पाटन, दुर्ग, रायपुर। असल बात न्यूज़।। 00 अमलेश्वर अपडेट continue 00 अशोक त्रिपाठी सबसे बड़ा त्यौहार है और इस त्योहारी सी...
पाटन, दुर्ग, रायपुर।
असल बात न्यूज़।।
00 अमलेश्वर अपडेट continue
00 अशोक त्रिपाठी
सबसे बड़ा त्यौहार है और इस त्योहारी सीजन में व्यवसायियों को लाखों करोड़ों रुपए के व्यवसाय और बड़े मुनाफे की उम्मीद रहती है और वे अभी इसी की पूरी तैयारी तथा ग्राहकों को आकर्षित करने की कोशिशो में जुटे जुटे हैं । पिछले दो वर्षों के कोरोना संकट के बाद अभी भी बाजार में ग्राहकों की अपेक्षाकृत कमी दिख रही है और व्यवसाई इस संकट से उबरने, निपटने की उधेड़बुन में लगे हुए हैं। बाजार कोरोना संकट से पैदा कठिनाइयों से उबरने की कोशिशों में लगा हुआ है। ऐसे समय में अमलेश्वर की लूट हत्या की घटना ने व्यवसाय जगत से जुड़े लोगों में चिंता पैदा कर दी है। अमलेश्वर में जो घटना हुई है उससे व्यवसाय चाहे कितना भी अच्छा हो जाए, मुनाफा कितना भी अधिक बढ़ जाए,लेकिन दीपावली की चमक, रोशनी चमक फीकी पड़ गई है। इस घटना ने कई सारे सवाल खड़े कर दिए हैं। व्यवसाय जगत से जुड़े लोगों मैं निश्चित रूप से यह चिंता पैदा हुई है कि ऐसे में अपने प्रतिष्ठान में भी कौन, कैसे सुरक्षित रह पाएगा ? कोई भी पिस्टल हथियार लेकर प्रवेश कर सकता है और खूनी जानलेवा हमला कर सकता है। तो स्वाभाविक तौर पर यह नया सवाल पैदा हो रहा है कि अपने संस्थान के भीतर ही अपनी जान बचाने के लिए क्या बहुत सारे उपाय करने पड़ेंगे ? अमलेश्वर की घटना में साफ दिख रहा है कि अपराधी खुलेआम दो दो पिस्टल से लैस थे और दोनों पिस्टल लोडेड थी। अपराधियों ने बेहिचक बेखौफ गोलियां चलाई। व्यवसाई को बेरहमी से लात घुसे से मारा भी और उसकी जान ले ली। बहुत संभावना है कि पुलिस, अमलेश्वर कांड के अपराधियों तक बहुत जल्द पहुंच जाने वाली है और अपराधी गिरफ्त में होंगे लेकिन व्यवसाय जगत में जो सन्नाटा पसरा है, चिंता पैदा हुई है वे सवाल लंबे समय तक बने रहेंगे।
उन दोनों अपराधियों ने एकदम सामान्य ग्राहक की तरह दुकान में प्रवेश किया था जैसे कि आम ग्राहक दुकान में पहुंचते हैं। किसी को कोई शक आशंका की कोई गुंजाइश नहीं थी। निश्चित रूप से दुकान संचालक श्री सोनी को भी उन युवकों के ग्राहक बनकर पहुंचने पर कोई शक नहीं हुआ होगा। उक्त युवकों ने स्वयं को बहुत देर तक एक खरीददार, ग्राहक की तरह पेश किया और उनका बहुत कुछ व्यवहार भी सामान्य ग्राहक की तरह है ही नजर आया। बहुत देर तक वे लोग ज्वेलरी देखते रहे। संभवत उन लोगों ने अंगूठी खरीदने की पेशकश की थी और उन्हें अंगूठी पसंद नहीं आने का नाटक कर रहे थे और वीडियो फुटेज में जो दिख रहा है संभवत एक के बाद दूसरी अंगूठी दिखाने को कह रहे थे। उसके बाद वह दुर्दांत अपराधी बन गए। उन लोगों ने जिस तरह से खूनी हमला किया उसकी कल्पना करना भी आसान नहीं है। कोई भी व्यवसाई ऐसी कल्पना नहीं कर सकता और ना ही करना चाहेगा। गोली लगने से अशक्त हो जाने के बाद भी अपराधी जिस तरह से दुकान संचालक पर लात घुसा मारते रहे, उससे तो ऐसा भी लगता है कि कहीं उनकी दुकानदार से कोई पुरानी दुश्मनी तो नहीं थी।एक गोली लगने के बाद दुकान संचालक श्री सोनी ने निढाल हो कर गिर पड़े, लेकिन उसके बावजूद अपराधियों ने उन पर निर्दयता पूर्वक चार चार गोलियां दाग दी। इसके बाद उनकी जान बचना बहुत मुश्किल हो गया था। जिस तरह की यह घटना हुई है उससे ऐसी घटना किसी के साथ भी होने की आशंका पैदा हो गई है। जब अपराधियों के हौसले ऐसे बुलंद रहेंगे तो किसी के साथ भी ऐसा हो सकता है। एक सामान्य ग्राहक बनकर अपराधी किसी पर भी गोली चलाकर किसी की भी जान ले सकते हैं।
