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धमधा में व्यवहार न्यायालय का शुभारंभ और द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन

        दुर्ग । असल बात न्यूज़।।    दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड में व्यवहार न्यायालय का आज शुभारंभ हो गया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्य...

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      दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।।   

दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड में व्यवहार न्यायालय का आज शुभारंभ हो गया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने इसका शुभारंभ किया।इस व्यवहार न्यायालय का शुभारंभ हो जाने पर अब यहां के पीड़ितों को न्याय के लिए 40 किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ेगा। न्यायमूर्ति श्री भादुडी ने उपस्थितजनों को व्यवहार न्यायालय का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए लोगों को प्रेरित करने का आग्रह किया। इस अवसर पर यहां नेशनल लोक अदालत का आयोजन भी किया गया, जिसमें कई पुराने मामलों का निराकरण किया गया।

  दुर्ग जिला क्षेत्रांतर्गत सम्मिलित तालुका धमधा में व्यवहार न्यायालय का उद्घाटन  कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा किया गया। इस अवसर पर  कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री  भादुड़ी  का स्वागत  क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिक श्री बुधराम यादव के द्वारा किया गया। स्वागत के क्रम में संबंधित क्षेत्र में बहुतायत संख्या में पाये जाने वाले ताम्रकार समाज जो कांसे के बर्तन के निर्माण करने के लिए जाने जाते हैं, के द्वारा  न्यायमूर्ति का सम्मान कांसे के बर्तन भेंट कर किया गया। वहीं जिला न्यायालय दुर्ग की ओर से कार्यवाहक जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री शैलेश तिवारी के द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया व कलेक्टर दुर्ग श्री पुष्पेन्द मीणा एवं पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री अभिषेक पल्लव ने भी  स्मृति चिन्ह भेंट कर माननीय न्यायमूर्ति का सम्मान किया गया । 

         उक्त अवसर पर न्यायाधीश श्री  भादुड़ी ने अपने उद्बोधन में कहा  कि  व्यवहार न्यायालय धमधा का शुभारंभ होने से इस क्षेत्र के आमजनों को न्याय पाने अब 40 किलोमीटर दूर का सफर नहीं करना पडे़गा व संबंधित क्षेत्र में ही आसानी से सुलभ व सस्ता न्याय की प्राप्ति होगी। इन्हें शीघ्र न्याय पाने में सुविधा होगी। माननीय न्यायमूर्ति द्वारा आम जनता से यह आग्रह भी किया कि वह तहसील धमधा मे न्यायालय स्थापित होने के संबंध में भी प्रचार प्रसार करें जिससे कि धमधा क्षेत्र के आम जनता को उनके घर के पास ही शीघ्र, न्याय उपलब्ध हो जिससे कि  छ0ग0 उच्च न्यायालय की मंशा-भी  पूर्ण हो सकेगी। 

         वर्ष 2023 के द्वितीय नेशनल लोक अदालत में कुल 48326 मामले निराकृत किए गए हैं तथा अवार्ड राशि 137590324/-रही।

 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई-दिल्ली के निर्देशानुसार एवं छ0ग0राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन में तथा श्री शैलेश कुमार तिवारी कार्यवाहक जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के निर्देशन में जिला न्यायालय एवं तहसील न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया । दुर्ग जिले में जिला न्यायालय दुर्ग, व्यवहार न्यायालय भिलाई-3 एवं व्यवहार न्यायालय पाटन तथा किशोर न्याय बोर्ड , श्रम न्यायालय, स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाऐं) , राजस्व न्यायालय एवं उपभोक्ता फोरम दुर्ग में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।

     नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ मॉं सरस्वती के तैलचित्र पर श्री नरेन्द्र सिंह चावला प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवल कर  किया गया । शुभारंभ कार्यक्रम में श्रीमती श्रद्धा शुक्ला शर्मा तृतीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय,  श्री संजीव कुमार टामक प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, के अलावा  जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग के उपाध्यक्ष सुनिता कसार, एवं अन्य पदाधिकारीगण, न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण तथा विभिन्न बैक के प्रबंधक उपस्थित थे।

