुर्ग जिले में इस मामले में अपनी राजनीतिक ताकत प्रदर्शित की है. यह वह राजनीतिक जिला बन गया है जहां से जिले के दो दावेदारों को एक ही समय में अलग-अलग दो लोकसभा सीटों पर टिकट  दी गई है. भारतीय जनता पार्टी ने इस जिले से सांसद विजय बघेल को दुर्ग लोकसभा सीट से टिकट दी है तो वहीं पूर्व राज्यसभा सदस्य और इस लोकसभा क्षेत्र से पहले सांसद रह चुकी सरोज पांडेय को कोरबा लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है.

 इस बार का लोकसभा चुनाव कई  मायने में अलग सा दिख रहा है. भारतीय जनता पार्टी एक बार बहुत कॉन्फिडेंस में है.अपनी जीत को लेकर बहुत आशान्वित है.देश में कुछ महीने पहले हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जिस तरह से बड़ी जीत मिली है उसके बाद से उसका मनोबल और बढ़ा हुआ है. कहां जा सकता है कि इस बार टिकट वितरण में सिर्फ पार्टी राष्ट्रीय नेतृत्व प्ले ही पूरा और अंतिम निर्णय किया है और वहां जो मापदंड तय किए गए थे सिर्फ उसी के आधार पर टिकट वितरण किया गया है सबसे महत्वपूर्ण बात है कि परिस्थितियां ऐसी थी कि किसी भी लोकसभा क्षेत्र से किसी को टिकट के लिए दावेदारी करने का अवसर ही नहीं मिला. हालांकि हर लोकसभा क्षेत्र में टिकट के कई दावेदार काफी पहले से उभर रहे थे.

 अभी भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में बड़ी राजनीतिक  पार्टी के रूप में स्थापित है. जब किसी पार्टी की राजनीतिक ताकत बढ़ती जाती है तो अनुशासन, निष्ठा और विचारधारा को महत्व मिलने लगता है तब पार्टी के निर्णयों के खिलाफ कहीं चू-चां नहीं होती है. तब सभी तरह के दावेदारों के दावेदारियां,अपनी जगह धरी की धरी रह जाती हैं. मंत्री बृजमोहन अग्रवाल,  अभी शायद ही लोकसभा में जाना चाहते रहे होंगे. कहा जा रहा है कि वे अभी  राज्य में ही बड़ी पारी खेलना चाहते हैं. मंत्री के रूप में उन्हें जिन विभागों की जिम्मेदारी मिली है उसमें उन्होंने कई सारे कार्य करने की योजना बना ली थी. लेकिन अब उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी करनी पड़ेगी.

हम बात कर रहे थे दुर्ग जिले के राजनीतिक ताकत की. इस जिले के दो निवासियों सुश्री सरोज पांडेय और सांसद विजय बघेल को ने लोकसभा की टिकट देकर चुनाव मैदान मैं उतारा  है इस इस जिले की राजनीतिक ताकत के रूप में देखा जा सकता है. सरोज पांडे पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव रही हैं. वे इस क्षेत्र से सांसद भी रह चुकी है लेकिन एक बार कूल्हे लोकसभा चुनाव में हर का सामना भी करना पड़ा है. इसके बाद उन्हें राज्यसभा की टिकट दी गई जहां से भी हाल ही में निवृत्तमान हुई है. उन्हें दोबारा राज्यसभा में नहीं भेजा गया,और अब लोकसभा की टिकट दी गई है. पार्टी ने उन्हें कोरबा लोकसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है.

 सांसद विजय बघेल पहले पाटन विधानसभा से विधायक रह चुके हैं तब उन्हें राज्य में संसदीय सचिव भी बनाया गया था और इसके बाद विधानसभा चुनाव में हार जाने के बाद उन्हें टिकट नहीं दी गई. बाद में उन्हें लोकसभा की टिकट दी गई जिसमें उन्होंने प्रदेश  में सबसे अधिक वोटो के अंतर से जीत हासिल की. अभी कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें, तत्कालीन  मुख्यमंत्री के खिलाफ टिकट दी गई थी, जिसमें हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनका यह चुनाव पूरे देश में चर्चा में रहा है.इसके बाद वे राजनीतिक तौर पर लगातार चर्चा में रहे हैं. और जब पूरे प्रदेश में कहा जा रहा था, चर्चा शुरू हो गई थी कि इस बार सभी लोकसभा सीटों पर नए चेहरे को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा तब भी चर्चा रही थी कि सांसद विजय बघेल को जरूर रिपीट किया जाएगा. पूरे टिकट मिल सकती है. और पार्टी ने अंतत उन्हें टिकट दी है.दुर्ग जिले का राजनीतिक महत्व इससे भी समझा जा सकता है कि पिछले 5 वर्षों के दौरान कांग्रेस शासन काल में दुर्ग जिले से ही राज्य का मुख्यमंत्री और  गृह मंत्री रहा है.


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