आनलाईन विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन दुर्ग । असल बात न्यूज । दुर्ग जिले के विद्यालयों के प्राध्यापकों, विद्यार्थियों को विधि की जानकारी ...
आनलाईन विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
दुर्ग । असल बात न्यूज।
दुर्ग जिले के विद्यालयों के प्राध्यापकों, विद्यार्थियों को विधि की जानकारी से अवगत कराने तथा उसके प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला शिक्षा विभाग के सहयोग से विधिक जागरूकता शिविर किया जा रहा है। कोरोना संकट की वजह से यह शिविर ऑनलाइन हो रहा है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा प्राधिकरण के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में आयोजित इस शिविर में मुख्य रूप से उन अपराधों के बारे में विशेष रुप से जानकारी दी गई जिन्हें आम लोग जाने अनजाने में अक्सर कर बैठते हैं।
आनलाईन विधिक जागरूकता शिविर की इस कड़ी में ’’धमधा’’ ब्लाॅक में आयोजित शिविर में प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग डॉ प्रज्ञा पचौरी एवम् ’’ दुर्ग’’ व पाटन ब्लाॅक के शिविर में विशेष न्यायाधीश-दुर्ग श्री शैलेशकुमार तिवारी के द्वारा प्राध्यापकों को विधि के बारेेेेे में जानकारी देते हुए उन्हे जागरूक किया गया।
आनलाईन आयोजित किये गये विधिक जागरूकता शिविर में डाॅ. प्रज्ञा पचौरी ने घरेलू हिंसा के बढते अपराधों पर दृष्टि रखते हुए इस से संबंधित कानूनी बिंदुओं पर कई महत्व पूर्ण जानकारी देतेे हुए घरेलू हिंसा से बचाओ के लिए महिलाओं को उपलब्ध कानूनी अधिकारों से अवगत कराया तथा महिलाओं को दी जाने वाली निःशुल्क विधिक सहायता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी । उन्हें बताया कि घरेलू हिंसा का सम्बन्ध प्रतिवादी के किसी कार्य, लोप या आचरण से है जिससे व्यथित व्यक्ति के स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन या किसी अंग को हानि या नुकसान हो।
उन्होंने बताया कि इसमें शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न, लैंगिक शोषण, मौखिक और भावनात्मक शोषण व आर्थिक उत्पीड़न शामिल है। व्यथित व्यक्ति और उसके किसी सम्बन्धि को दहेज,या किसी अन्य सम्पत्ति की माँग के लिए हानि या नुकसान पहुँचाना भी इसके अन्तर्गत आता है। महिला को अपमानित करना, बच्चा न होने, व लड़का पैदा न होने पर ताने मारना आदि, और महिला के किसी सम्बन्धी को मारने, पीटने की धमकी देना यह सभी घरेलू के अपराध की श्रेणी में आते हैं।
न्यायाधीश श्री शैलेशकुमार तिवारी ने मोटर यान अधिनियम की जानकारी देते हुए उन्हें बताया कि कोई भी विद्यार्थी बिना वैद्य लायसेंस के दुपहिया वाहन न चलाये, विद्यार्थियों में दुपहिया वाहन को अत्यधिक गति में चलाया जाता है जिसके वजह से मानव जीवन को क्षति होने की संभावना अत्यधिक रहती है। नशे में वाहन चलाया जाना दंडनीय अपराध है। विद्यार्थियों में वाहन चालक संबंधी नियमों का परिचालन किया जाना आवश्यक है उन्हें नियमों का ज्ञान व सजा के प्रावधान की जानकारी नही होती है इसी उद्वेश्य की पूर्ति के लिए इस विधिक शिविर की आवश्यकता हो रही है। वाहन चालकों को यह भी जानकारी दिया गया कि 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति द्वारा वाहन चलाया जाना अपराध है तथा 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति द्वारा बिना अनुज्ञा पत्र के लोक मार्ग पर वाहन चलाना अपराध है। यदि कोई वाहन का स्वामी अपनी वाहन को 18 वर्ष से कम व्यक्ति को लचाने देता है तो चालक के साथ-साथ वाहन स्वामी भी अपराध का भगी होता है। कोई भी वाहन लोक मार्ग पर बिना पंजीयन के नही चलाया जा सकता बिना पंजीयन के वाहन चलाना अपराध होता है यदि कोई व्यक्ति वाहन बेचता है तो वाहन बेचे जाने के 15 दिनों के अंदर उक्त वाहन का पंजीयन एवं बीमा का ट्रांसफर करा लेना चाहिए। वाहन चालकों को यह जानकारी दी कि ’’ बिना बीमा के मोटर यान चलाना अपराध है तथा यदि बिना बीमा के मोटर यान से किसी की मृत्यु हो जाने पर मृत के दुर्घटना दावा का भुगतान वाहन स्वामी या वाहन चालक द्वारा किया जाता है। यदि वाहन को बिना बीमा के चलवाया जाता है तो चालक के साथ -साथ वाह स्वामी भी दायित्वाधीन होता है। आनलाईन पढाई होने से शिक्षकों को इस संबंध में अधिक से अधिक जानकारी विद्यार्थियों को दी जानी चाहिए।
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