सांसद विजय बघेल ने आदिवासीयों के हितों के मुद्दे पर संसद में उठाई आवाज दुर्ग । असल बात न्यूज़।। दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघे...
सांसद विजय बघेल ने आदिवासीयों के हितों के मुद्दे पर संसद में उठाई आवाज
दुर्ग ।
असल बात न्यूज़।।
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल ने छत्तीसगढ़ की जनजातिय समस्याओं से संबंधित मुद्दे को लोकसभा में आज उठाया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले 4 वर्षों के दौरान आदिवासी कल्याण की योजनाओं पर काम नहीं हो रहा है। विकास के काम रुक गए हैं, जो काम जगह जगह हो भी रहे हैं उनमें गुणवत्ता की कमी है। इस पर विभागीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हम डेवलपमेंट के प्रोग्राम को पूरे देश में सामूहिकता के साथ आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
सांसद विजय बघेल ने संसद में प्रश्न उत्तरकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए ढेर सारे काम शुरू किए गए हैं और इससे आदिवासी वर्ग के लोगों के जीवन स्तर में काफी सुधार आया है। लेकिन पिछले चार वर्षों के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य इसमें काफी पिछड़ गया है। राज्य में दो संभाग पूर्णता आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं। वहां पिछले चार वर्षों में जनजातिय कल्याण का काम नहीं हो रहा है। जो कार्य चल रहे हैं उनमें गुणवत्ता की भी कमी है। उन्होंने गंभीरता पूर्वक इस मुझे पर सवाल उठाया कि क्या विभागीय मंत्री इस मामले की समीक्षा करेंगे।
इस दौरान उन्होंने यह भी सवाल किया कि सांसदों के द्वारा क्षेत्र के लिए जो विकास कार्य प्रस्तावित किये जाते हैं उन्हें प्राथमिकतापूर्वक स्वीकृति दी जाती है कि नहीं। उन्होंने आसंदी का इस और विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करते हुए यह पूछा कि इन कार्यों को प्राथमिकतापूर्वक स्वीकृत नहीं किया जाता तो विभागीय मंत्री क्या इन्हें प्राथमिकतापूर्वक स्वीकृत करने का विभागीय अधिकारियों को निर्देश देंगे। इस पर जवाब देते हुए केंद्रीय जनजातिय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि जनजाति वर्ग के कल्याण की योजनाओं के लाभ को किसी भी क्षेत्र में राज्य सरकारों के साथ मिलकर जनता तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाता है। सांसद श्री बघेल की चिंता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जो जनप्रतिनिधि होते हैं उनमें सांसद, विधायक, जिला पंचायत स्तर के प्रतिनिधि होते हैं उनके द्वारा जिला स्तर पर होने वाली बैठकों में जो कार्ययोजना तैयार की जाती है राज्यों की जिम्मेदारी होती है कि वह उन योजनाओ को प्राथमिकता पूर्वक प्रस्तावित करें। राज्य सरकार, जिन कार्यों को प्रस्तावित करती है उन योजनाओ को स्वीकृत किया जाता है। राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है कि उन जिलों के क्षेत्रों में विकास के कार्य तेज गति से अच्छे ढंग से हो सके। राज्य सरकार जिन कार्यों को प्रस्तावित करती है उन कार्यों को हम स्वीकृत करते हैं। विभागीय मंत्री ने यह भी बताया कि किसी संसद सदस्य के द्वारा विकास कार्य का प्रस्तावों उन के समक्ष लाया जाता है तो उस पर भी हम, राज्य सरकार को कहते हैं कि ये जनहित की योजनाये है और इन पर भी प्राथमिकता पूर्वक काम होना चाहिए।
विभागीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि हम सब देश और देश की जनता के लिए काम कर रहे हैं और सामूहिकता के साथ हम सबको डेवलपमेंट के प्रोग्राम को इंप्लीमेंट करना चाहिए।