अपराधियों ने जिस तरह से गोलियां दागी हैं बेखौफ होकर उससे यह भी लग रहा है कि वह पेशेवर प्रवृत्ति के अपराधी हैं। गोलियां चलाते वक्त उनके चेहरे पर कहीं शिकन नजर नहीं आ रही है। जिस अपराधी का हाथ कटा हुआ है जिसे देख कर उस पर कोई भी रहम कर सकता है उसने तो और बढ़ चढ़कर गोलियां दागी। श्री सोनी के गिर जाने के बावजूद वह गोलियां दागता दिखाई दे रहा है। आज एक सोनी के ऊपर गोली चली है कल और किसी के ऊपर ऐसी गोलियां दागी जा सकती हैं। संभवत आपराधिक प्रवृत्ति के पेशेवर लुटेरों का गिरोह तैयार हो रहा है जो लूट की घटना को अंजाम देने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, किसी की भी जान ले सकता है। व्यवसायियों को अब ऐसे पेशेवर अपराधियों से निपटने की तैयारी की चिंता करनी पड़ेगी। अमलेश्वर की घटना से यह तो समझा जा सकता है कि ऐसी घटना को इतनी तेजी से और सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया कि वह दुकान संचालक भी अंतिम समय तक इसकी कल्पना नहीं कर सका। और हत्यारों ने बिना कोई मौका दिए उसे मौत के घाट उतार दिया।
आप पिछले वर्षों में देखेंगे की बड़े-बड़े ज्वेलरी शॉप में हथियारबंद सुरक्षा गार्डों को रखना शुरू कर दिया गया है। लेकिन स्वाभाविक तौर पर यह सभी ज्वेलरी शॉप के लिए संभव नहीं है। जो छोटे व्यवसाई हैं चाहे वे कपड़े वाले हो, ज्वेलरी वाले हो, उनके लिए ऐसे सुरक्षा गार्डों को रखने का भार वहन करना आसान नहीं है। अमलेश्वर जैसे ग्रामीण परिवेश वाले इलाकों में तो ऐसा खर्च वहन करना असंभव जैसा है। पेशेवर अपराधी इस हालात और मजबूरी को समझते हैं। वे भी रेकी कर पता कर लेते हैं कि किस दुकान के क्या हालत है और किसकी क्या कमजोरी है। अब सवाल यह है कि जो सुरक्षा के समुचित व्यवस्था स्वयं नहीं कर सकेंगे तो क्या वह ऐसे ही मार दिए जाते रहेंगे ? पेशेवर अपराधी क्या ऐसे ही पिस्टल और हथियार लेकर घूमते रहेंगे और गोलियां दागते रहेंगे ? प्रशासन को भी इस पर चिंतन करना होगा कि ऐसे तत्वों से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। ये अपराधी पकड़ लिया जाएंगे, पुलिस की गिरफ्त में आ जाएंगे लेकिन सिर्फ उस से ही अपराधियों का अंत नहीं होने वाला है। अपराधियों का मनोबल किस वजह से बढ़ रहा है इसे भी समझने की जरूरत है। राजनीतिक दलों को भी अपराधियों का मनोबल बढ़ने देने से रोकने रणनीति बनानी होगी। यह अच्छी खबर है कि अमलेश्वर घटना के दोनों अपराधियों की पहचान हो गई है। इस घटना से लेकिन यह साबित हुआ है कि हमारे यहां एक शहर से दूसरे शहर को जोड़ने वाले रास्तों पर संदिग्धों को रोकने पहचान करने जो बल की तैनाती की जाती है वह कहीं ना कहीं कमजोर साबित हुआ है। इस घटना में अपराधी एक शहर से होकर दूसरे तहत तक आगे बढ़ते चले गए। उन्हें कहीं नहीं रोका जा सका। कहीं पकड़ा नहीं जा सका। यह हमारी खामियां उजागर हुई है। तमाम अत्याधुनिक उपकरणों तथा संसाधनों के होने के बावजूद हम इसे नहीं कर सके।संभवत आपराधिक तत्व इन कमजोरियों को जानते समझते हैं और इसका फायदा उठा रहे हैं। यह तो नहीं है कि ज्वेलरी शॉप खोलना और चलाना अपराध है। दुकान में अकेले रहने पर सुरेंद्र सोनी को दिनदहाड़े गोली मार दी जाएगी। व्यवसाई वर्ग, प्रशासन तंत्र और जनप्रतिनिधियों को मिलकर इस कठिन समस्या से निपटने के लिए तैयारी करने नए सिरे से बातचीत करनी होगी और कदम उठाने की जरूरत है ताकि आगे किसी सुरेंद्र सोनी को दिनदहाड़े गोली ने मारी जा सके। व्यवसाई वर्ग को भी सिर्फ अपने लिए ही मुनाफा कमाने की सोचने के बजाय सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए प्रशासन तंत्र को जरूरी सहयोग करना होगा।।