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21 साल की लड़की 28 दिन बाद पूरी तरह स्वस्थ होकर लौटी, 70 तक पहुंच गया था सैचुरेशन

  - चंदूलाल चन्द्राकर कोविड केअर हॉस्पिटल में थीं एडमिट, आज हुई रिचार्ज दूसरी लहर में युवा भी हो रहै है  बुरी तरह से संक्रमित दुर्ग । असल बा...

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- चंदूलाल चन्द्राकर कोविड केअर हॉस्पिटल में थीं एडमिट, आज हुई रिचार्ज

दूसरी लहर में युवा भी हो रहै है  बुरी तरह से संक्रमित

दुर्ग । असल बात न्यूज।

 कोविड की दूसरी लहर में युवाओं के लिए भी बड़ी खतरनाक साबित हुई है। इस वर्ग के लोग भी  भी  इसके संक्रमण के बुरी तरह से शिकार बन रहे है।इस लहर में अभी तक बड़ी संख्या में युवा  इसके संक्रमण का गंभीर रूप से शिकार हो चुके हैं  हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि अच्छे इलाज की वजह से उन्हें संक्रमण की भयावह कठिन परिस्थितियों से सकुशल बाहर निकलने में सफलता भी मिल रही है ।

 चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल में ऐसा ही जूली के साथ भी हुआ जूली मात्र 21 वर्ष की लड़की है जो संक्रमण का शिकार हुई। जब जूली को चंदूलाल चंद्राकर केयर हॉस्पिटल में लाया गया उस समय उसका ऑक्सीजन लेवल 70 था। 28 दिन के इलाज के पश्चात जूली डिस्चार्ज हुई और अब जूली का ऑक्सीजन लेवल 95 है।

 कोविड केयर हॉस्पिटल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि जब जूली का एडमिशन हुआ उस समय उसकी स्थिति गंभीर थी डॉक्टरों के द्वारा जरूरी मेडिसिन प्लान किए गए, धीरे-धीरे राहत मिलती गई और अब जूली पूरी तरह से संक्रमण से बाहर है और स्वस्थ है। उन्हें पोस्ट कोविड केयर एक्सरसाइज के बारे में बताया गया है। जूली के पिता ने चर्चा में बताया कि हमें उम्मीद से भी अधिक अच्छा इलाज और इतना अच्छा केयर यहां मिल पाया। यहां का हॉस्पिटल स्टाफ बहुत सहयोगी है। डॉक्टर्स दो से तीन बार राउंड लगाते हैं और मरीज के पैरामीटर पर पूरी तरह से नजर रखते हैं। यहां अस्पताल का अनुभव बहुत अच्छा है खाने पीने की व्यवस्था भी बहुत अच्छी है।

 उल्लेखनीय है कि चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल में 25 बेड का आईसीयू भी शुरू हो गया है। यहां सभी बेड में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है तथा आईसीयू केयर स्टाफ 24 घंटे के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ उपलब्ध है। इसके चलते अब बेहद क्रिटिकल मरीजों को शंकराचार्य हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की आवश्यकता नहीं रह गई है। उल्लेखनीय है कि कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए हॉस्पिटल में तेजी से ऑक्सीजन बेड एवं अतिरिक्त हॉस्पिटल मैनेजमेंट स्टाफ का इंतजाम किया गया। इससे मरीजों की रिकवरी काफी तेज हुई है और बहुत से गंभीर मरीज बेहतर हालात में रिकवर होकर घर लौट गए हैं।



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