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नए साल में मिलेगी स्मार्ट मीटर की साैगात, बिजली भी नहीं हाेगी महंगी

  रायपुर। नया साल राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के लिए  अच्छी खबर लेकर आया है। सबसे बड़ी बात बीते साल वीसीए काे लेकर तीन बार महंगी बिजली का झटक...

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रायपुर। नया साल राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के लिए  अच्छी खबर लेकर आया है। सबसे बड़ी बात बीते साल वीसीए काे लेकर तीन बार महंगी बिजली का झटका लगा है, लेकिन कम से कम नए साल में प्रदेश के 61 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को जहां महंगी बिजली का झटका नहीं लगेगा, वहीं स्मार्ट मीटरों की भी सौगात मिलेगी। छह हजार की कीमत वाले ये मीटर मुफ्त में लगेंगे। इसके लिए उपभोक्ताओं से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। अपना उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक कदम उठाते हुए कोरबा में 660 मेगावाट के संयंत्र लगाने का काम भी होगा। इसी के साथ प्रदेश में बिजली व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए तीन हजार करोड़ से ज्यादा के काम भी होंगे।


छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी ने बिजली नियामक आयोग में इस बार जो 2023-24 के लिए याचिका दायर की है, उसमें टैरिफ में किसी भी तरह का बदलाव न करने की बात साफ तौर पर लिखी है। आमतौर पर पॉवर कंपनी न तो टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव देती है और न ही टैरिफ में किसी तरह का बदलाव न करने की बात लिखती है। लेकिन इस बार टैरिफ में बदलाव न करने की बात लिखी गई है। पॉवर कंपनी हर साल दिसंबर में बिजली नियामक आयोग को आगामी साल के खर्च और कमाई का पूरा लेखा-जोखा देकर याचिका लगाती है। इसके आधार पर ही आयोग जनसुनवाई करने के बाद तय करता है कि बिजली की कीमत में कितना इजाफा होगा और टैरिफ क्या होगा। कई सालों तक पॉवर कंपनी समय पर याचिका ही नहीं लगा रही थी। इस बार कंपनी ने समय से पहले ही याचिका लगा दी है।


54 लाख उपभोक्ताओं काे मिलेंगे स्मार्ट मीटर


प्रदेश के 61 लाख में से 54 लाख उपभोक्ताओं के मीटर नए साल में बदले जाएंगे। पुराने के स्थान पर ये स्मार्ट मीटर होंगे। ये सभी प्रीपेड होंगे। इसके लिए मोबाइल की तरह पहले रिचार्ज कराना होगा, तब जाकर बिजली मिलेगी। पॉवर कंपनी ने इसके लिए टेंडर कर दिया है। टेंडर नए साल के पहले माह में खोल जाएगा। टेंडर की प्रक्रिया जनवरी से फरवरी के बीच पूरी होगी और स्मार्ट मीटर लगाने का काम प्रारंभ किया जाएगा। सबसे पहले सरकारी विभागों में मीटर लगाने की तैयारी है।


अब नए संयंत्र की तैयारी


जिस तरह से तेजी से प्रदेश में उपभोक्ताओं की संख्या में इजाफा हो रहा है, उससे आने वाले समय में बिजली की बहुत ज्यादा जरूरत होगी। आज उपभोक्ताओं की संख्या 61 लाख से ज्यादा हो गई है। पहले बिजली की खपत राेज तीन हजार मेगावाट से भी कम रहती थी, आज खपत पांच हजार के पार जा रही है। यह खपत कभी भी छह हजार मेगावाट से ज्यादा हो सकती है। प्रदेश सरकार ने एक दशक की खपत को देखते हुए ही योजना बनाकर कोरबा में 660 मेगावाट के दो संयंत्र लगाने की मंजूरी दी है। उत्पादन कंपनी के अधिकारियों का कहना है, संयंत्र का काम प्रारंभ करने से पहले जहां इसके लिए पर्यावरण की मंजूरी जरूरी है, वहीं यह भी जरूरी है कि इसके लिए कोयले की आपूर्ति कहां से होगी, यह भी तय किया जाए। इन कामों को लेकर ही पहले मंजूरी लेने का काम किया जा रहा है। इसके लिए जहां नए साल में एजेंसी तय की जाएगी, वहीं इसकी मंजूरी मिलते ही टेंडर पर काम होगा।


बिजली व्यवस्था भी हाेगी मजबूत


प्रदेश में बिजली व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पॉवर कंपनी करीब तीन हजार करोड़ खर्च करेगी। करीब 12 हजार करोड़ की योजना नए साल के लिए बनी है। इसका केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें से साढ़े तीन हजार करोड़ की एक योजना को पहले मंजूरी मिली है। इसके बाद स्मार्ट मीटर वाली योजना को मंजूरी मिली है। साढ़े तीन हजार करोड़ की योजना में से तीन हजार करोड़ अधोसंरचना और लाइन लास कम करने पर खर्च होंगे। इसके लिए लाइनों और सब स्टेशनों का विस्तार किया जाएगा।