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वित्त मंत्री चौधरी ने आय व्ययक पर सामान्य चर्चा में पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के तत्कालीन नए रिफॉर्म्स को याद किया तो छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के आने, फैलने और छत्तीसगढ़ की जीडीपी को 5 साल में दोगुना करने पर चर्चा की

  रायपुर.  असल बात न्यूज़.   विधानसभा में राज्य के वित्तीय वर्ष 2024- 25 के आय व्ययक पर आज भी सामान्य चर्चा हुई इसमें कई सारे सदस्यों ने हिस...

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 रायपुर.

 असल बात न्यूज़. 

 विधानसभा में राज्य के वित्तीय वर्ष 2024- 25 के आय व्ययक पर आज भी सामान्य चर्चा हुई इसमें कई सारे सदस्यों ने हिस्सा लिया और छत्तीसगढ़ के विकास के संबंध में कई सारी नई बातें हुई.वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने चर्चा में छत्तीसगढ़ राज्य के जीडीपी को 5 साल में दो गुना करने के लक्ष्य को फिर से दोहराया. उन्होंने सभी सदस्यों विपक्ष के भी सदस्यों से सकारात्मक सहयोग की अपील करते हुए छत्तीसगढ़ के विकास की बात की. वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आजादी के बाद 60 वर्षों के दौरान कांग्रेस के शासनकाल में छत्तीसगढ़ का समुचित विकास नहीं हो पाने का भी उल्लेख किया तो वही तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के शासनकाल में देश में उदारीकरण, वैश्वीकरण और निजीकरण की नीतियों को शुरू करने और आगे बढ़ाने की सराहना की. उन्होंने विपक्ष के सदस्यों की टोका टाकी के बीच कहा कि दलगत राजनीति अपनी जगह पर है लेकिन विपक्ष के सदस्य भी सकारात्मक तौर पर अपनी बातें रखेंगे तो छत्तीसगढ़ तेजी से आगे विकास की ओर आगे बढ़ेगा और हम अपने लक्ष्य को  सफलतापूर्वक जल्द हासिल कर सकेंगे.

 वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस साल छत्तीसगढ़ का अपना पहला बजट प्रस्तुत किया है. भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति में आने वाले श्री चौधरी नई सरकार में राज्य के वित्त मंत्री बनाए गए हैं. बजट को लेकर विपक्ष के भी कई सदस्यों ने उनकी तारीफ की. इस दौरान विपक्ष की वरिष्ठ सदस्य श्रीमती अनिला  भेड़िया ने इस सामान्य चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि श्री चौधरी आईएएस अधिकारी रहे हैं,वह विद्वान हैं. उन्होंने अपने क्षेत्र में बीएड कॉलेज खोलने की ओर भी वित्त मंत्री का ध्यान आकर्षित किया. कई नए सदस्यों ने भी बजट पर प्रभावशाली तरीके से बातें रखी. इस दौरान आसंदी पर स्पीकर डॉ रमन सिंह उपस्थित थे.





 प्रदेश के लिए सरकार कैसे काम करेगी, चुनाव में आम जनता से उसने जो वादे किए हैं उसमें से किन योजनाओं को वह आगे बढ़ाएगी, उसके बजट में किन कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी इस और पूरे प्रदेश की जनता की नजर लगी हुई है.ऐसे में नई सरकार का पहला बजट आया तो उसकी सभी वर्ग के लोगों के द्वारा समीक्षा की जा रही है.प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आय व्ययक पर सामान्य चर्चा मैं अपनी बातें रखी तो उसे भी जानने के लिए लोगों में उत्सुकता रही.

 बजट पर सामान्य चर्चा में बोलते हुए वित्त मंत्री श्री चौधरी ने छत्तीसगढ़ की जीडीपी को 5 साल में 2 गुना करने पर फिर जोर दिया. इस दौरान खास बात रही कि किसी भी सदन में किसी सदस्य को किसी विपक्षी पार्टी के सम्मान में बोलते नहीं सुना गया है. वित्त मंत्री श्री चौधरी ने विपक्षी पार्टी के होने के बावजूद देश के तत्कालीन पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की खासी तारीफ़ की. देश में निजीकरण, उदारीकरण और वैश्वीकरण की नीति को लागू करने और आगे बढ़ाने के लिए तारीफ की. इस दौरान सरकार की एटीएम में विपक्ष के सहयोग करने के रूप का उल्लेख करते हुए कहा कि तब अटल बिहारी वाजपेई जी सदन में विपक्ष के नेता थे. तब सत्तासीन पार्टी के नेताओं के द्वारा ही श्री नरसिंह राव जी को कहा गया था कि देश में इतने बड़े-बड़े फैसले ले रहे हो, तो ऐसी नीतियों को लागू करने के पहले सर्वदालीय बैठक बुलाकर चर्चा कर लेनी चाहिए तब तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने बताया था कि उनकी विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेई जी से टेलीफोन पर चर्चा हो गई है और इन्होंने इन नीतियों को आगे बढ़ने पर सहमति दे दीं है. वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि देश में पक्ष विपक्ष इस तरह से भी तालमेल के साथ काम करता रहा है.

 इस दौरान छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की गतिविधियों, उसके पनपने और बढ़ने के बारे में भी चर्चा हुई. ढेर सारे सदस्यों ने इस पर अपनी बातें रखी. वरिष्ठ सदस्य अजय चंद्राकर बोलते हुए सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद आया कब से. किसके शासनकाल में आया और तब कौन अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, देश के प्रधानमंत्री कौन थे. इस बीच विपक्ष के कई सारे सदस्य उठ खड़े हुए और सदन में हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई.

 वित्त मंत्री श्री चौधरी ने इस पर भी सिलसिलेवार बातें रखी. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई तत्व नहीं है जिसकी वजह से पश्चिम बंगाल और बिहार में नक्सलवाद फैला. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पश्चिम बंगाल के जैसे जमीन के असमान वितरण की समस्या नहीं है, यहां बिहार प्रदेश के जैसे जातिगत शोषण की भी कोई समस्या नहीं है न ही स्थानीय लोगों में  कश्मीर के जैसे जैसे देश से  विद्रोह की कोई भावना है. 1998 तक पूरा बस्तर लगभग 40000 स्क्वायर फीट का एरिया एक जिला होता था. इंद्रावती नदी से नेशनल हाईवे खत्म हो जाता था. सिर्फ तिमेड में पूल बनना था वह यहां आजादी के बाद 60 वर्षों में नहीं बना. विकास इतना पीछे था लेकिन छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद  फैलता गया. यहां नक्सलवाद क्यों फैलता गया उसके निराकरण के लिए इसके जड़ को समझना पड़ेगा.

 उन्होंने कहा कि हम जब तक बड़ा लक्ष्य नहीं खड़ा करेंगे तब तक विकास के रास्ते पर सही से नहीं बढ़ सकेंगे. हमें चादर के  छोटी होने की दुहाई देनी छोड़नी होगी और चादर से बाहर पैर निकलना होगा. जब तक हम चादर को बड़ा करने की नहीं सोचेंगे तब तक आगे नहीं बढ़ सकेंगे. उन्होंने छत्तीसगढ़ की जीडीपी को 5 साल में 5 लाख करोड़ से आगे बढ़कर 10 लाख करोड़ तक पहुंचाने के लक्ष्य को फिर से दोहराया.

 वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हम बस्तर से सरगुजा तक के विकास की बात कर रहे हैं. उन्होंने गोंडी भाषा   के प्रचार  पर भी जोर देने की बात कही.