     नेशनल लोक अदालत में कुल 32 खण्डपीठ का गठन किया गया । परिवार न्यायालय दुर्ग हेतु 03 खण्डपीठ, जिला न्यायालय दुर्ग हेतु 23, तहसील न्यायालय भिलाई-3 में 02 खण्डपीठ , तहसील पाटन हेतु 01 खण्डपीठ, किशोर न्याय बोर्ड हेतु 01 श्रम न्यायालय हेतु 01 तथा स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाऐं) दुर्ग के लिए 01 खण्डपीठ का गठन किया गया । इसके अतिरिक्त राजस्व न्यायालय में भी प्रकरण का निराकरण हेतु 11 खण्डपीठ का गठन किया गया था।

उक्त नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य दाण्डिक , सिविल , परिवार , मोटर दुर्घटना दावा, से संबंधित प्रकरण रखे गये तथा उनका निराकरण आपसी सुलह, समझौते के आधार पर किया गया । इसके अलावा बैकिंग/वित्तीय संस्था, विद्युत एवं दूरसंचार से संबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरणों (विवाद पूर्व प्रकरण) का निराकरण भी किया गया । 

उक्त आयोजित नेशनल लोक अदालत का निरीक्षण माननीय कार्यपालक अध्यक्ष  न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा किया गया । माननीय न्यायमूर्ति के द्वारा न्यायालय परिसर में गठित खण्डपीठों का निरीक्षण करते हुए उपस्थित पक्षकारों से रू-ब-रू हुये तथा नेशनल लोक अदालत से संबधित कार्यो का जायजा लिया गया। माननीय न्यायमूर्ति द्वारा वर्चुअल मोड़/विडियो कान्फ्रेसिंग सेे हो रहे राजीनामा में भी स्वतः पक्षकारों से भी वार्तालाप कर राजीनामा करने हेतु उन्हें प्रेरित किया ।

निरीक्षण के दौरान माननीय न्यायमूर्ति श्री गौतम भातुड़ी के साथ श्री शैलेश कुमार तिवारी कार्यवाहक जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग , श्री .आनंद प्रकाश वारियाल सदस्य सचिव छ0ग0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर, श्री संतोष ठाकुर, मुख्य न्यायिक मजिस्टृेट दुर्ग तथा सचिव श्री आशीष डहरिया उपस्थित रहे। 

नेशनल लोक अदालत में कुल 4277 न्यायालयीन प्रकरण तथा कुल 44049 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकृत हुए जिनमें कुल समझौता राशि 137590324/- रूपये रहा । निराकृत हुए प्रकरण में 599 दाण्डिक प्रकरण, क्लेम के 36 प्रकरण, पारिवारिक मामलें के 10 . .चेक अनादरण के 408 मामलें, व्यवहार वाद के 47 मामलें , किशोर न्याय बोर्ड के 28 मामलें श्रम न्यायालय के कुल 64 मामलें तथा स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाऐं) दुर्ग के कुल 48326 मामलें निराकृत हुए।

वर्ष 2023 के इस द्वितीय  नेशनल लोक अदालत में निराकृत प्रकरण के कुछ महत्वपूर्ण प्रकरण निम्नानुसार रहे:-

1. खण्डपीठ क्र. 03 पीठासीन अधिकारी श्री भानु प्रताप सिंह त्यागी के खण्डपीठ में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के एक मामले में आवेदकगण एवं अनावेदक लिबर्टी जनरल इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड क बीच आपस में 60 लाख रूपये में राजीनामा हुआ । संबंधित मामले में मृतक अपने स्कूटी चलाते हुए जा रहा था, बी.आर.पी. चौक स्टेशन मरोदा भिलाई के पास सामने से आ रही बुलेट मोटर साईकल से एक्सीडेट हो गया जिससे गंभीर चोट लगने से उसे नारायण  अस्पातल मंें भर्ती कराया गया जहॉ उक्त मृतक बी.एस.पी. कर्मचारी की मृत्यु हो गयी ।  मृतक के पत्नी एवं पुत्र को अपना जीवन यापन करने में काफी कठिनाई हो रही थी, उक्त प्रकरण में राजीनामा हाने से उन्हें 60 लाख रूपये का मुआवजा उसे अविलंब प्राप्त हुआ जिससे उनकी जीवन की कुछ कठिनाईयों का निवारण करने मंें उन्हंे सहायता प्राप्त हुई।


