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भिलाई में प्रदेश का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की तैयारी,ट्रांसपोर्ट नगर हट्खोज भिलाई का होगा कायाकल्प, करो रुपए की कार योजना तैयार, शीघ्र शुरू हो जाएगा काम

  भिलाई के हाथखोज नगर में स्थित ट्रांसपोर्ट नगर को प्रदेश का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की तैयारी चल रही है। इस पर शीघ्र ही काम शुरू हो...

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भिलाई के हाथखोज नगर में स्थित ट्रांसपोर्ट नगर को प्रदेश का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की तैयारी चल रही है। इस पर शीघ्र ही काम शुरू होने जा रहा है।यह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गृह जिला है तो ऐसा होना स्वाभाविक भी लग रहा है।

भिलाई, दुर्ग ।असल बात न्यूज।

अब उन सड़कों पर धूल नहीं उड़ेगी। कितनी भी अधिक भारी वाहन चल ले, सड़क टूटेगी फूटेगी नहीं। सड़क पर गड्ढे नहीं होंगे और सड़क का चौड़ीकरण भी होगा।और बारिश के दिनों में यह रास्ते, तालाब- दलदल  में परिवर्तित होते नहीं दिखेंगे। हम बात कर रहे हैं, भिलाई के ट्रांसपोर्ट नगर की। अभी इस क्षेत्र के हालात को देखें तो पूरा ट्रांसपोर्ट नगर, विकास के मामले में काफी उपेक्षित नजर आता है। पूरा इलाका धूल से सना हुआ, पटा हुआ नजर आता है। सड़कों की तो हालत ऐसी हो गई है कि पूरी सड़क में हर 10 मीटर की दूरी पर एक 1 फीट के गहरे गड्ढे नजर आते हैं। गर्मी के दिनों में यहां दूर आसमान में क्षितिज को छूते हुए धूल के गुबार उड़ते हुए नजर आते हैं तो वहीं बारिश के दिनों में यहां की पूरी सड़क, इलाका, तालाब- दलदल में परिवर्तित नजर आता है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए यहां के लोगों के द्वारा आवाज तो बहुत पहले से उठाई जा रही है लेकिन इस समस्या को दूर करने के शायद ही कभी ठोस प्रयास हुए हो। अब योजनाएं बनी है। इन समस्याओ को दूर करने कदम उठा रहा है। नई पहल दिख रही है। योजनाओं को वित्तीय स्वीकृति भी मिल गई है। सर्वे का काम लगभग पूरा कर लिया गया है।ऐसे में यहां के लोगों को यहां के विकास की नई आस जगी है।

औद्योगिक शहर भिलाई  छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से कई मामलों में उपेक्षा का शिकार रहा है।सभी लोगों ने देखा है कि यहां एक रेलवे अंडर ब्रिज बनने में कितने अधिक साल लग जाते हैं जबकि राजधानी रायपुर सहित दूसरे तमाम शहरों में ऐसे ही रेलवे अंडर ब्रिज एक से 2 साल में बनकर तैयार हो जाते हैं। और उन्हें रंग रोगन कर आकर्षक भी बना दिया जाता है। लेकिन भिलाई के साथ ऐसा नहीं होता रहा है।इस्पात शहर भिलाई का ट्रांसपोर्ट नगर छत्तीसगढ़ प्रदेश का नंबर वन सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट नगर है। लेकिन यह पूरा क्षेत्र  वर्षों से उपेक्षा का शिकार है। यहां नाम मात्र की सुविधाएं हैं। ट्रांसपोर्ट नगर में सबसे अधिक जरूरत सड़क की होती है और यहां से सड़क पूरी तरह से गायब है। सड़क की जगह, धूल भरे रास्ते हैं। एक गाड़ी चलती है तो इतनी अधिक धूल उड़ती है कि आसपास के व्यवसायियों का जीना मुश्किल हो जाता है। लेकिन ऐसे हालात में भी लोग अपना काम- धाम कर रहे हैं। अपनी समस्याओं की और यहां के लोगों ने  शासन- प्रशासन का कई बार  ध्यान आकर्षित कराया, लेकिन समस्याए जस की तस बनी हुई है।

अब इस ट्रांसपोर्ट नगर को छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट नगर के अनुरूप विकसित करने, सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम शुरू किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इन कार्यों के हो जाने के बाद लोग यहां आएंगे और इसे देखेंगे तो उन्हें लगेगा कि वह वास्तव में छत्तीसगढ़ प्रदेश के नंबर वन ट्रांसपोर्ट नगर में है। ट्रांसपोर्ट नगर हथ खोज में ट्रांसपोर्ट नगर पार्ट वन और ट्रांसफर नगर पार्ट 2 इस तरह से दो इलाके हैं। बताया जाता है कि ये विकास के कार्य यहां पहले ट्रांसपोर्ट नगर पार्ट वन में शुरू किए जाएंगे। अभी ज्यादातर ट्रांसपोर्ट यही बसे हुए हैं और इसी क्षेत्र से ट्रांसपोर्ट के काम चलते हैं। इसे विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के समय बसाया गया था, तब यहां सड़क के नाम पर सिर्फ काली मिट्टी वाला मार्ग ही था। बाद में कुछ सुधार के कार्य हुए और गिट्टी डालकर सड़क बनाने की शुरुआत की गई लेकिन इन सड़कों पर इतनी भारी वाहनों का आवागमन होता है कि मामूनी सड़क उनका भार अधिक दिन नहीं ढों सकती।

