‘ भिलाई। असल बात न्यूज। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको भिलाई में आई.क्यू.ए.सी. सेल द्वारा ‘‘शारीरिक एवं मानसिक तनाव प्र...
‘भिलाई। असल बात न्यूज।
स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको भिलाई में आई.क्यू.ए.सी. सेल द्वारा ‘‘शारीरिक एवं मानसिक तनाव प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय ई-कार्यशाला का आयोजन कार्यालयीन कर्मचारियों हेतु किया गया। कार्यशाला में प्रशिक्षक वरिष्ठ योग प्रशिक्षक एवं अभिप्रेरक वक्ता डॉ बी.एन. राव रेड्डी थे।
कार्यशाला के आरंभ में प्रशिक्षक श्री रेड्डी का स्वागत प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने किया और कहा कि कार्यालयीन कर्मचारियों पर कार्य का दबाव बहुत होता है ऑनलाईन कार्य होने के कारण बहुत समय उन्हें कम्प्यूटर पर बैठना होता है जिससे उन्हें मानसिक थकान व तनाव महसूस होता है तथा शारीरिक थकान भी अनुभव करते है। एक जगह बैठ कर काम करने से शरीर में जड़ता कंधे व हाथ पैरों में दर्द प्रारंभ हो जाता है इसका सबसे सरल व अच्छा ईलाज प्राणायाम व व्यायाम ही है। डॉ. राव कुर्सी में बैठकर ही थपकियों के माध्यम से जो अभ्यास कराते है वह कर्मचारियों के शारीरिक व मानसिक थकान को प्रबंधित करने में सहायक होगा इस उद्देष्य से कार्यशाला का अयोजन कराया गया है।
महाविद्यालय के सीओओ डॉ. दीपक शर्मा ने कहा अशैक्षणिक स्टॉफ महाविद्यालय की धूरी है इनके द्वारा महाविद्यालय के एडमिशन, नामांकन, परीक्षा तथा स्कॉलरशिप का प्रत्येक विद्यार्थियों का रिकार्ड रखा जाता है। इससे स्टॉफ को तनाव का सामना करना पड़ता है यह कार्यशाला उनके तनाव प्रबंधन में सहायक होगा व कार्यालयीन स्टॉफ स्वस्थ माहौल में काम कर सकेंगे।
डॉ. बी.एन. राव रेड्डी ने शारीरिक व मानसिक थकान दूर करने के उपाय बताते हुये कहा अगर एक गिलास पानी लेकर हमें एक घंटा खड़े रखने के लिये कहा जाये तो हम एक घंटा खड़ा नहीं रह सकते पर काम का तनाव मस्तिष्क पर लेकर घूमते रहते है। जो व्यक्ति काम करता है उसको तनाव होता है तनाव अधिक होने से ब्लड प्रेसर, डायबिटिस, बैकपैन, एसीडीटी जैसे अनेक समस्यायें प्रारंभ होती है। तनाव का महत्वपूर्ण कारण हम वर्तमान में नहीं जीते भूत व भविष्य की बाते याद करते रहते है जो हमेशा तकलीफ देता है। इसलिये वर्तमान की समस्या को हमें वर्तमान में ही हल करने का प्रयत्न करना चाहिए। तनाव प्रबंधन के लिये व्यक्ति अपनी कुर्सी में बैठकर भी व्यायाम कर सकता है। हमारा दिल एक मिनट में 72 बार धड़कता है और पूरे शरीर में खून पहुॅचाता है इसलिये प्राणायाम करना चाहिये जिससे हमारा ह्रदय सक्रिय तरीके से काम करें। उन्होंने बताया हमें सकारात्मक ऊर्जा और विश्वास के साथ व्यायाम व प्राणायाम करना चाहिये। उन्होंने कुर्सी में बैठकर ही विभिन्न प्रकार के व्यायाम व प्राणायाम करने के तरीके बताये व उनसे होने वाले लाभों की जानकारी दी व बताया इससे हम किस प्रकार अपने शारीरिक थकावट व मानसिक तनाव को दूर कर पुनः ऊर्जावान होकर अपने कार्य को संपादित कर सकते है।
कार्यक्रम में सफल मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शमा ए. बेग विभागाध्यक्ष माईक्रोबायोलॉजी ने किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय व अन्य महाविद्यालय के कार्यालयीन कर्मचारियों ने भाग लिया तथा इस कार्यशाला को कार्य के दौरान तनाव प्रबंधन हेतु उपयोगी बताया।