ओएमएसएस (डी) के तहत भारतीय खाद्य निगम द्वारा ई-नीलामी के पहले दिन 22 राज्यों में 8.88 एलएमटी गेहूं बेचा गया पहली ई नीलामी में 1100 से ...
ओएमएसएस (डी) के तहत भारतीय खाद्य निगम द्वारा ई-नीलामी के पहले दिन 22 राज्यों में 8.88 एलएमटी गेहूं बेचा गया
पहली ई नीलामी में 1100 से अधिक बोलीदाताओं ने भाग लिया
देश में आम लोगों को गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों से हो रही परेशानियों से निजात दिलाने केंद्रीय पूल स्टॉक से गेहूं की ई-नीलामी की जा रही है।यह गेहूं आटा बनाकर बाजार में आम लोगों को बिक्री के लिए दिया जा रहा है।अभी देश के 22 राज्यों में इस तरह से गेहूं की नीलामी शुरू कर दी गई है।यह नीलामी मार्च 2023 के दूसरे सप्ताह तक प्रत्येक बुधवार को पूरे देश में जारी रहेगी ।
वर्तमान में गेहूं और आटे की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बीस रू किलो का गेहूं ₹35 किलो तक पहुंच गया है। ऐसे में आम लोग, गेहू और आटे की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से त्रस्त हो गए हैं।इससे निपटने केंद्र सरकार के द्वारा केंद्रीय पुल स्टॉक में उपलब्ध गेहूं को बाजार में लाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय खाद्य निगम ने ओपन मार्केट घरेलू सेल स्कीम के तहत केंद्रीय पुल स्टाक के 25 एमएलटी स्टॉक में से 22 एमएलटी गेहूं ईद नीलामी के लिए बाजार में उतार दिया है। बताया जा रहा है कि इसकी पहली बोली में नीलामी दाताओं का काफी उत्साह देखा है और लगभग 1100 नीलामीदाताओं ने इसमें बोली लगाई है। देश के 22 राज्यों में पहली बोली की शुरुआत हुई है। इसकी पहली बोली में 8.85 एलएमटी गेहूं के बिक्री होने की जानकारी मिली है।
भारत सरकार ने 3 एलएमटी गेहूं सरकार के लिए आरक्षित किया है। केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ और नेफेड जैसे पीएसयू/सहकारिता/संघ गेहूं को आटा में परिवर्तित करने के लिए 2350 रुपये/क्विंटल की रियायती दर पर ई-नीलामी के बिना बिक्री के लिए दी जा रही हैं। और इसे अधिकतम खुदरा मूल्य 29.50 प्रति किग्रा रुपये की दर पर आम जनता को उपलब्ध कराया जा रहा है। जानकारी के अनुसार एनसीसीएफ को 07 राज्यों में उपरोक्त योजना के तहत 50000 मीट्रिक टन गेहूं के स्टॉक को उठाने की अनुमति दी गई है। देश भर में आटे की कीमत कम करने के लिए इस योजना के तहत नैफेड को 1 एलएमटी गेहूं और केंद्रीय भंडार को 1 एलएमटी गेहूं का आवंटन किया जाता है।
विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से आगामी दो महीने के भीतर ओएमएसएस (डी) योजना के माध्यम से बाजार में 30 एलएमटी गेहूं के बिक्री के लिए पहुंच जाने की संभावना है। इससे गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने की दिशा में तत्काल सकारात्मक असर पड़ने और आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है।