भिलाई । असल बात न्यूज़।। स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में नैक में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु दिशा-निर्देश देने के...
भिलाई ।
असल बात न्यूज़।।
स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में नैक में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु दिशा-निर्देश देने के लिये प्रेरणात्मक उद्बोधन का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. शैलेष जाला कुलपति एवं प्रो रसायन शास्त्र एम के भाव नगर विश्वविद्यालय अहमदाबाद एवं सदस्य नैक पियर टीम उपस्थित हुए।
महाविद्यालय के कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने कहा कि डॉ जाला जैसे अनुभवी प्राध्यापक एवं नैक पियर टीम सदस्य के दिशा निर्देशन से प्राध्यापको को शैक्षणिक गतिविधियों को नयी शिक्षा पद्यति के अनुरुप अमल में लाकर शिक्षा को व्यवहारिक बना सकते है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने महाविद्यालय परिवार की ओर से डॉ जाला का स्वागत किया तथा कहा कि शिक्षण क्षेत्र में अनुभव कि संपत्ति से आने वाली पीढ़ी को एक नई दिशा प्रदान की जा सकती है। डॉ जाला का शिक्षण के साथ नैक पियर टीम के सदस्य के रुप में एक लंबा अनुभव है अतः उनके दिशा निर्देश से प्राध्यापकगण षिक्षा में नवीन विधियों का उपयोग कर शिक्षा को डिग्री तक सीमित न रखकर समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी बना सकते है। छत्तीसगढ़ में नवरात्रि पर्व में जसगीत गाकर मॉं दुर्गा की स्तुती विनती की जाती है। डॉ जाला को छत्तीसगढ़ संस्कृति से परिचित कराने बीएड विद्यार्थियों द्वारा जसगीत प्रस्तुत किया गया।
प्रो शैलेष जाला ने नैक में उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं अच्छे ग्रेड हासिल करने के लिये अनेक सुझाव दिये उन्होंने बताया राष्ट्रीय सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य समाज की सेवा करना है उन्होंने पॉंच गांव गोद लेने की सलाह दी व कहा उन्हें उन्नत खेती, खाद्, मछली पालन आदि का प्रषिक्षण दे सकते है उन्हें कोई समस्या है उसे दूर कर सकते हैं गांव में चिकित्सा सुविधाओं में कमी होती है वहॉं हम ऑंख, दांत, सामान्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या, रक्तपरीक्षण संबंधी शिविर का आयोजन कर सकते है व स्वास्थ्य सुविधायें उन्हें पहुॅंचा सकते है। उन्होंने दस-दस विद्यार्थियों का ग्रुप बनाने की बात कही जिसमें विद्यार्थी गांव की समस्या से परिचित हो उसके समाधान का उपाय कर गांव का विकास करें। अच्छे ग्रेड प्राप्त महाविद्यालय के वेब साइस्ट विजीट करने की बात कही। उन्होंने कहा विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देने में माता पिता के बाद शिक्षक का दायित्व है। विद्यार्थियों में बहुत क्षमता होती है वे नया करने का सोचते है अतः उन्हें शिक्षण से संबंधित मॉडल बनाने के लिये प्रेरित करने की बात कही।
डॉ रजनी मुदलियार विभागाध्यक्ष रसायनशास्त्र द्वारा पूछे जाने पर विभाग के लिये क्या करना चाहिये उन्होंने बताया औद्योगिक प्रशिक्षण के लिये भेज सकते है। रसायन में रोजगार की संभावनाओं के बारे में बता सकते है। साथ ही फार्मा उद्योग में रसायन से संबंधित प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दे सकते है। रसायनिक संघ के साथ ओएमयू कर सकते है। उन्होंने शोध प्रकाशन शार्ट टर्म कोर्स पर ज्यादा ध्यान देने के लिये दिशा-निर्देश देते हुये कहा अभी का समय लोकल फॉर वोकल व आत्मनिर्भर भारत का है हमें इस पर अधिक ध्यान देने की आवष्यकता है। डॉ श्वेता गायकवाड बॉटनी द्वारा पूछे जाने पर बॉटनी में पाठ्यक्रम के अतिरिक्त विद्यार्थीयों को और सिखाया जा सकता है। डॉ जाला ने कहा कि आप अपने परिसर में दुर्लभ पौधों को लगाकर उनकी उपयोगिता से विद्यार्थियों को परिचित कराये तथा पास के बॉटनीकल गार्डन शैक्षणिक भ्रमण के लिए ले जा सकते है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक उपस्थित थे।