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बड़ी खबर,हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई, कार्रवाई की जाएगी, वेतन नहीं दिया जाएगा

 *वर्तमान हड़ताल में शामिल नहीं होने वाले कर्मचारियों को 25 से 29 जुलाई तक हड़ताल अवधि को अवकाश स्वीकृत करते हुए किया जाएगा भुगतान *सामान्य प्...

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 *वर्तमान हड़ताल में शामिल नहीं होने वाले कर्मचारियों को 25 से 29 जुलाई तक हड़ताल अवधि को अवकाश स्वीकृत करते हुए किया जाएगा भुगतान

*सामान्य प्रशासन विभाग ने विभागाध्यक्षों और कलेक्टर्स को जारी किया आदेश

*22 अगस्त से निरंतर हड़ताल में शामिल कर्मचारियों पर वर्ष 2006 में जारी परिपत्र के अनुसार की जाएगी कार्रवाई


रायपुर ।

असल बात न्यूज़।। 

राज्य सरकार के द्वारा पिछले सप्ताह भर से विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इन्हें इस अवधि का वेतन नहीं दिया जाएगा तथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। वही इस अवधि में जो अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर नहीं थे उन्हें हड़ताल अवधि का अवकाश स्वीकृत कर वेतन दिया जाएगा। 

राज्य में लगभग सभी विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों की हड़ताल पिछले लगभग सप्ताह भर  से चल रही है जिसके चलते शासकीय कामकाज लगभग पूरा कामकाज ठप हो गया है। अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा सरकार से अपनी मांगों पर जल्द से जल्द सहानुभूति पूर्वक विचार करने की मांग की जा रही है। ऐसा लग रहा था कि अधिकारियों कर्मचारियों के संगठनो और सरकार के बीच उनके विभिन्न मुद्दों पर शीघ्र ही कुछ हद तक सुलह हो सकती है और कर्मचारी काम पर वापस आ सकते हैं। इस बीच विभिन्न स्तर पर बातचीत भी की जा रही थी। लेकिन  राज्य सरकार ने इस सब को धता बताते हुए आज बड़ा निर्णय ले लिया है। सरकार ने निर्णय लिया है कि पूर्व में जारी परिपत्र के अनुसार बिना पूर्व स्वीकृति के सामूहिक अवकाश पर जाने की दशा में अथवा हड़ताल का वेतन इत्यादि देय नहीं होगा न ही इस प्रकार की अनुपस्थिति के दिवसों का अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। राज्य सरकार के इस निर्णय पर विभिन्न कर्मचारी संगठनों की व्यापक प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी विभागाध्यक्षों एवं कलेक्टर्स को निर्देश जारी कर कहा गया है कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों के आव्हान पर जो कर्मचारी विगत 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक की अवधि में हड़ताल में थे एवं वर्तमान में हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक हड़ताल अवधि को अवकाश स्वीकृत करते हुए वेतन भुगतान किया जाए। जारी निर्देश में कहा गया है कि जो कर्मचारी 25 जुलाई से 29 जुलाई तक हड़ताल में थे एवं 22 अगस्त 2022 से निरंतर हड़ताल में हैं उनकी अनुपस्थिति के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 10 अप्रैल 2006 को जारी परिपत्र के अनुसार कार्यवाही की जाए। उक्त परिपत्र में जारी निर्देश के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बिना पूर्व स्वीकृति के सामूहिक अवकाश पर जाने की दशा में अथवा हड़ताल का वेतन इत्यादि देय नहीं होगा न ही इस प्रकार की अनुपस्थिति के दिवसों का अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। ऐसे दिवसों की अवधि का कोई वेतन इत्यादि देय नहीं होगा और इस अवधि को ब्रेक-इन-सर्विस माना जाएगा।


उपरोक्त के अतिरिक्त जब कभी शासकीय सेवकों द्वारा उक्त प्रकार के कृत्य किए जाए तो ऐसे घोर अनुशासनहीनता करने वालों के विरूद्ध गुणदोषों के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश सक्षम अधिकारी दे सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि हड़ताली कर्मचारियों को पूरा भरोसा था कि राज्य सरकार उनकी मांगों पर अंततः सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी और सभी मांगे पूरी ना भी हुई तो वे मांगे पूरी करवाने के काफी कुछ करीब पहुंच जाएंगे। राज्य सरकार के द्वारा आज जो आदेश किया गया है उससे कर्मचारी संगठनों को निश्चित रूप से बड़ा झटका लगेगा। इस हड़ताल को लेकर कर्मचारियों में बेहद उत्साह नजर आ रहा था और मजेदार बात है कि इस हड़ताल से लगातार नए विभाग के कर्मचारी भी जुड़ते जा रहे थे। नए विभागों के कर्मचारियों के जुड़ने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी और कई ऐसे विभाग भी है जो कि शीघ्र ही इस हड़ताल में शामिल होने वाले थे।

दूसरी तरफ यह भी एक मुद्दा प्रमुखता के साथ सामने आया है कि कर्मचारी अधिकारी तो अपने वेतन भक को बढ़ाने की मांग को लेकर लगातार हड़ताल कर रहे हैं लेकिन आम जनता में वेतन भत्तों में लगातार बढ़ोतरी की मांग  के खिलाफ विरोध का स्वर भी उभरने लगा है। आम लोगों का कहना है कि शासकीय कर्मचारियों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी से महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है और वे सब अभी भी भारी महंगाई से जूझ रहे हैं तथा वेतन भत्तों में फिर बढ़ोतरी की जाती है तो महंगाई और बढ़ जाएगी जिससे आम जनता का जीवन मुश्किल हो जाएगा।

वेतन भत्तों में बढ़ोतरी के नाम पर विभिन्न विभागों में किस तरह की भर्राशाही और अनियमितताएं हुई हैं इसका मामला पिछले दिनों सामने आया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले दिनों अपेक्स बैंक और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के  अधिकारियों कर्मचारियों के वेतनमान की समीक्षा की जब यह मामला सामने आया और उन्होंने इस पर गहरी नाराजगी जताई है। तब से ऐसा लग रहा था कि अधिकारियों कर्मचारियों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी पर फिलहाल बहुत अधिक कुछ होने वाला नहीं है।


 

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