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शासन की कृषि यांत्रिकीकरण योजना से आधुनिक कृषि को अपनाकर हो रहे समृद्ध किसान

  राजनांदगांव. आधुनिक कृषि के दौर में एक ओर जहां कृषक प्रति एकड़ उत्पादकता बढ़ाने और खेती से अधिक आय कमाने के लिए मेहनत कर रहे हंै। वहीं दू...

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राजनांदगांव. आधुनिक कृषि के दौर में एक ओर जहां कृषक प्रति एकड़ उत्पादकता बढ़ाने और खेती से अधिक आय कमाने के लिए मेहनत कर रहे हंै। वहीं दूसरी ओर कृषि श्रमिकों की प्रतिदिन घटती संख्या के कारण मजदूरी दर के साथ साथ कृषि लागत में भी इजाफा हो रहा है, जो किसानों की परेशानी का सबसे बड़ा कारण है। खेत की जुताई से लेकर फसलों की कटाई तक कृषि श्रमिकों का उपयोग होता है। फसलों की क्रांतिक अवस्थाओं में जिस प्रकार से पानी की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार फसलों के विभिन्न वृद्धि अवस्थाओं में खरपतवारों के नियंत्रण करने, कीट बीमारियों के लिए दवाओं का छिड़काव करने तथा फसलों की कटाई और खेतों से उठाव करने के लिए भी मजदूरों की भूमिका अहम है। पहले कृषि यंत्रों के दाम इतने अधिक होते थे कि आम किसानों के लिए उसे खरीद पाना बहुत कठिन होता था। साथ ही साहूकारों से उधार लेकर मशीन खरीदने की शक्ति भी कृषकों में नहीं थी। परन्तु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कृषि यांत्रिकीकरण योजना के माध्यम से जिले के सामान्य किसानों के साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिला कृषकों को भी 40 से लेकर 50 प्रतिशत तक अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने की योजना ने लघु एवं सीमांत किसानों में भी उन्नत खेती कर आमदनी बढ़ाने के लिये उत्साह का संचार किया है। लघु सीमांत कृषकों के जोत की सीमा कम होने के कारण गोधन न्याय योजना के अंतर्गत संरक्षित, संवर्धित वाहक पशु ड्राफ्ट एनीमल की क्षमता में वृद्धि होने की संभावनाएं है।

जिला राजनांदगांव में शासन द्वारा संचालित कृषि यांत्रिकीकरण की योजना-कृषि यांत्रिकीकरण सबमिशन व अन्य सहभागी योजनाओं के माध्यम से विगत 4 वर्षों में 610 कृषकों को ट्रेक्टर एवं शक्ति चलित कृषि यंत्र उपलब्ध कराकर राशि 5 करोड़ 90 लाख 42 हजार रूपए का अनुदान राशि प्रदान कर लाभान्वित किया गया है। वर्ष 2019-20 में ट्रेक्टर, पावर टिलर, थ्रेसर रोटावेटर, सीडकम फर्टिलाइजर ड्रिल, मिनीराईस मिल, रीपर पर 58 लाख 59 हजार रूपए का अनुदान 99 कृषकों को प्राप्त हुआ हैं। वर्ष 2020-21 में कृषकों की संख्या बढ़ते क्रम में ट्रेक्टर, पावर टिलर, थ्रेसर रोटावेटर, सीडकम फर्टिलाइजर ड्रिल, मिनीराईस मिल, रीपर पर 110 कृषकों को 1 करोड़ 39 लाख 96 हजार रूपए का अनुदान प्राप्त हुआ है। वर्ष 2021-21 में ट्रेक्टर एवं अन्य शक्ति चलित कृषि यंत्रों पर 121 कृषकों द्वारा 1 करोड़ 55 लाख 65 हजार रूपए का अनुदान लाभ प्राप्त किया। वर्ष 2022-23 में 168 ट्रेक्टर, 7 पैडीट्रांसप्लांटर,  26 रीपर, 8 कम्बाईन हार्वेस्टर, 7 मिनीराईस व दाल मिल, 25 थ्रेसर, पावर टिलर, 32 सीडकम फर्टिलाइजर ड्रिल, 6 अन्य यंत्र, बेलर, कल्टीवेटर, लेबलर, हेरो एवं पावर वीडर कुल 280 कृषकों द्वारा 2 करोड़ 36 लाख 22 हजार रूपए का अनुदान लाभ प्राप्त किया है।

वर्ष 2019 के पूर्व वर्षों की तुलना में कृषि यंत्र का लाभ लेने वाले कृषकों की संख्या में चार गुना अनुदान राशि वितरण में डेढ़ गुना अधिक वृद्धि हुआ है। राज्य शासन द्वारा यंत्र खरीदी हेतु आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को उनकी उपयोगिता के अनुसार कृषि यंत्र प्रदान कराने के लिए ट्रेक्टर एवं अन्य शक्ति चलित कृषि यंत्रों पर बैंकों के माध्यम से आसानी से ऋण सुलभता से उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना का लाभ लेकर किसान खेत की जुताई से लेकर फसलों की कटाई तक विभिन्न प्रकार के कृृषि यंत्रों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे कृषि लागत में तो कमी आई है। साथ ही जिले में वर्ष दर वर्ष खरीफ फसलों के रकबे में वृद्धि, धान उर्पाजन की मात्रा में वृद्धि, रबी में द्विफसलीय क्षेत्र में वृद्धि तथा उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र तथा फसल उत्पादकता में वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि जिले के कृषक कृषि यांत्रिकीकरण योजना से जुड़कर आर्थिक समृद्धि की ओर अग्रसर है। गोधन न्याय योजनान्तर्गत कृषि में विपुल मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से जीवांश कार्बनिक तत्वों की मात्रा में वृद्धि होने से भूमि की संरचना, भौतिक एवं रासायनिक दशा में सुधार होने से कृषि यंत्रों की उपयोग क्षमता में वृद्धि होती है। अत: विभिन्न योजनाओं एकीकृत उपयोग से फसलों की उत्पादकता एवं उत्पादन में वृद्धि होती है, जिसका कृषकों को लाभ मिलने की संभावनाऐं प्रबल हुई है।