रायपुर, दुर्ग। असल बात न्यूज़।। शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों के हड़ताल और आंदोलन चलते प्रदेश भर में शासकीय कामकाज बिल्कुल ठप्प सा है और ...
रायपुर, दुर्ग।
असल बात न्यूज़।।
शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों के हड़ताल और आंदोलन चलते प्रदेश भर में शासकीय कामकाज बिल्कुल ठप्प सा है और यह हड़ताल आज 11वें दिन में पहुंच गई है तथा आज भी कोई संभावना नजर नहीं आ रही हैं कि शास्त्री कामकाज शुरू हो जाने वाला है। डायरेक्टरेट इंद्रावती भवन में तो किसी ऑफिस का दरवाजा ही पिछले 10 दिनों से नहीं खुल रहा है। इस बीच हड़ताल बंद कराने को लेकर राज्य सरकार और प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधि मंडल के बीच बातचीत हुई है लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही है। प्रदर्शनकारियों की अभी मुख्य तौर पर 2 सूत्रीय मांग है और वे इन मांगों को आर्थिक संकट के बीच किस तरह से पूर्ण किया जा सकता है इस पर सुझाव और प्रस्ताव भी दे रहे हैं। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने इन आंदोलनरत कर्मचारी पर कभी दबाव बनाया है तो कभी पुचकारते हुए दो सितंबर तक काम पर वापस वापस लौट आने की अपील की है। कहा जा सकता है कि 2 सितंबर के पहले तक राज्य में लगातार अवकाश चल रहा था कभी अच्छी का अवकाश तो कभी सामान्य अवकाश। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की आज महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है जिसमें आंदोलन पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
शासकीय कामकाज के लिए आज महत्वपूर्ण दिन है। राज्य सरकार ने आंदोलन रात अधिकारियों कर्मचारियों से आज काम पर वापस लौट आने की अपील की है। इस अपील के साथ आंदोलनरत कर्मचारियों को पूछ कर आ गया है कि वे इस दिन तक काम पर लौट आएंगे तो उनके हड़ताल की अवधि का अवकाश स्वीकृत कर लिया जाएगा। ऐसे में आम लोगों को आंदोलनरत प्रदर्शनकारियों के आगे के रुख का इंतजार है।
अभी आप नवा रायपुर में मंत्रालय संचालनालय के करीब जाएंगे तो इन महत्वपूर्ण कार्यालयों में कोरोना संकट के समय के लॉकडाउन के जैसा सन्नाटा पसरा नजर आता है।जानकारी के यहां का कोई भी कार्यालय पिछले 10 दिनों से नहीं खुल रहा है। हड़ताल की जानकारी नहीं होने की वजह से कई लोग अपने काम को लेकर यहां पहुंचते देखे जाते हैं जिन्हें अंतता भटक कर वापस लौटना पड़ता है। नहीं तो पूरे इलाके में सिर्फ सन्नाटा दिखता है। शासकीय कार्यालय सिर्फ राजधानी रायपुर दुर्ग भिलाई बिलासपुर जैसे मैदानी इलाकों में ही बंद नहीं है वरन एक तरफ बस्तर बीजापुर दंतेवाड़ा नारायणपुर तो दूसरी तरफ अंबिकापुर संभाग में भी लगभग सभी कार्यालय के बंद होने की खबर है। इससे समझा जा सकता है कि आम लोगों को इस हड़ताल से किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा होगा ।सरकार की ओर से प्रदर्शनकारियों को उनकी मांग पूरी करने का अभी तक कोई पूर्ण आश्वासन नहीं मिला है लेकिन यह उम्मीद बनी हुई है कि जिस तरह से सरकार के साथ बातचीत हो रही है कोई न कोई रास्ता निकल सकता है। दूसरी तरफ, उन्हें अब राजनीतिक दलों का समर्थन बढ़ता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल, सांसद विजय बघेल राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय कर्मचारियों के प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे हैं और उन्होंने आंदोलनरत कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया है। बड़ी बात है कि एक दिन पहले, राज्य सरकार की ओर से आंदोलनरत कर्मचारियों के लिए ना कोई अपील की गई है ना ही कोई दबाव बनाया गया नजर आया है। कार्यालयों के बंद के जो हालात हैं वह सिर्फ मुख्यालय में ही नहीं है वरन जिलों में भी ऐसे ही हालात नज़र आ रहे हैं। स्कूलों में ताला लटका हुआ है। यहां तक कि न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सुनवाई की तारीख को बढ़ाना पड़ रहा है। तहसील कार्यालय में भी कामकाज पूरी तरह से ठप है। शासकीय कर्मचारियों के हड़ताल को देखते हुए अब निगम मंडल के कर्मचारियों का भी मनोबल बढ़ रहा है और वे भी हड़ताल पर उतर आए हैं।
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की कल महत्वपूर्ण बैठक हुई है जिसमें जिसमे प्रदेश के जिला संयोजक, समस्त सम्बद्ध संगठन के प्रांताध्यक्ष एवं फेडरेशन के पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में जिला के समस्त संयोजक एवं प्रांताध्यक्ष की राय ली गयी, जिसमे अधिकांश संगठनों के प्रतिनिधियो की राय थी की जो सरकार मंहगाई के खिलाफ राजधानी में जाकर प्रदर्शन करने वाली है उस सरकार को कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते की माँग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए ।जब तक सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेती तब तक हड़ताल जारी रखी जाये ।बैठक में संयोजक कमल वर्मा को अधिकृत किया गया कि वे तत्काल कोर कमेटी की बैठक कर हड़ताल के संबंध में निर्णय लें ।
फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने अपने संबोधन में बताया कि दो सूत्रीय मांग ( केन्द्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता एवं सातवे वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता) देने के संबंध में फेडरेशन ने अपना पक्ष रखा है, जिसमे प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे जी द्वारा मध्यस्थता की जा रही है। मंत्री चौबे जी के द्वारा आश्वस्त किया गया है कि किया कि मुख्य सचिव से फेडरेशन के सुझाव अनुसार चर्चा हो चुकी है। मुख्यमंत्री जी से भी इस सम्बंध में चर्चा हुई है। जिसमे सार्थक निर्णय लिया जावेगा। बताया था कि दौरान मंत्री श्री चौबे ने आंदोलनरत कर्मचारियों से आम जनता की तकलीफों को देखते हुए काम पर तुरंत वापस लौट आने की अपील की है।
फेडरेशन की बैठक में बताया गया की शासन कर्मचारियों का एक वर्ष का एरिर्यस जी पी एफ खाते में डालते हुए आहरण पर कुछ वर्षों के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है किन्तु महंगाई भत्ते की शेष किश्त दीपावली तक दे दी जाए । गृह भाड़ा भत्ते के लिए समिति बनाकर निर्णय ले । कर्मचारियों की बैठक के बाद फ़ेडरेशन की आज 2 सितंबर को महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है जिसमें आगे की रणनीति तय की जायेगी ।
आज 2 सितंबर का दिन कर्मचारियों की हड़ताल के मामले में इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि राज्य सरकार ने आंदोलनरत कर्मचारियों से इस दिन तक काम पर वापस लौट आने की अपील की है।राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि इस दिन तक काम पर वापस लौट आने वाले कर्मचारियों के हड़ताल की अवधि को अवकाश स्वीकृत कर लिया जाएगा।