Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


स्वरूपानंद महाविद्यालय में पर्यावरण सरंक्षण पखवाड़ा पर अतिथि व्याख्यान

  भिलाई। असल बात न्यूज। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में पर्यावरण संरक्षण पखवाड़ा पखवाड़ा मनाया गया, जिसमें पर्यावरण संरक्षण हे...

Also Read

 

भिलाई। असल बात न्यूज।


स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में पर्यावरण संरक्षण पखवाड़ा पखवाड़ा मनाया गया, जिसमें पर्यावरण संरक्षण हेतु जल संरक्षण की महत्ता पर माइकोबायोलॉजी विभाग और आईक्यूएसी एवं एनएसएस के संयुक्त तत्वावधान में "कैच द रेन” विषय के अंतर्गत रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर अतिथि व्याख्यान आयोजित किया गया।

कार्यक्रम संयोजिका डॉ शमा अफरोज बेग ने कार्यक्रम का उददेश्य बताया और पानी का महत्व बताते हुए कहा कि रहीमन पानी राखिये, बीन पानी सब सुन, पानी गये न उबरे मोती, मानूस चून। उन्होंने बताया कि अठारह प्रतिशत स्वच्छ पानी भारत के पास है। 2020 तक भारत के मुख्य मेट्रो दिल्ली, चेन्नई हैदराबाद और बैंगलोर में ग्राउंड लेवल वाटर शून्य हो सकता है। 

महाविद्यालय के सीओओ डॉ दीपक शर्मा ने पानी को सहेजने कैच द रेन कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग कर हम बारिश के पानी को सहेज सकते है। इस तकनीक का उपयोग भविष्य के लिये फायदेमंद होगा।


महाविद्यालय कि प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कार्यक्रम “कैच द रेन" को पानी बचाने का एक सफल कदम बताया। उन्होंने कहा कि पानी जीवन की मूलभूत आवश्यकता है और इसे बचाने से ही इसे बढ़ाया जा सकता है। अतः हमे रेन वाटर हार्वेस्टिंग के उन्नत तकनीकों को अपनाकर इसे भविष्य के लिये सहेजना होगा।


मुख्य वक्ता हाईड्रोजियो साइंटिस्ट एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सलाहकार, छ.ग. शासन विपिन दूबे थे,। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए पानी के प्रकार, पानी की कमी एवं पानी के संचय के उपायों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वर्षों से हम जमीन के अंदर जर्मे पानी का उपयोग कर रहे है परंतु हमने इसको संचय करने का विचार बहुत बाद में लिया। 

अनेक उपायों में से रेन वाटर हार्वेस्टिंग एक ऐसा उपाय है, जिससे हम बारिश के पानी को संचित कर ग्राउंड वॉटर लेवल बढ़ा सकते हैं। विस्तारपूर्वक उन्होंने मानसून की बिगडती स्थिति को देखते हुए रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से पानी जहाँ भी गिरे, जब भी गिरे, हमे उसे रूफ वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से संचित करना होगा, जिससे हम अपनी भावी पीढ़ी के लिये पानी सुरक्षित करेंगे। उन्होंने विभिन्न प्रकार की नवीनतम रेन वाटर हार्वेस्टिंग से अवगत कराया जैसे डायरेक्ट पम्पड, इनडायरेक्ट पम्पड़, वाटर बटु इनडायरेक्ट ग्रेविटी, ग्रेविटी ओनली, रीटेन्सन पोन्ड, इन ग्राऊंड स्टोरेज। उन्होने सभी को रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिये प्रेरित किया और छात्रों को इस दिशा में लोगों को जागरूक करने कहा। उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग को भविष्य को सुरक्षित रखने आज आवश्यक बताया।

सुश्री राखी अरोरा सहायक प्राध्यापक माइकोबायोलाजी ने कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया।