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"मंत्रियों" को पड़ गए "जीत" के "लाले"

  छत्तीसगढ़।  असल बात न्यूज़।।   इस बार के चुनाव में छत्तीसगढ़ में मंत्रियों को "जीत" के "लाले" पड़ गए। कभी मंत्रियों को...

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 छत्तीसगढ़।

 असल बात न्यूज़।।  

इस बार के चुनाव में छत्तीसगढ़ में मंत्रियों को "जीत" के "लाले" पड़ गए। कभी मंत्रियों को "दिग्गज" देता कहा जाता था और उनकी पार्टी को पूरा भरोसा भरोसा रहता था, और आम लोगों के मन में भी उनके प्रति दबदबा रहता था कि  पार्टी  को जीत ले जाने में वह बड़ा सहारा बनकर सामने आएंगे और पार्टी सरकार बनाने में सफल होगी। लेकिन अब "ट्रेंड" बदलता दिख रहा है। मतदाता में सजगता और जागरूकता बढ़ रही है और लग रहा है की "मतदाता, अब  मंत्रियों से ही सबसे अधिक "उबने" लगे हैं और उनके खिलाफ अधिक से अधिक मतदान करने लगे हैं। छत्तीसगढ़ में इस बार के विधानसभा चुनाव में काफी कुछ ऐसा ही "ट्रेंड" नजर आया है मतदाता में "मंत्रियों" के खिलाफ जमकर मतदान किया है। हालात ऐसे हैं कि छत्तीसगढ़ में 12 में से 8 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। 

छत्तीसगढ़ में इस बार कई-कई वर्षों तक मंत्री रह चुके वरिष्ठ मंत्रियों को भी हार का सामना करना पड़ा है। वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे को बड़ी पराजय के सामना करना पड़ा है। वह भी उन्हें, चुनाव में ऐसे व्यक्ति से सामना हार का सामना करना पड़ा है जोकि कोई पेशेवर राजनीतिज्ञ नहीं है। मंत्री रविंद्र चौबे चुनाव मैदान में हिंदुत्व कार्ड के जाल में ऐसे उलझे कि इससे निकल नहीं सके। वे अपनी परंपरागत साजा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे लेकिन वहां भी मतदाताओं से उन्हें कोई सहानुभूति नहीं मिली। कवर्धा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे मंत्री मोहम्मद अकबर के साथ भी करीब करीब यही हुआ। 

इस बार के विधानसभा चुनाव में मंत्रियों के चुनाव में हारने के बारे में बात करें तो अंबिकापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव का चुनाव परिणाम काफी चौंकाने वाला आया है। श्री सिंह देव पिछले 5 साल से मुख्यमंत्री बनने के लिए दावेदारी कर रहे थे लेकिन इस बार के चुनाव में जनता नहीं उन्हें नकार दिया है और मंत्री रहते हुए उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा है। राज्य के गृहमंत्री, लोक निर्माण विभाग के मंत्री ताम्रकार साहू भी चुनाव हार गए हैं। उन्हें भी चुनाव मैदान में पहली बार उतरे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ने चुनाव मैदान में पटखनी दी है। 

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में दीपक वैज ने विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की थी और उसके बाद उन्हें लोकसभा की टिकट मिली और उस चुनाव में भी बड़ी जीत हासिल कर वे सांसद बने। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया और वे मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में भी शामिल थे। लेकिन इस बार का चुनाव बड़ा उलटफेर वाला रहा, और उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा है।

अमरजीत भगत खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री थे। वे पिछले कई वर्षों से लगातार चुनाव जीतते आ रहे थे। लेकिन इस बार के चुनाव में सीतापुर विधानसभा सीट से मतदाताओ ने उन्हें नकार दिया।