2. स्थायी लोक अदालत (जनो.सेवा) दुर्ग हेतु गठित खण्डपीठ क्र. 01 पीठासीन अधिकारी श्री ए.आर.ढिडही के खण्डपीठ में जनोपयोगी सेवा से संबंधित एक प्रकरण का निराकरण आपसी समझौते के आधार पर किया गया। उक्त प्रकरण मंे आवेदक द्वारा वार्ड क्र. 52 बोरसी दुर्ग में अपने निवास मोहल्ले मंे नाली एवं सड़क निर्माण हेतु आयुक्त नगर निगम दुर्ग के विरूद्ध स्थायी लोक अदालत में प्रकरण प्रस्तुत किया गया था। उक्त आवेदन विगत 04 वर्षो से अपने घर के पास सड़क एवं नाली नहीं होने से रोज कठिनाईयों का सामना कर रहा था और सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते काटते परेशान हो गया था। उक्त प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के परिपालन मंे आवेदक के निवास वार्ड में लगभग 3 लाख रूपये की लागत से सी.सी.रोड का निर्माण कराया जाकर उक्त प्रकरण का निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से किया गया। 


3. खण्डपीठ क्र. 05 पीठासीन अधिकारी श्री आदित्य जोशी षष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के खण्डपीठ में जीजा एवं साले के मध्य चैक बाउन्स से संबंधित एक मामले का निराकरण किया गया जिसमें जीजा के  द्वारा अपने साले के विरूद्ध 33 लाख रूपये के तीन प्रकरण अर्थात 99 लाख रूपये के चैक बाउन्स का मामला संबंधित खण्डपीठ में प्रस्तुत किया गया था। मामले में जीजा एवं साले के मध्य नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते से राजीनामा के आधार पर मामला समाप्त किया गया। जिससे उनके मध्य मनमुटाव हमेशा हमेशा के लिए समाप्त हुए और वह फिर से एक होकर हर्षित परिवार की तरह न्यायालय से खुशी खुशी वापस अपने घर लौट गए।


4. नेशनल लोक अदालत में कई मामलों में वीडियों कॉफ्रेसिंग के माध्यम से हुआ प्रकरणों में राजीनामाः-

खण्डपीठ क्र. 6 के पीठासीन अधिकारी श्री संतोष ठाकुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रे्ट दुर्ग के खण्डपीठ में एक प्रकरण लंबित था जिसमें एक बेटे/आरोपी के द्वारा अपनी साठ वर्षिय माता के साथ मारपीट की गयी थी। आरोपी के माता अपने मूल गांव जो कि बिहार राज्य में निवास करती है, वहां से दुर्ग आने में असमर्थ थी जिसे विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम सेे मुख्य न्यायिक मजिस्ट््ेट दुर्ग के द्वारा समझाईश दिए जाने पर वह अपने पुत्र/आरोपी को समझाईश देने के पश्चात माफी करने हेतु मान गयी और समझौता करने तैयार हो गयी । जिसके कारण फिर से उक्त परिवार के मध्य मनमुटाव खतम हुआ और दोनांे मॉ बेटा में फिर से मधुर संबंध सथापित हो गए।  माननीय न्यायमूर्ति श्रीमान गौतम भादुड़ी, न्यायाधीश छ0ग0 उच्च न्यायालय भी उक्त विडियो कान्फ्रेसिंग में उपस्थित थे, जिसमें उक्त वरिष्ठ महिला ने माननीय महोदय को आभार व्यक्त किया। 

खण्डपीठ क्र. 8 के पीठासीन अधिकारी श्री उमेश कुमार उपाध्याय न्या.मजि.प्र.श्रे. दुर्ग के खण्डपीठ में आरोपी जो कि भारतीय सेना में कार्यरत है, और जम्मू कश्मीर में पदस्थ है । आरोपी और प्रार्थी के मध्य आपस में समझौता हो गया था परंतु भारतीय सेना में पदस्थ होने स आरोपी नेशनल लोक अदालत में न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थ था जिस कारणवश न्यायालय द्वारा विडियो कान्फ्रेसिंग का उपयोग करते हुए आरोपी एवं प्रार्थी के मध्य राजीनामा कराया गया । 


