दुर्ग । असल बात न्यूज़।। 00 विधि संवाददाता अपर सत्र न्यायाधीश, प्रथम फास्ट ट्रेक कोर्ट, विशेष न्यायाधीश पोस्को कोर्ट दुर्ग श्रीमती सर...
दुर्ग ।
असल बात न्यूज़।।
00 विधि संवाददाता
अपर सत्र न्यायाधीश, प्रथम फास्ट ट्रेक कोर्ट, विशेष न्यायाधीश पोस्को कोर्ट दुर्ग श्रीमती सरिता दास के न्यायालय ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के तहत दोष सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त को 10 साल के सश्रम कारावास और ₹2000 के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की अदायगी में चूक करने पर अभियुक्त को एक-एक मास के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा दी जाएगी। न्यायालय ने पीड़िता को पुनर्वास के लिए चार लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि देने की अनुशंसा की है।
इस मामले में 25 मार्च 2019 को एफ आई आर दर्ज हुआ था। मामले में न्यायालय के समक्ष लगभग 2 साल 7 महीने सुनवाई और परीक्षण चला। मामले में न्यायालय ने पाया कि पीड़िता अवयस्क बालिका है। रिश्तेदार होकर भी आरोपी बालिका को उसके माता-पिता के सहमति के बिना उनके संरक्षण से व्यपहरण कर जबरदस्ती पऊवारा ले जा कर बलातसंग कारीत कर प्रवेशन लैंगिक हमला कारीत किया गया। पीड़िता को ब्लड कटर से जान से मारने की धमकी देकर आपराधिक अभित्रास करने के आरोप को न्यायालय ने सही पाया।असल बात न्यूज़
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