मुख्यमंत्री ने राज्य में नवाचार आयोग के गठन, नई ग्रामीण उद्योग नीति बनाने, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने, निर्माणी श्रमिकों को आवास सहा...
मुख्यमंत्री ने राज्य में नवाचार आयोग के गठन, नई ग्रामीण उद्योग नीति बनाने, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने, निर्माणी श्रमिकों को आवास सहायता, मुख्यमंत्री आदिवासी पर्व सम्मान निधि, महिला उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए नई योजना, रायपुर में ऐयरोसिटी की स्थापना, चंदखुरी में कौशल्या महोत्सव के आयोजन सहित अन्य घोषणाएं की
राज्य में राशनकार्डधारियों को मिलेगा एक वर्ष तक निःशुल्क चावल
सभी जिलों में पीडीएस के माध्यम से फोर्टिफाईड चावल का होगा वितरण
मुख्यमंत्री ने जगदलपुर में गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में किया ध्वजारोहण
रायपुर .
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारे संविधान में लिखी इबारतों को बहुत ही साफ मन और न्याय के अटूट इरादे से समझा जा सकता है। विरासत में हमें न्याय के लिए जो अडिग साहस मिला है, उसी को हमने अपनी सरकार का मूलमंत्र बनाया है। सबसे कमजोर तबकों को सबसे पहले और सबसे ज्यादा तवज्जो देकर न्याय दिलाना हमने अपना प्रथम कर्तव्य माना है। जिसके कारण हम बिना किसी संशय के विगत चार वर्षाें में छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा पूरी लगन से कर पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज 74वें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर बस्तर
जिला मुख्यालय जगदलपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद प्रदेश की जनता को
संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आगामी वित्तीय वर्ष से
बस्तर संभाग, सरगुजा संभाग और प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी
समाज के पर्वों के उत्तम आयोजन के लिये मुख्यमंत्री आदिवासी पर्व सम्मान
निधि के तहत प्रतिवर्ष प्रत्येक ग्राम पंचायत को 10 हजार रूपये प्रदान
करने, अगले वित्तीय वर्ष से बेरोजगारों को हर महीने बेरोजगारी भत्ता दिए
जाने, महिला समूहों, महिला उद्यमियों, महिला व्यवसायियों एवं महिला स्टार्ट
अप को व्यापार उद्योग स्थापित करने हेतु नवीन योजना प्रारंभ किए जाने की
घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और विरासत को अनवरत आगे बढ़ाने के लिये
राज्य में छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग का गठन करने, रायपुर एयरपोर्ट में
यात्री सुविधाओं को बढ़ावा देने, एयरपोर्ट क्षेत्र के वाणिज्यिक विकास और
रोजगार सृजन के लिये स्वामी विवेकानंद विमानतल के पास एयरोसिटी विकसित
करने, छत्तीसगढ़ में कुटीर उद्योग आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़
बनाने, रोजगार और लोगों की आय बढ़ाने के लिये ग्रामीण उद्योग नीति बनाने,
औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित इकाईयों को संपत्ति कर के भार से मुक्त करने,
खारून नदी पर उत्कृष्ट रिवर फ्रंट विकसित करने, विद्युत शिकायत के निराकरण
के लिए आधुनिक ऑनलाईन निराकरण प्रणाली विकसित करने, मुख्यमंत्री निर्माण
श्रमिक आवास सहायता योजना शुरू करने, राज्य में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय
रामायण/मानस महोत्सव तथा चंदखुरी में मां कौशल्या महोत्सव का आयोजन करने की
घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर राज्य के सभी जिलों में अप्रैल माह से
समस्त राशनकार्ड धारियों को पीडीएस के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल दिए जाने
की घोषणा की। गौरतलब है कि अभी तक फोर्टिफाइड चावल का वितरण राज्य के 12
जिलों में मध्यान्ह भोजन योजना और पूरक पोषण आहार योजना में वितरित किया जा
रहा था। मुख्यमंत्री ने अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित एवं
निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को जनवरी 2023 से दिसम्बर 2023 तक निःशुल्क
चावल वितरित किए जाने की भी घोषणा की। गणतंत्र दिवस का यह समारोह जगदलपुर
के लालबाग मैदान में हर्ष और उल्लास के वातावरण में आयोजित हुआ। इस मौके पर
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। समारोह
में सशस्त्र बल के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ महतारी के महान सपूतों अमर शहीद
गैंदसिंह, शहीद वीर नारायण सिंह, वीर गुण्डाधूर का सादर स्मरण किया।
उन्होंने कहा कि इन वीर जवानों का बहुत बड़ा योगदान हमारे राष्ट्रीय आंदोलन
में रहा, जिन्होंने छत्तीसगढ़ के दुर्गम अंचलों में रहकर छत्तीसगढ़ महतारी के
मान को भारत माता के सम्मान के साथ जोड़ा। मंगल पाण्डे, भगत सिंह,
चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई,
रानी अवंतीबाई लोधी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, लाल-बाल-पाल और उनके जैसे
लाखों सहमार्गियों से देश कभी उऋण नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और संविधान
निर्माताओं के वंशज हैं। हमारे पुरखों ने आजादी की लड़ाई में, देश की एकता
और अखण्डता को बनाए रखने के लिए, देश में समरसता के मूल्यों और संस्कारों
को बचाए रखने के लिए कुर्बानियां दी हैं, जो लोग इस भावधारा से जुड़कर अपने
आप को देखते हैं, वे लोग ही हमारी विरासत के महत्व को समझ सकते हैं। इसलिए
मैं चाहूंगा कि आप सब नई पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के मूल्यों
से अवगत कराएं। जब तक देश, इस संविधान के अनुसार चलता रहेगा, तभी तक हम
सबकी और देश की आजादी सुरक्षित रहेगी। हमारे संविधान की बदौलत ही हमारा
देश, लोकतंत्रात्मक गणराज्य कहलाता है। इससे नागरिकों को न्याय,
स्वतंत्रता, समता, गरिमा, और बंधुता का वरदान मिलता है। उन्होंने कहा कि
आधुनिक भारत के संस्कार और स्वरूप को गढ़ने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी,
प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर
लाल नेहरू, प्रथम विधि मंत्री बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर, प्रथम उप
प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल, प्रथम शिक्षा मंत्री
मौलाना अबुल कलाम आजाद, लाल बहादुर शास्त्री, श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव
गांधी जैसी विभूतियों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री
ने छत्तीसगढ़ के महान स्वतंत्रता सग्राम सेनानियों का भी स्मरण करते हुए
उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमें विश्वास था कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन से
आदिवासी बहुल अंचलों के अनमोल संसाधनों का लाभ स्थानीय जनता को देने के नए
रास्ते बनेंगे लेकिन विडम्बना है कि ऐसा नहीं हो पाया था। बड़े निवेश लाने
के नाम पर हसीन सपने दिखाए जाते थे, न निवेश हुआ, न सपने पूरे किए गए। हमने
यह साबित किया कि बड़े निवेश के नाम पर आदिवासी अंचलों का विकास रोके रखना
कदापि उचित सोच नहीं थी। प्राकृतिक संसाधनों, वन संसाधनों और स्थानीय मानव
संसाधन की शक्ति से भी बड़ा बदलाव किया जा सकता है। राज्य सरकार में आने के
बाद हमने पहले दिन से बदलाव के लिए ईमानदार प्रयास शुरू किए, जिसका नतीजा
आप सबके सामने है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजाद भारत में आम जनता को जितने भी महत्वपूर्ण
अधिकार दिलाए गए और न्याय देने के काम किए गए, वे सब स्वतंत्रता आंदोलन का
नेतृत्व करने वालों और उनके वंशजों की बड़ी सोच के कारण संभव हुआ। वन अधिकार
अधिनियम भी ऐसा ही एक कानून है जो हमारे नेताओं ने देश में लागू किया था,
जो अनुसूचित जनजातियों एवं परंपरागत वन निवासियों की जिंदगी संवार सकता था,
लेकिन प्रदेश में इस कानून पर अमल सही इच्छा-शक्ति से नहीं हुआ था। वन
अधिकार के दावों को बड़े पैमाने पर खारिज किया गया था और अनेक प्रावधानों को
लागू ही नहीं किया गया था।
पट्टे की वनभूमि 5 लाख परिवारों के आजीविका का साधन बनी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमने सिर्फ चार वर्षों में वन अधिकार पत्रों के तहत दी गई भूमि को 11 लाख से बढ़ाकर 40 लाख हेक्टेयर कर दिया। सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र तथा नगरीय क्षेत्र में वन अधिकार पत्र देने की पहल प्रदेश एवं देश में पहली बार हमने की। इस तरह अनेक प्रयासों से हमने 5 लाख से अधिक परिवारों को अनिश्चितता से उबारा, रोजगार और विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाया है। हमने विभिन्न जनहितकारी योजनाओं के लिए वन अधिकार पत्र धारियों को पात्रता दी है। वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु 13 हजार 586 ग्रामस्तरीय वन अधिकार समिति के साथ उपखंड एवं जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। इसी तरह विशेष रूप से कमजोर जनजातियों को पर्यावास का अधिकार देने की शुरुआत भी हमने धमतरी जिले से की है।
65 वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह देखकर बहुत अफसोस होता था कि प्रकृति और वनोपज की रक्षा करने वाले लोग अपनी आमदनी के लिए अपने ही अधिकारों से वंचित थे। हमने आदिवासी भाई-बहनों को न्याय दिलाने के लिए लघु वनोपज उपार्जन के सभी पहलुओं पर काम किया, 7 से बढ़ाकर 65 वनोपजों के लिए समर्थन मूल्य देने तथा मूल्यवृद्धि के साथ उपार्जन केन्द्रों में समुचित व्यवस्था भी की। जिसके कारण अब हम देश के कुल वनोपज खरीदी का 75 प्रतिशत हिस्सा खरीद रहे हैं।
तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा
तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए
प्रति मानक बोरा किया, जिसके कारण संग्राहकों को मिलने वाली राशि 1 हजार
500 करोड़ रुपए से बढ़कर 2 हजार 521 करोड़ रुपए हो गई। इतना ही नहीं, हमने
आदिवासी परिवारों को ऐसी फसलें लेने के लिए प्रेरित किया, जो बाजार में
बहुत अच्छे दामों पर बिकती हैं और इस तरह हमने आदिवासी समाज के लिए उन्नत
खेती का रास्ता खोलकर, उन्हें प्रगतिशील किसान की नई पहचान भी दिलाई।
प्रदेश में 562 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित
लोहंडीगुड़ा में जमीन वापसी के साथ ही हमने पूरे प्रदेश में वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित करने का निर्णय लिया था। अब प्रदेश में ऐसे 50 केन्द्रों में 134 प्रकार के हर्बल उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, जिनकी बिक्री ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के साथ ही राज्य में स्थापित संजीवनी केन्द्र, सी-मार्ट आदि में हो रही है। मात्र चार वर्षों में फूड पार्कों के लिए प्रदेश के 112 विकासखंडों में भूमि का चिन्हांकन और 52 विकासखंडों में भूमि हस्तांतरण हो चुका है। प्रदेश में 562 खाद्य-प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं।
कोदो, कुटकी, रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी
मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु धान्य या मिलेट्स की ज्यादातर खेती वन अंचलों
में की जाती है लेकिन उचित दाम व विपणन सुविधाओं के अभाव में इसका लाभ
आदिवासी तथा ग्रामीण जनता को नहीं मिल पाता था। हमने मिलेट्स के साथ इसकी
खेती करने वाले किसानों को भी मान दिलाया है। कोदो, कुटकी, रागी खरीदी के
लिए समर्थन मूल्य घोषित किया, इसे ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ से भी
जोड़ा गया है। ‘छत्तीसगढ़ मिलेट्स मिशन’ का गठन किया। 14 जिलों में मिलेट्स
की उत्पादकता सहित आवश्यक शोध व अनुसंधान हेतु एम.ओ.यू. किया गया। मुझे
विश्वास है कि मिलेट्स को लेकर देश और दुनिया में जो सकारात्मक वातावरण बना
है, उसका लाभ छत्तीसगढ़ के आदिवासियों और किसानों को दिलाने के लिए हमने
सही समय पर सही कदम उठा लिया है।
सभी वर्गाें के विकास के नये-नये उपाय
हमने अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के विकास के
लिए नए-नए उपाय किए हैं। ‘आदर्श छात्रावास योजना‘, ‘एकलव्य आदर्श आवासीय
विद्यालय योजना‘, ‘शिष्यवृत्ति योजना‘, ‘छात्र भोजन सहाय योजना‘, ‘राजीव
युवा उत्थान योजना‘, ‘राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा योजना‘, ‘जवाहर
विद्यार्थी उत्कर्ष योजना‘ जैसे अनेक प्रयासों में सहायता राशि,
हितग्राहियों की संख्या तथा सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी किए जाने से
विद्यार्थियों में नई आशा और विश्वास जागा है। ‘राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य
महोत्सव’, ‘विश्व आदिवासी दिवस’ पर सार्वजनिक अवकाश व ‘शहीद वीर नारायण
सिंह संग्रहालय’ जैसी पहल से इन वर्गों का गौरव और आत्मविश्वास बढ़ाने में
मदद मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने देवगुड़ी तथा घोटुल के महत्व को आत्मसात करते
हुए इनके विकास हेतु आर्थिक सहायता में भी बढ़ोतरी की है। विभिन्न परंपरागत
काम करने वाले समुदायों की आयवृद्धि हेतु समुचित पहल करने के लिए मंडलों का
गठन किया है। वहीं ‘चिराग परियोजना’ के माध्यम से 14 आदिवासी बहुल जिलों
में कृषि एवं इससे जुड़े अवसरों का लाभ स्थानीय लोगों को दिलाने का कार्य भी
शुरू किया गया है। देश के जिन कानूनों का लाभ प्रदेश के आदिवासी समाज को
राहत देने के लिए पूर्व में नहीं किया गया था, हमने उस दिशा में भी ठोस कदम
उठाए हैं। पेसा कानून के लिए नियम बनाने के मामले में हम देश के पांचवें
राज्य बने हैं। जेल में बंद व अनावश्यक मुकदमेबाजी से टूट रहे आदिवासी
परिवारों को राहत व रिहाई दिलाने का वादा भी हमने निभाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी बहुल अंचलों में बिजली, पानी, शिक्षा,
स्वास्थ्य, राशन, पोषण, रोजगार, सड़क निर्माण, ‘बस्तर फाइटर्स’ बल में भर्ती
जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए हमने विशेष रणनीति अपनाई,
जिससे समस्याओं का समाधान तत्काल हो और लोगों को शासन-प्रशासन की नजदीक
उपस्थिति महसूस भी हो। समन्वित प्रयासों एवं एकीकृत योजनाओं से स्थल पर हल
मिलना शुरू हुआ तो नक्सलवाद की जड़ें भी कमजोर होती चली गईं। जन-जीवन
सामान्य हुआ। 13 वर्षों से बंद 300 स्कूलों का जीर्णोंद्धार और पुनः संचालन
