नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज। कोरोना संकट के दौरान छत्तीसगढ़ में हजारों लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है जोकि उनका सहारा थे।इस...
पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई को अपने बैंकों के माध्यम से क्रमशः सिर्फ 330 रुपये और 12 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर योजनाओं के अंतर्गत नामांकित सभी लाभार्थियों को 2 लाख रुपये (प्रत्येक को) के क्रमशः जीवन और दुर्घटना बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए 2015 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि असंगठित क्षेत्र में काम रहे ज्यादा से ज्यादा लोगों को महज 1 रुपये प्रति दिन से कम प्रीमियम पर पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत पंजीकरण के द्वारा 4 लाख रुपये की वित्तीय सुरक्षा दी जाए।
सरकार के वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के माध्यम से, प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत 42 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खोलते समय पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के अंतर्गत क्रमशः 10 करोड़ और 23 करोड़ लोगों का नामांकन किया गया था। जन धन- आधार-मोबाइल को लिंक करके, विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को सीधे अपने बैंक खातों में सरकारी सहयोग प्राप्त हो रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत लंबित दावों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बीमा कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक की। समीक्षा के दौरान, वित्त मंत्री ने पीएमएसबीवाई के तहत किए गए दावों के निस्तारण का जायजा भी लिया और कहा कि 31 मई, 2021 तक 1,629 करोड़ रुपये के कुल 82,660 दावों का भुगतान किया जा चुका है।
उन्होंने महामारी के दौरान पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत दावों के सरल निस्तारण के लिए नए कदम उठाए गए हैं। इसके तहत बीमा कंपनियों द्वारा 30 दिन की बजाय 7 दिनों के भीतर दावों की प्रोसेसिंग पूरी की जा रही है।बैंकों और बीमा कंपनियों के बीच दावा निस्तारण प्रक्रिया का पूरी तरह डिजिटलीकरण कर दिया गया है।कागज भेजने में होने वाली देरी को खत्म करने के लिए ईमेल/ ऐप के माध्यम से दावे के दस्तावेज भेजा जाने लगा है।सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियां जून, 2021 तक दावे सौंपने के लिए एपीआई-आधारित ऐप की व्यवस्था को लागू कर रही हैं।
- मृत्यु प्रमाण पत्र के बदले में इलाज करने वाले डॉक्टर का प्रमाण पत्र और डीएम/ अधिकृत अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र को भी मान्य करने पर विचार किया जा रहा है।जल्द ही प्रपत्रों को युक्तिसंगत और दावों की प्रक्रिया को सरलीकृत किया जा रहा है।माना जा रहा है कि इन दावों से अपने नजदीकियों और प्रियजनों को खोने वाले नामांकितों को जरूरी वित्तीय राहत मिली है, और सरकार के कदमों से यह प्रक्रिया ज्यादा सरहल होगी और इसमें तेजी आएगी।