नगर निगम भिलाई चरोदा के आयुक्त राठौर ने हमारी टीम से बातचीत करते हुए बताया कि यहां अति विकसित सड़क बनाई जाएगी।सबसे पहले इसी बात का ध्यान रखा जा रहा है कि जो भारी वहां यहां चलते हैं उसके अनुरूप उतने भार की क्षमता ढोने वाली सड़क यहां बने। नई बनने वाली सड़क को बनाने में इसी बात का प्राथमिकता पूरा ध्यान रखा जाएगा कि वह अत्यधिक भार  ढोने, सहन करनी की क्षमता  वाली सड़क बन सके।

 बताया जाता है कि यहां सड़के तो बार-बार बनी है लेकिन भारी वाहनों का भार धोने में वे असमर्थ साबित नहीं है, असफल रही है। और नी बनाए जाने के बाद भी वे सड़क कुछ दिन बाद टूट फूट कर गायब हो गई । धीरे-धीरे पूरा  मार्ग, धूल मिट्टी से पटा कच्ची सड़क में परिवर्तित दिख रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रांसपोर्ट नगर पार्ट वन में यहां प्रतिदिन 15,000 से अधिक गाड़ियों का आना जाना, आवागमन होता है। यहां कई इतने अधिक भारी वाहन चलते हैं जिनमें डेढ़ सौ टन से अधिक माल लदा होता है। प्रदेश का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट नगर है तो स्वभाविक तौर पर पर ऐसे वाहनों का यहां आना-जाना आवागमन होता ही रहेगा। सड़क नहीं है इसलिए ऐसे वाहनों का आवागमन बंद नहीं किया जा सकता।

आयुक्त श्री राठौर कहते हैं यहां  जब नई सड़क बनाने का काम शुरू हो रहा है तो हम ऐसी छोटी-छोटी बातों को प्राथमिकता पूर्वक देख रहे हैं,। उन पर बारीकी से ध्यान दें रहे हैं। यह तय किया गया है कि यहां जो नई सड़क बनेगी वह डेढ़ सौ सबसे अधिक वाहनों का बोझ वर्षों तक ढो सकेगी, और सालों साल चलती रहेगी। इसके लिए यहां एम - 40 किस्म की सड़क बनाना तय किया गया है। यह माना गया है कि ऐसी शर्त पर डेढ़ सौ से अधिक भारी वाहन चल सकते हैं और उन से सड़कों को नुकसान नहीं होता।

ऐसी उच्च गुणवत्ता युक्त सड़क तो बनाए ही जाएगी, और वे सड़कें अत्यंत चौड़ी भी होंगी। उसके साथ वाहनों को खड़े करने के लिए कंक्रीट के विशाल प्लेटफार्म भी बना जाएंगे।  इस प्लेटफार्म पर एक साथ हजारों गाड़ियां खड़ी हो सकेंगी। यहां के ट्रांसपोर्टर्स इन सुविधाओं का बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे हैं। अभी फिलहाल इसके सर्वे का काम पूरा किया गया है। औद्योगिक शहर भिलाई में विकास हो रहा है तो औद्योगिक इकाइयों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और इसके साथ यहां वाहनों का आवागमन भी बढ़ता ही जाएगा। शांति तथा मजदूरों की बहुलता वाले इस क्षेत्र में औद्योगिक संस्थानों की स्थापना करने के प्रति दूर-दूर के लोगों का आकर्षण  ,लगातार बना रहा है। देश के प्रति स्थानों से वहां वाहनों का आवागमन होता है। दूर दूर के स्थानों के ट्रांसपोटर जब यहां अपने वाहनों के साथ पहुंचेंगे तो अब उन्हें नया जगमगाता ट्रांसपोर्ट नगर नजर आएगा।

सड़क बनाने के साथ पानी निकासी हेतु यहां समुचित नाली बनाने का भी काम किया जाएगा। उसके साथ यहां कमर्शियल कांप्लेक्स बनाए जाने की भी योजना है जिसमें नए लोगों को काफी रोजगार मिलने की संभावना है। वही यहां धर्म कांटा भी लगाया जाएगा जिसमें भारी वाहनों का भी वजन किया जा सकेगा। यह सब योजना फिलहाल यहां से ट्रांसपोर्ट नगर पार्ट वन की है।

यहां के ट्रांसपोर्ट नगर part-2 को अलग से विकसित किया जाएग।ट्रांसपोर्ट नगर पार्ट 2 विकसित किए जाने के काम शुरू हो जाने के बाद इस क्षेत्र में नए लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलने की संभावना है।ऐसे काम शुरू हो रहे हैं तो लग रहा है कि वर्षो से उपेक्षित भिलाई और दुर्ग जिला अब बदल रहा है।