संभव हुआ। यही वजह है कि बस्तर अब नक्सलगढ़ नहीं बल्कि ‘विकासगढ़’ के रूप
में नई पहचान पा रहा है। बस्तर में अब नियमित हवाई यात्रा की तरह नियमित
विकास की ऊंची उड़ान भी देखने को मिल रही है।
धान खरीदी में हर वर्ष बन रहे कीर्तिमान
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि हमने मात्र चार वर्षों में धान खरीदी को 56 लाख 88 हजार मीटरिक टन से बढ़ाकर एक करोड़ मीटरिक टन से अधिक पहुंचा दिया और हर वर्ष एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के पीछे कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का हाथ रहा है। उदाहरण के लिए चार साल पहले समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों के हताश होने के कारण मात्र 15 लाख 77 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था जो अब बढ़कर 25 लाख हो गया है। धान बेचने के लिए पहले पंजीकृत रकबा मात्र 24 लाख 46 हजार हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 32 लाख से अधिक हो गया है।
छत्तीसगढ़ केन्द्रीय पूल में सबसे ज्यादा चावल देने वाला राज्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीदी केन्द्रों की संख्या पहले मात्र 1899 थी,
जो अब बढ़ाकर 2497 कर दी गई है। इसके अलावा बारदाने की कमी, टोकन, तौल,
भुगतान जैसी समस्याओं के कारण किसानों को मंडी में बेहद अपमानजनक स्थितियों
का सामना करना पड़ता था। हमने ऑनलाइन टोकन शुरू किया और ऐसे अनेक इंतजाम
किए, जिससे धान खरीदी बहुत ही सम्मानजनक, शांति और व्यवस्थित तरीके से हो
पाई। इस तरह सुविधाएं देने के कारण हम देश में सर्वाधिक किसानों का धान
खरीदने वाले राज्य भी बने हैं। हमने संग्रहित धान को सीधे मिलिंग के लिए
भेजने की नई व्यवस्था की, जिससे धान के नुकसान पर अंकुश लगा, वहीं मिलिंग
क्षमता बढ़ने से हम केन्द्रीय पूल में सबसे ज्यादा चावल देने वाले राज्य बन
गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती को हम माता मानते हैं, तो हमारा यह कर्त्तव्य
हो जाता है कि माता की सेहत का भी पूरा ध्यान रखें। रासायनिक जहर से माटी
की शुद्धता को बचाएं। हमने तो ‘नरवा-गरुवा- घुरुवा-बारी’ की पहचान छत्तीसगढ़
की चार चिन्हारी के रूप में की है और ‘सुराजी गांव योजना’ के तहत इस
चिन्हारी को बचाने-बढ़ाने- सजाने-संवारने और आने वाली पीढ़ी को अच्छी से
अच्छी स्थिति में सौंपने के लिए बहुत बड़ा अभियान छेड़ा है।
मुझे खुशी है कि हमारा यह काम सही दिशा में, सही गति के साथ चल रहा है।
जगह-जगह से भूमि जल स्तर बढ़ने की खबरें आ रही हैं। जैविक खाद और जैविक खेती
को लेकर छत्तीसगढ़ ऊंची उड़ान भर चुका है। लगभग 28 लाख क्विंटल वर्मी
कम्पोस्ट के उत्पादन से हमारे गौठानों ने ऐसा बड़ा कीर्तिमान बनाया है,
जिसके सामने बड़ी-बड़ी कंपनियां कहीं नहीं ठहरतीं। गौठान को हमने
सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र बनाने का लक्ष्य रखा था। 11 हजार 267
गौठान निर्माण की स्वीकृति, 9 हजार 716 गौठानों का निर्माण, 4 हजार से
अधिक गौठानों का स्वावलंबी होना और 300 से अधिक गौठानों में ‘रूरल
इंडस्ट्रियल पार्क’ का शिलान्यास हो जाना, अपने आप में सफलता की पूरी कहानी
है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना हो रहा पूरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हम स्वावलंबी गांव तथा गांव को सक्षम गणराज्य बनाने का सपना देखने वाले अपने पुरखों महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू की उम्मीदों पर खरे उतर रहे हैं। हजारों गौठान जब ‘रूरल इंडस्ट्रियल पार्क’ के रूप में गांवों में ही गोबर से बिजली बनाएंगे, पेंट सहित विभिन्न आवश्यक चीजों का उत्पादन करेंगे, तेल मिल, दाल मिल, आटा मिल, मिनी राइस मिल जैसी हजारों छोटी-छोटी औद्योगिक इकाइयों को चलाएंगे तो इससे हमारे गांवों में जो ताकत पैदा होगी, उसका अनुमान लगाकर मैं असीम आनंद की अनुभूति करता हूं। मैं इसे अपने सार्वजनिक जीवन और अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में शामिल करता हूं।
गोबर के सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व को सबने जाना
उन्होंने कहा कि इन्हीं प्रयासों के एक घटक, हमारी ‘गोधन न्याय योजना’ से न सिर्फ पशुधन विकास को नई ऊंचाई मिली है बल्कि गोबर के सांस्कृतिक महत्व के साथ ही आर्थिक महत्व को भी रेखांकित करने में बड़ी सफलता मिली है। इस योजना से प्रदेश के 3 लाख से अधिक लोगों को आय का नया जरिया मिला है और अब तक 362 करोड़ रुपए से अधिक की आय भी हुई है, जिससे हितग्राही परिवार अपने आवास, वाहन, स्वास्थ्य, जीवन स्तर उन्नयन, मांगलिक कार्य, स्थायी संपत्तियों का निर्माण, आजीविका के साधनों के विकास जैसे अनेक काम कर पा रहे हैं, जिससे हितग्राहियों के बढ़़े उत्साह और उद्यमिता से भी विकास का नया वातावरण बना है।
