अपने अपने हैं मुद्दे, मतदाताओं को रिझाने उतर गई है हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़, दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में किसी को भी कम आंकना कठिन दुर्ग। ...
अपने अपने हैं मुद्दे, मतदाताओं को रिझाने उतर गई है हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़, दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में किसी को भी कम आंकना कठिन
दुर्ग।
असल बात न्यूज़।।
0 अनुपम कुमार
0 दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से ग्राउंड रिपोर्ट
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र। दुर्ग जिले में पाटन विधानसभा सीट के जस्ट बगल में स्थित यह विधानसभा सीट हालांकि प्रदेश में अधिक चर्चाओ में नहीं है लेकिन इस सीट की ओर भी प्रदेश भर के लोगों के नजर लगी हुई है। वजह है कई बार के विधायक और सांसद प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। प्रदेश के गृह मंत्री चुनाव मैदान में है तो लोगों के नजर तो स्वभाविक तौर पर यहां के चुनाव परिणाम पर लगी रहेगी। उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने ललित चंद्राकर को चुनाव मैदान में उतारा है जोकि पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है। ताम्रध्वज साहू गृह और लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं तो इस क्षेत्र में विकास के काम भी वैसे ही नजर आते हैं। पूरे विधानसभा क्षेत्र में कई सड़के टू लेन और फोर लेन बन गई है जिनकी यहां के लोगों ने शायद ही कभी उम्मीद रही होगी। विकास का नया रास्ता खुला है और जनसामान्य के जीवन में भी नई ऊंचाइयों को स्पर्श किया है।
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र मुख्यतः ग्रामीण परिवेश वाला क्षेत्र है। यह भी छत्तीसगढ़ के सबसे अधिक धान उत्पादक क्षेत्र में से एक है। यहां की बड़ी आबादी के जीवकोपार्जन का मुख्य साधन कृषि है। उसके साथ ही हजारों लोग विभिन्न नौकरियों में हैं और पिछले वर्षों के दौरान छोटे-छोटे उद्यम तथा व्यवसाय के बढ़ने के चलते यहां रोजगार के नए अवसर खुले हैं। दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में अब तक तीन बार चुनाव हो चुके हैं जिसमें एक बार भारतीय जनता पार्टी तो दो बार कांग्रेस का कब्जा रहा है। इससे यह कहा जा सकता है कि यहां मतदाताओं का मन बार-बार बदलता रहा है और किसी एक राजनीतिक पार्टी से ही मतदाता नहीं जुड़े रहे हैं। यहां पहले प्रतिमा चंद्राकर विधायक रही हैं तो दूसरी बार श्रीमती रामशिला साहू ने जीत हासिल की। कई बार विधायक रह चुके ताम्रध्वज साहू ने जब यहां से चुनाव लड़ा तो यहां मतदाताओं ने उन पर सीधे भरोसा किया और उन्हें बड़ी जीत हासिल हुई।
पिछले 5 वर्षों के दौरान दुर्ग जिले की राजनीतिक ताकत अपेक्षाकृत काफी बढ़ गई। प्रदेश को भूपेश बघेल के रूप में मुख्यमंत्री यहीं से मिला तो वही गृह मंत्री भी यहीं से बनाए गए और ताम्रध्वज साहू को गृह मंत्री बनाया गया। जब मुख्यमंत्री और गृह मंत्री इसी जिले से हो गए तो इस जिले की तस्वीर काफी कुछ बदलती नजर आने लगी। जिले के पाटन और दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में तो लोगों को एक सड़क की समस्या से एक तरह से मुक्ति मिल गई है। अंतर जिला सड़के बन गई हैं जिसके चलते यहां से बालोद धमतरी की ओर जाना काफी आसान हो गया है। दूसरी और पिछले पांच वर्षों के दौरान सिंचित क्षेत्र के विकास की ओर भी काफी ध्यान दिया गया। सिंचाई की सुविधा मिलने से यहां के कई सारे किसान अब दो फसल ले रहे हैं। इससे किसानों का आर्थिक विकास होना शुरू हुआ है और उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ी है। किसानो की कर्ज माफी और समर्थन मूल्य पर धान खरीदी पर अतिरिक्त राशि के भुगतान की योजना से यहां आमलोग प्रभावित नजर आ रहे हैं।
राजनीतिक मुद्दों की बात की जाए तो इस चुनाव में यहां कई सारे मुद्दे नजर आते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में भी आम मतदाता मुख्य राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्र का इंतजार कर रहे हैं। घोषणा पत्र पहले चुनाव में कभी बड़ा मुद्दा नहीं रहा है लेकिन इस चुनाव में यह यहां भी हावी नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर यहां प्रत्याशियों की व्यक्तिगत छवि भी चुनाव परिणाम को प्रभावित करती नजर आएगी। ताम्रध्वज साहू काफी वरिष्ठ हैं।वे अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक रह चुके हैं और दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद भी रहे हैं। वह अभी राज्य में लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं और पिछले पांच वर्षों के दौरान क्षेत्र में सड़क पुल पुलिया के जो निर्माण हुए है वह सब उनकी उपलब्धियां में गिनाया जा सकता है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू की उम्र भले ही अधिक है लेकिन उनकी सक्रियता को कहीं काम करके नहीं आता जा सकता है। वे पिछले पांच वर्षों के दौरान क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे हैं और उनका आमजन से निरंतर संपर्क बना रहा है। यह विधानसभा क्षेत्र पिछड़ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र है। यहां ग्रामीण क्षेत्रों में साहू मतदाताओं की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है। वहीं शहरी इलाकों में मिश्रित जनसंख्या है। इस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर निगम रिसाली भी आता है और इस निगम के द्वारा पिछले वर्षों में जो भी काम किए गए हैं उसका भी इस चुनाव में असर दिखेगा।
चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पास भी ढेर सारे मुद्दे हैं। कांग्रेस अपने वादे के अनुसार राज्य में शराबबंदी को लागू नहीं कर पाई,जिसे भारतीय जनता पार्टी चुनाव बड़े मुद्दे के रूप में इस्तेमाल कर रही है। महिला मतदाताओं में इस मुद्दे का असर दिख सकता है। दूसरी और पीएसी की परीक्षा में गड़बड़ी, रोजगार के अवसरों में कमी जैसे मुद्दे को भी यहां उठाया जा रहा है। फिलहाल चुनाव प्रचार हर दिन तेज होता जा रहा है और राजनीतिक पार्टियों हर तरह से आप मतदाताओं को अपनी और आकर्षित करने में लगी हुई हैं। दोनों मुख्य राजनीतिक दलों के हजारों कार्यकर्ता चुनाव मैदान में नजर आ रहे हैं और प्रत्याशियों का जनसंपर्क चुनावी सभाएं लगातार बढ़ती जा रही है। यहां राजनीति के मैदान में मुकाबला हर दिन रोमांचक होता जा रहा है।