दुर्ग । असल बात न्यूज़।। दुर्ग जिले में 6 पटवारियों को एक साथ निलंबित कर दिया गया है। शासन प्रशासन के द्वारा राजस्व विभाग के कामकाज में ...
दुर्ग ।
असल बात न्यूज़।।
दुर्ग जिले में 6 पटवारियों को एक साथ निलंबित कर दिया गया है। शासन प्रशासन के द्वारा राजस्व विभाग के कामकाज में कसावट लाने की मुहिम शुरू की गई है लेकिन पटवारियों के कामों में कई जगह शिकायतें मिल रही हैं। ऐसी शिकायतें मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है। जिले में आज समीक्षा बैठक हुई तो राजस्व विभाग के विभिन्न कार्यों पर चर्चा के बाद 6 पटवारियों के निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया है। इनमें पाटन विकासखंड के दो पटवारी शामिल है।
राजस्व अमले के जिन पटवारियों पर कार्रवाई की गई उनमें धमधा हल्का नंबर 1 के पटवारी केशव लाल साहू शामिल हैं। इन्होंने त्रुटिपूर्ण गिरदावरी की थी और काम पर सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर अनुपस्थित रहे। पटवारी हल्का नंबर 50 धमधा के श्री लोकेश्वर सिंह ठाकुर पर पटवारी हल्के में समय पर नहीं रहने की वजह से कार्रवाई की गई। पटवारी हल्का नंबर 49 के पटवारी नवीन मिश्रा पर समय पर हल्के में नहीं रहने की वजह से कार्रवाई की गई। साथ ही आम जनता से भी सौहार्दपूर्ण व्यवहार नहीं होने की शिकायत थी। धमधा तहसील के पटवारी योगेश कुमार बंध्या हल्का नंबर 38 के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है।
पाटन के पीकेश जायसवाल पटवारी हल्का नंबर 53 गातापार को स्थानांतरण के पश्चात भी कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर कार्रवाई की गई।
पटवारी हल्का क्रमांक 46 बीजभाठा के पटवारी ईश्वर सेवई पर समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहने तथा प्रतिवेदन विलंब से देने की वजह से कार्रवाई की गई।
राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने लापरवाही पाए जाने पर 6 पटवारियों और एक आर.आई. के निलंबन प्रस्ताव भेजने के लिए अनुविभागीय अधिकारियों को कहा। उनमें धमधा अनुविभाग के 4 पटवारी तथा पाटन अनुविभाग के 2 पटवारी तथा 1 राजस्व निरीक्षक शामिल हैं। कलेक्टर ने समीक्षा में पाया कि इन्होंने विभिन्न प्रकरणों में अपने प्रतिवेदन भेजने में काफी विलंब किया। जिसकी वजह से इन प्रकरणों का निराकरण रूका रहा। सामाजिक संगठनों द्वारा सामाजिक कार्यक्रमों में जरूरत के लिए भवन आदि की जरूरत होती है। उन्हें सुविधा हो सके, इसके लिए शासन ने ऐसे सामाजिक संगठनों के लिए रियायती दरों पर नजूल जमीन उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन को कहा है। दुर्ग जिले में ऐसे संगठनों द्वारा भी इस तरह की मांग की गई है। इन्हें भूमि प्रदाय करने के लिए भूमि का चिन्हांकन करने कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने आज राजस्व अधिकारियों को कहा। कलेक्टर ने कहा कि राजस्व न्यायालयों के निरीक्षण के दौरान यह देखा गया है कि कुछ आवेदन ऐसे थे कि कुछ दिनों पहले ही आवकजावक शाखा में आ गये थे लेकिन इन्हें पंजीकृत नहीं किया गया था। ऐसी स्थिति न आये, इसके लिए आवकजावक शाखा के साथ ही रीडर के रजिस्टर भी इन्हें पंजीकृत किया जाए। रीडर की अनुपस्थिति में उनके द्वारा किये जा रहे सामान्य कार्य संपादित होते रहे, इसके लिए सहायक ग्रेड को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में समयसीमा से काफी लंबे समय से प्रकरण लंबित हैं। एसडीएम इनकी मानिटरिंग करें और शीघ्रता से इन्हें हल करने की कोशिश करें। साथ ही मामलों के समयसीमा पर निराकरण के लिए यह भी जरूरी है कि पटवारी और आरआई के प्रतिवेदन समय पर आयें। उन्होंने कहा कि एसडीएम हर सप्ताह इस बात की मानिटरिंग करें कि सीमांकन की अवधि पर आरआई मौके पर उपस्थिति हुए या नहीं। कलेक्टर ने राजस्व शिविरों में आ रहे प्रकरणों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि प्रशासन तुंहर द्वार के माध्यम से लोग अपने आवेदन प्रशासन तक रख रहे हैं। इनका गुणवत्तापूर्ण और अविलंब निराकरण से लोगों का भरोसा प्रशासनिक तंत्र में और बढ़ेगा। कलेक्टर ने कहा कि वे नियमित रूप से तहसील न्यायालयों का निरीक्षण जारी रखेंगे।