किसानों और कमजोर तबको को डेढ़ लाख करोड़ की मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों तथा अन्य जनहितकारी योजनाओं के
हितग्राहियों को लगभग 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए की राशि प्रदान करते हुए
न्याय योजनाओं को सार्थक बनाया है तो इस राशि को हितग्राहियों के बैंक
खातों में डालने की व्यवस्था भी की है। ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ की संख्या
विगत चार वर्षों में 50 प्रतिशत बढ़कर 81 लाख 22 हजार हो गई है। साथ ही
ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में बैंकिंग की सुविधाओं में भी अभूतपूर्व
बढ़ोतरी की गई है। मार्च 2021 तक बैंक मित्रों की संख्या मात्र 18 हजार 323
थी, जो अब बढ़कर 35 हजार से अधिक हो गई है। बैंक शाखाओं की संख्या 22
प्रतिशत बढ़कर 573 हो गई है।
चिटफंड कम्पनियों पर सख्त कार्रवाई: निवेशकों को 25 करोड़ रूपए की राशि वापस
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों की गाढ़े पसीने की कमाई को उच्चस्तरीय संरक्षण से कोई लूटकर ले जाए, इस स्थिति को हम कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते थे, इसलिए हमने सरकार में आते ही ‘चिटफंड कंपनियों’ के खिलाफ मोर्चा खोला। छत्तीसगढ़ में विगत चार वर्षों में 207 चिटफंड कम्पनियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर, 650 से अधिक संचालकों और उनके पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। अब-तक 82 प्रकरणों में 43 कम्पनियों के विरुद्ध 73 करोड़ 24 लाख रुपए की संपत्ति कुर्की, नीलामी, वसूली का अंतिम आदेश माननीय न्यायालय द्वारा दिया जा चुका है। इस तरह 36 हजार 239 निवेशकों को 24 करोड़ 87 लाख रुपए की राशि लौटाई गई है। निकट भविष्य में और भी बड़ी राशि लौटाई जाएगी। ऑनलाइन जुआ की रोकथाम के लिए ‘छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध विधेयक-2022’ पारित होना भी प्रदेश की एक बड़ी उपलब्धि है।
किसानों को इनपुट सब्सिडी के लिए 16442 करोड़ रुपए की मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित तौर पर धान के किसानों की खुशहाली से छत्तीसगढ़ महतारी के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आई है लेकिन हमने धान के साथ हर तरह की फसल लेने वाले किसानों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ लागू की। इसके अंतर्गत तीन वर्षों में 16 हजार 442 करोड़ रुपए की आदान सहायता दी गई है। इस योजना से उद्यानिकी फसलों को जोड़ने से प्रदेश में साग-सब्जी तथा फलों का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है और इसी के साथ उनके संरक्षण हेतु कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, फल, सब्जी मंडी तथा प्रसंस्करण इकाइयों में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में ‘किसान कुटीर’ विकसित किया जा रहा है। इन तमाम प्रयासों से छत्तीसगढ़ अब खुशहाल किसानों का प्रदेश बन रहा है। इस वर्ष से समर्थन मूल्य पर दलहन खरीदी का वादा भी निभा रहे हैं।
ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों को न्यूनतम आर्थिक मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमिहीन मजदूरों को न्याय कैसे दिलाया जाए, इस
संबंध में प्रदेश तो क्या देश में कोई सोच नहीं थी। हमने ‘राजीव गांधी
ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ लागू कर 4 लाख 66 हजार से अधिक
लोगों को वर्ष में सुनिश्चित न्यूनतम आर्थिक मदद देने का सपना साकार किया
है। उन्होंने कहा कि हमने विगत चार वर्षों में विभिन्न तरह के काम करने
वाले श्रमिकों को सीधे लाभ पहुंचाने वाली अनेक योजनाएं शुरू की और उनमें
लाभ का दायरा भी बढ़ाया है।
2 लाख 65 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की धरती में भूख और कुपोषण का कुचक्र को तोड़ने के लिए ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ चलाया। जिसके कारण चिन्हांकित 4 लाख 34 हजार बच्चों में से 2 लाख 65 हजार बच्चों को कुपोषण से तथा एक लाख 50 हजार महिलाओं को एनीमिया से मुक्त किया गया है। इसके अलावा हमने गर्भस्थ शिशुओं से लेकर सुरक्षित प्रसव, माताओं और शिशुओं के स्वस्थ विकास के विभिन्न पहलुओं पर समुचित ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे विभिन्न प्रयासों से मातृत्व मृत्यु दर 159 से घटकर 137 हो गई है। दूसरी संतान भी बेटी होने की स्थिति में किसी भी तरह की मदद का प्रावधान पूर्व में नहीं था। इस अंतर को पाटने के लिए हमने ‘कौशल्या मातृत्व सहायता योजना’ शुरू की।
अप्रैल 2023 से सभी जिलों में फोर्टिफाईड चावल का होगा वितरण
