नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।। छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी खबर है। यहां के कई जनजातियों को जो अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने ज...
नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।
असल बात न्यूज़।।
छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी खबर है। यहां के कई जनजातियों को जो अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने जोड़ने की मांग की जा रही थी, वह मांग आज पूरी हो गई है। लोकसभा में आज यहां के कुछ समुदाय को अनुसूचित जनजातियां आदेश 1950 की सूची में शामिल करने के लिए विधेयक पारित कर दिया गया है।
लोकसभा में इसके लिए संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (पांचवां संशोधन) अधिनियम, 2022 नामक विधेयक लाया गया जिसे पारित कर दिया गया है। लोकसभा में संशोधन विधेयक को पारित कर निम्न आशय की मंजूरी दी गई है
प्रविष्टि संख्या 5 पर भारियाभूमिया (Bharia Bhumia) के पर्याय के रूप में भूईंया (Bhuinya), भूईयाँ (Bhuiyan), तथा भूयां (Bhuyan) ko
प्रविष्टि संख्या 5 पर Bharia नाम के अंग्रेजी संस्करण को बिना बदलाव किए भरिया (Bharia) के रूप में भारिया (Bharia) का सुधार
प्रविष्टि संख्या 5 पर Pando के भिन्न/परिवर्त्य देवनागरी संस्करण के रूप में पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो
प्रविष्टि संख्या 14 पर धनवार (Dhanwar) के पर्याय के रूप में धनुहार (Dhanuhar), धनुवार (Dhanuwar)
प्रविष्टि संख्या 15 पर अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में अंग्रेजी पाठ में बिना बदले गदबा (Gadba, Gadaba)
प्रविष्टि संख्या 16 पर Gond के भिन्न/परिवर्त्य देवनागरी संस्करण के रूप में गोंड (Gond) के साथ गोंड़
प्रविष्टि संख्या 23 पर कोंध (Kondh) के साथ कोंद (Kond)
प्रविष्टि संख्या 27 पर kodaku के भिन्न/परिवर्त्य देवनागरी संस्करण के रूप में कोडाकू (Kodaku) के साथ कोड़ाकू (Kodaku)
प्रविष्टि संख्या 32 पर नगेसिया (Nagesia), नागासिया (Nagasia) के पर्याय के रूप में किसान (Kisan)
प्रविष्टि सं. 33 पर अंग्रेजी पाठ में बिना बदलाव किए अधिसूचित हिंदी संस्करण में 'धनगढ़' (Dhangad) का परिशोधन 'धांगड़' (Dhangad) के साथ प्रतिस्थापित करना
प्रविष्टि संख्या 41 पर सावर (Sawar), सवरा (Sawara) के पर्याय के रूप में सौंरा (Saunra), संवरा (Saonra)
प्रविष्टि संख्या 43 पर बिंझिया (Binjhia) को जोड़ा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जनजातीय बाहुल्य राज्य छत्तीसगढ़ में 12 जनजातीय वर्ग के लोगों के द्वारा उनके समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की लंबे समय से मांग की जा रही थी ताकि उन्हें भी आरक्षण व सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ मिल सके। इस मांग पर विचार करते हुए इसे पिछले सितंबर महीने में कैबिनेट की बैठक में इसे पारित कर दिया था।