खण्डपीठ क्र. 22 के पीठासीन अधिकारी कु. पायल टोप्नो न्या.मजि.प्र.श्रे. दुर्ग के खण्डपीठ में थाना मोहन नगर क्षेत्र अंतर्गत धारा 294, 506, 323/34 भा.द.सं. के एक मामले जिसमें प्रार्थी हैदराबाद तेलंगाना में कार्यरत् है, वह आज दिनांक 13.05.2023 को नेशनल लोक अदालत में उपस्थित होने में असमर्थता जाहिर की, अतः उसे न्यायालय के द्वारा विडियों कॉन्फेंसिग के माध्यम से प्रार्थी व आरोपीगण के मध्य आपसी राजीनामा से प्रकरण का निराकरण किया गया । जिसके कारण प्रार्थी ने आभार व्यक्त किया कि उसे अपने कार्य से बिना अवकाश लिए विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से राजीनामा हाने से उसका बहुमूल्य समय तथा आने जाने का व्यय बच गया।

     

इसी प्रकार संबंधित खण्डपीठ में तीन अन्य अपराधिक मामले जो एक ही परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों के मध्य थाना सुपेला के क्षेत्र अंतर्गत था जिसमंे संबंधित परिवार एक ही एक ही स्थान पर निवास कर एक ही आंगन साझा करते थे, पारिवारिक वैमनस्यता के कारण परिवारों के मध्य  वाद विवाद हुआ। मामला थाने में पहॅुचा, आज नेशनल लोक अदालत मंे संबंधित मामलों में दोनो परिवारों के मध्य राजी खुशी से आपसी राजीनामा कर मामला 5 वर्षाे बाद समाप्त किया गया। 

         खण्डपीठ क्र. 21 के पीठासीन अधिकारी कु. अंकिता मदन न्या.मजि.प्र.श्रे. दुर्ग के खण्डपीठ में  एक मामले में जिसमें प्रार्थी बंेंगलौर  में एक बैंक में कार्यरत् है। वह विगत दो महीनों से अपने प्रकरण में राजीनामा करना चाह रहा था, परंतु उसे उसके कार्यालय से अवकाश नहीं मिलने के कारण वह न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थ था।  अतः न्यायालय के द्वारा विडियों कॉन्फेंसिग के माध्यम से प्रार्थी व आरोपी के मध्य आपसी राजीनामा से प्रकरण का निराकरण किया गया । जिसके कारण प्रार्थी ने आभार व्यक्त किया कि उसे अपने कार्य से बिना अवकाश लिए विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से राजीनामा हाने से उसका बहुमूल्य समय तथा आने जाने का व्यय बच गया।

   खण्डपीठ क्र. 07 के पीठासीन अधिकारी ताजुद्दीन आसिफ न्या.मजि.प्र.श्रे. दुर्ग के खण्डपीठ में  एक मामले में दो भाईयो के मध्य संपत्ति को लेकर मारपीट हुई थी उक्त दोनों भाई न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थ थे।  अतः न्यायालय के द्वारा विडियों कॉन्फेंसिग के माध्यम से दोनों भाईयों के मध्य आपसी राजीनामा से प्रकरण का निराकरण किया गया । । जिसके कारण फिर से उक्त परिवार के मध्य मनमुटाव खतम हुआ और दोनांे भाईयो में फिर से मधुर संबंध सथापित हो गए।  माननीय न्यायमूर्ति श्रीमान गौतम भादुड़ी, न्यायाधीश छ0ग0 उच्च न्यायालय भी उक्त विडियो कान्फ्रेसिंग में उपस्थित होकर दोनों भाईयों को समझाईश दी थी जिसके कारण उन्होंने आपस में समझौता किया था। इसी न्यायालय में एक अन्य प्रकरण वर्ष 2015 से लंबित था जिसमें भी विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालय द्वारा राजीनामा कराया गया था।