राशनकार्डधारियों को साल भर निःशुल्क चावल
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी अप्रैल 2023 से सभी जिलों में पीडीएस के राशनकार्डधारियों को फोर्टिफाइड चावल का वितरण प्रारंभ किया जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 64 लाख अन्त्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को अप्रैल 2022 से दिसम्बर 2022 तक निर्धारित मासिक पात्रता एवं अतिरिक्त पात्रता का चावल निःशुल्क दिया जा रहा था, जिसे जनवरी 2023 से दिसम्बर 2023 तक बढ़ा दिया गया है।
सार्वभौम पीडीएस: शत-प्रतिशत खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य पूरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार ‘सार्वभौम पीडीएस’ के तहत 2 करोड़ 61 लाख हितग्राहियों को अर्थात् शत-प्रतिशत खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य पूरा कर लिया है। राशनकार्डधारी अपनी सुविधा से छत्तीसगढ़ अथवा देश के किसी भी राज्य की उचित मूल्य दुकान से राशन सामग्री प्राप्त कर सकंे, इसके लिए ‘वन नेशन वन राशनकार्ड योजना’ पर अमल किया जा रहा है। 13 हजार 518 उचित मूल्य दुकानों में से 13 हजार 451 उचित मूल्य दुकानों में ‘ई-पॉस मशीन’ स्थापित करके आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
नये जमाने के अनुरूप हो रहा औद्योगिक विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं, बल्कि सुखद अहसास होता है कि हमने ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक, वाणिज्यिक, औद्योगिक विकास पर पूरा ध्यान दिया है। हमारे गांव निर्माण का केन्द्र बनंे और शहर विक्रय का, इस सोच को धरातल पर उतारने के लिए हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा हमने छत्तीसगढ़ को नए जमाने के अनुरूप, नए औद्योगिक विकास के लिए भी आदर्श राज्य बनाया है। इसके लिए हमने स्टील क्षेत्र जैसी अपनी पुरानी ताकत को फिर से जगाया है, तो खाद्य प्रसंस्करण, दवा, लघु वनोपज, रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, जूट, प्लास्टिक, इलेक्ट्रिक वाहन, चार्जिंग स्टेशन सेवा केन्द्र, बीपीओ, थ्रीडी प्रिंटिंग, टेक्सटाइल, पर्यटन, मनोरंजन सेवा केन्द्र, बीज ग्रेडिंग जैसे क्षेत्रों को भी छत्तीसगढ़ में भागीदारी निभाने के लिए आमंत्रित किया है। यही वजह है कि विगत चार वर्षों में प्रदेश में एक हजार 856 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुईं, जिनमें 19 हजार 700 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश सुनिश्चित हुआ।
चार साल में 6 नए जिले, 19 अनुविभाग और 83 तहसीलों का गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शासन-प्रशासन की सेवाएं आम जनता तक पहुंचाने के
लिए जो घोषणाएं की थीं, उन सबको पूरा कर दिया है। विगत चार वर्षों में 6
नए जिले, 19 अनुविभाग और 83 तहसीलों का गठन किया है।
शासकीय सेवकों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल
शासकीय सेवकों को पुरानी पेंशन योजना, छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि योजना
का लाभ देने हेतु हम अपने निर्णय पर अडिग हैं और इसके लिए समुचित कदम उठाए
जा चुके हैं। आम जनता को ऑनलाइन सेवाएं देने के लिए हमने लोक सेवा
केन्द्रों को सशक्त बनाया, जिसके कारण विगत चार वर्षों में लगभग एक करोड़ 14
लाख आवेदनों का निराकरण इस प्रणाली से किया गया। इसके अलावा परिवहन, नगरीय
निकायों तथा विभिन्न शासकीय सेवाओं में पारदर्शिता के लिए ऑनलाइन
प्रणालियों को बढ़ावा दिया गया है, जिसका लाभ लाखों लोगों को हो रहा है।
‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ के तहत सभी 14 नगर निगमों में जनता को घर में
जाकर प्रमाण-पत्र, लाइसेंस जैसे दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिसका
लाभ 40 हजार से अधिक लोगों को मिला है।
जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने युद्ध स्तर पर प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेहत, समृद्धि और खुशहाली का सीधा रिश्ता होता है।
कहा गया है-‘एक स्वास्थ्य हजार नियामत’। हमारी सरकार ने जन-स्वास्थ्य
सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए हैं। नए
अस्पताल खोलने, अस्पतालों के उन्नयन जैसे सारे योजनाबद्ध कार्य तेजी से
हों, यह सुनिश्चित करने के साथ ही हमने हर हालत में समुदाय तक पहुंचने की
रणनीति अपनाई। इस तरह चलित चिकित्सालयों को हाट-बाजारों, बसाहटों, तंग
बस्तियों और उन सभी जगहों तक पहुंचाया गया, जहां तत्काल आवश्यकता थी। विगत
चार वर्षों में हमने ‘मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना’, ‘मुख्यमंत्री
शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना’, ‘मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना’, ‘हमर
लैब’ जैसी योजनाओं से एक करोड़ 90 लाख से अधिक लोगों की स्वास्थ्य रक्षा की
है।
सस्ती जेनेरिक दवाएं और इलाज के लिए मदद
‘श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना’ के तहत राज्य के 169 नगरीय
निकायों में 193 दुकानें संचालित की जा रही है, जिसके माध्यम 43 लाख से
अधिक लोगों को 75 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है। धन राशि किसी के इलाज
में रूकावट न बने इसके लिए हमने ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’
और ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’ के माध्यम से बहुत बड़े
पैमाने पर निःशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि चार वर्ष
पूर्व तक प्रदेश के विभिन्न अंचलों में जिस तरह से बीमारियां और महामारी
फैली थी उसे तत्काल प्रभाव से रोकने में हमें बड़ी सफलता मिली है।
मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान से प्रदेश में परजीवी सूचकांक 5.31 प्रतिशत
से घटकर 0.92 प्रतिशत रह गया है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि नवा
छत्तीसगढ़, स्वस्थ छत्तीसगढ़ के रूप में भी अपनी नई पहचान बनाए।
आगामी सत्र से 422 स्वामी आत्मानंद स्कूल होंगे प्रारंभ
हमने शिक्षा के माध्यम से राज्य की नई पीढ़ी को सक्षम बनाने की दिशा में
भी क्रांतिकारी उपाय किए हैं। पहली कक्षा की पढ़ाई मातृभाषा से शुरू करने के
लिए राज्यव्यापी भाषाई सर्वे करने वाले हम पहले राज्य हैं। बस्तर के
गांव-गांव में कहानी-उत्सव के माध्यम से मातृभाषा में शिक्षा देने के
अभियान को गति दी गई है। सरकारी शालाओं के बच्चों का आत्म-बल बढ़ाने और उनकी
प्रतिभा को संवारने हेतु पब्लिक स्कूलों से बेहतर अधोसंरचना विकसित करने
की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट
अंग्रेजी माध्यम’ की 247 शालाओं और हिन्दी
माध्यम की 32 शालाओं का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 2 लाख 15 हजार
बच्चों को प्रवेश मिला है। आगामी सत्र से 422 नई शालाओं को उत्कृष्टता के
इस अभियान में शामिल करने की तैयारी की जा रही है।
शैक्षणिक उन्नयन के लिए सुघ्घर पढ़वैया’ योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘सुघ्घर पढ़वैया’ योजना भी शुरू की गई है, जिसमें
विद्यालयों को ही शैक्षिक उन्नयन में भागीदार बनाकर पुरस्कारों की घोषणा की
गई है। अल्प समय में ही 22 हजार से अधिक अर्थात् 51 प्रतिशत विद्यालयों ने
इस योजना में शामिल होने की अनुमति देकर बड़े सुधार की दिशा में कदम उठा
लिया है। मैं अपील करता हूं कि सभी विद्यालय अपनी सहमति प्रदान करें। लंबे
समय से जिन शासकीय शाला भवनों की मरम्मत अथवा जीर्णोद्धार नहीं किया जा सका
था, इसके लिए हमने 780 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, ताकि तत्काल यह
कार्य हो सके।
उत्कृष्ट महाविद्यालय होंगे प्रारंभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा को हमने युवाओं के अनुशासन, संस्कार और उनके रोजगार की क्षमता बढ़ाने के नजरिए से देखा और समुचित कदम उठाए हैं। आवश्यकता के अनुरूप हमने सह-शिक्षा और बालिकाओं के लिए विशेष महाविद्यालय शुरू किए तथा सीटों में भी बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी की। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि महाविद्यालयों में सकल नामांकन अनुपात पांच गुना बढ़ गया है। वहीं छात्राओं की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। इस तरह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों का आगे बढ़ना एक बड़ी उपलब्धि है। मैं बेटियों को उनके उत्साह, जागरुकता और आगे बढ़ने की दृढ़ इच्छा-शक्ति के लिए सलाम करता हूं। ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों’ की तर्ज पर महाविद्यालय खोलने का निर्णय भी लिया गया है, जो उच्च शिक्षा के उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में नए प्रतिमान बनेंगे।
राज्य में बेरोजगारी दर 0.1 प्रतिशत
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक ओर जहां शासकीय, अर्द्धशासकीय विभागों, निगमों, मंडलों, आयोगों, समितियों आदि में बड़े पैमाने पर भर्ती की गई, वहीं निजी क्षेत्रों में भी रोजगार और स्वरोजगार की समुचित व्यवस्थाएं की गईं। राज्य लोक सेवा आयोग, व्यापम में परीक्षा शुल्क माफ किया गया। निर्माण विभागों में ई-पंजीयन के माध्यम से सीमित निविदा प्रक्रिया का लाभ दिया गया। गांवों से लेकर शहरों तक आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हुई, जिसमें बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हुए। इस तरह छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर को 0.1 प्रतिशत के न्यूनतम स्तर तक लाने में मिली सफलता का श्रेय मैं राज्य के विकास में भागीदार बने आप सभी लोगों को देता हूं। मैं कहना चाहता हूं कि व्यापक जनभागीदारी, नवाचार और समावेशी विकास की हमारी रणनीति से बना ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ अब देश को दिशा दे रहा है।
बुनियादी जरूरतों को पूरा कर रहा है छत्तीसगढ़ मॉडल
मुख्यमंत्री ने कहा विकास का हमारा मॉडल सजावटी और दिखावटी न होकर बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करते हुए जन-जन को सशक्त बनाने वाला होगा। इसी सांचे में हमने अधोसंरचना विकास को भी ढाला है, जिसका निर्माण समय-सीमा में पूर्ण हो और जिसका लाभ जनता को तत्काल मिलना शुरू हो, ऐसी सड़क, जल संसाधन, बिजली प्रदाय आदि की अधोसंरचना का विकास किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अधोसंरचना के लिए कोरोना काल में ‘राज्य आपदा मोचन निधि’ तथा अन्य मदों से समुचित राशि दी गई। जब नगरीय निकायों को जरूरत थी तब उन्हें एकमुश्त बड़ी आर्थिक सहायता दी गई। जब अस्पताल और स्कूलों को जरूरत थी, तब उनके लिए एकमुश्त सहायता राशि की घोषणा की गई, वैसे ही बरसात के बाद में जब सड़कों पर गड्ढे उभरे तो अभियान चलाकर 6 हजार किलोमीटर सड़कों की मरम्मत हेतु घोषणा की गई कि इसमें बजट की कोई कमी नहीं होगी। समय पर कार्य पूरा होना ही प्राथमिकता होगी।
राज्य में 8.33 लाख पी.एम.आवास पूर्ण
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ (ग्रामीण) के अंतर्गत वर्ष 2020 तक 9 लाख 39 हजार 335 आवासों की स्वीकृति देकर 8 लाख 33 हजार 488 का निर्माण पूरा हो चुका है तथा शेष का निर्माण शीघ्र पूरा कर दिया जाएगा। वर्ष 2021-22 में 1 लाख 57 हजार 815 आवासों के लक्ष्य अनुरूप शत-प्रतिशत स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। मुझे खुशी है कि आर्थिक तंगी के कठिन दौर में भी हमारी रणनीति से चहुंओर राहत पहुंचाई गई और विकास को गति दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी 2024 को हम 75वां गणतंत्र दिवस मनाएंगे। यह हमारे गणतंत्र का अत्यंत गौरवशाली पड़ाव होगा। गणतंत्र जन-जन के अधिकारों और गौरव का दिन है। यह भारतीय संविधान के प्रति आस्था ही नहीं बल्कि हमारी एक-दूसरे के प्रति आस्था, विश्वास, सद्भाव और विकास में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने के संकल्प का भी दिन है। इसलिए मैं आप सबसे आह्वान करता हूं कि संविधान के सिद्धांतों, मूल्यों और इसके पालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत बनाने की दिशा में रचनात्मक कार्यक्रमों का सिलसिला सभी लोग अपने-अपने स्तरों पर शुरू करें।
बात हे अभिमान के, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान के
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पुरखों ने सिखाया है कि अपनी माटी,
परंपराओं और संस्कृति से जुड़कर हम एकजुटता के सेतु बनाते हैं। इन मूल्यों
के विपरीत चलने का खामियाजा पहले भी बहुत भुगता जा चुका है इसलिए हम
छत्तीसगढ़िया अस्मिता, स्वाभिमान और स्वावलंबन की अलख जगाने के लिए छत्तीसगढ़
महतारी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, जो जाति-धर्म-संप्रदाय से ऊपर उठकर
छत्तीसगढ़ियत के आदर्शों का विस्तार करेगी।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को ही यह सौभाग्य मिला है कि इसके नाम के
साथ महतारी शब्द जुड़ता है, जो मातृशक्ति के प्रति हमारी गहरी आस्था का
प्रतीक है। इसीलिए हम कहते हैं ‘बात हे अभिमान के, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान
के’। मैं चाहूंगा कि सार्वजनिक आयोजनों में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा,
उनका चित्र, राजगीत, राजकीय प्रतीक छत्तीसगढ़िया गमछा, बोरे-बासी तथा
छत्तीसगढ़िया खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाए। छत्तीसगढ़िया त्यौहारों पर
घोषित किए सार्वजनिक अवकाशों का उपयोग त्यौहार के महत्व के अनुरूप आयोजनों
में किया जाए।
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक: खेलों के साथ-साथ आपसी सद्भाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के हमारे ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ ने प्रदेश में जीवन स्तर उन्नयन, समृद्धि, खुशहाली और स्वावलंबन की दिशा में जो उपलब्धियां दिलाना शुरू की हैं, वह अभी प्रारंभिक दौर में ही है, इनके बहुत ऊंचाइयों और कई शिखरों पर जाने की संभावनाएं हैं। आप सबके सहयोग, समर्थन और भरोसे की पूंजी से हम छत्तीसगढ़ को देश का सबसे समृद्ध और सबसे खुशहाल राज्य बनाने में सफल होंगे।